• दिव्यांग बच्चों के लिए सांकेतिक भाषा कितनी जरूरी है इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी : रजीत सिंह
सुसनेर नगर से आज दिनांक 23,9,2024 को साई कॉलेज ऑफ स्पेशल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर झालावाड़ में अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक दिवस का आयोजन किया गया इस मौके पर संचालित कालेज के बच्चों द्वारा सांकेतिक भाषा के बारे में लोगों को जागरूक किया इस मौके कॉलेज निर्देशक प्रतिमा सिंह चौहान मैडम ने कहा कि जो लोग सुन या बोल नहीं सकते, उनके हाथों, चेहरे और शरीर के हाव-भाव से बातचीत की भाषा को सांकेतिक भाषा कहा जाता है। कॉलेज एसिस्टेंट डायरेक्टर श्रीमान ऐश्वर्या प्रताप सिंह ने बताया इशारों से कैसे बात की जाती है यह शायद मुक बधिरो बच्चों से बेहतर कोई नहीं जानता पाठ्यक्रम संचालक श्रीमान सुशील पूनिया सर ने बताया अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के अवसर पर सांकेतिक भाषा के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी और इसके महत्व को समझाया व दिव्यांग बच्चों के लिए सांकेतिक भाषा कितनी जरूरी है इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी रजत सिंह धारीवाल सर ने बताया श्रवण बाधित बच्चे सांकेतिक भाषा के माध्यम से अपनी बातों को अभिव्यक्त करते हैं पुस्तकालय अध्यक्ष शशि सिंह शेखावत ने बताया कि सांकेतिक भाषा के भी अपने व्याकरण और नियम है सांकेतिक भाषा मुक बाधिर के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इससे मुख बधिर लोगों का मातृभाषा भी कहा जा सकता है इस मौके पर कॉलेज स्टाफ साइकोलॉजिस्ट सतीश कुमार कॉलेज प्रोफेसर भूपेश बैरवा कॉलेज थैरेपिस्ट सुनील चौधरी कॉलेज प्रोफेसर सुखराम जाट कंप्यूटर ऑपरेटर ,तनिशा मोबिया और सरोज मैडम अनुसुइया और स्मस्थ स्कूल स्टाफ उपस्थित रहा।उक्त जानकारी श्रीमान रजीत जी सर के द्वारा दी गई