सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है।शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है।पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त,चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त, योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🌄श्री *सनातन हिंदू पंचांग-23.09.2024🌄
🌞आज का पंचांग एवं राशिफल🌞
🕉️ शुभ सोमवार – 🌞- शुभ प्रभात् 🕉️
74-30💥मध्यमान💥75-30
(केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)*
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____________आज विशेष____________
*गया तीर्थ की कथा* भटकती हुई आत्माओं की मुक्ति का सक्षम् एवं अंतिम् श्राद्ध कर्म है.. _________________________________
_________दैनिक पंचांग विवरण______
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आज दिनांक………………….23.09.2024
कलियुग संवत्…………………………5126
विक्रम संवत्………………………….. 2081
शक संवत्……………………………..1946
संवत्सर………………………….श्री कालयुक्त
अयन………………………………दक्षिणायन
गोल…………………………………. ..दक्षिण
ऋतु………………………………………शरद्
मास………………………………….. आश्विन
पक्ष………………………………………कृष्ण
तिथि……..षष्ठी. अपरा. 1.50 तक / सप्तमी
वार………………………………….. सोमवार
नक्षत्र….रोहिणी. रात्रि. 10.08 तक / मृगशिरा
चंद्रराशि………………वृषभ. संपूर्ण (अहोरात्र)
योग……सिद्धि. रात्रि. 3.09* तक / व्यतिपात्
करण…………….. वणिज. अपरा. 1.50 तक
करण……विष्टि(भद्रा)-रात्रि. 1.10* तक / बव
_________________________________
*नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो
वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है _________________________________*
*विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट*
🌞श्री सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार🌞
दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा – 5 मिनट————-मुंबई +7 मिनट
लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिन _______________________________
-सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची- _______________________________
सूर्योदय…………………. प्रातः 6.21.38 पर
सूर्यास्त………………… . सायं. 6.25.21 पर
दिनमान-घं.मि.सै……………….. .12.03.43
रात्रिमान-घं.मि.सै……………….. 11.56.39
चंद्रास्त…………………. 11.54.35 AM पर
चंद्रोदय…………………. 10.25.52 PM पर
राहुकाल…. प्रातः 7.52 से 9.23 तक(अशुभ)
यमघंट..पूर्वा. 10.53 से 12.23 तक (अशुभ)
गुलिक………….. अपरा. 1.54 से 3.24 तक
अभिजित…….. मध्या.11.59 से 12.48 तक
पंचक…………………………………. .नहीं है
हवन मुहूर्त(अग्निवास)………………..आज है
दिशाशूल……………………………. पूर्व दिशा
दोष परिहार……. .दूध का सेवन कर यात्रा करें
_______________________________
🌄 *विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय🌄*
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अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.
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ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है.. _________________________________
प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और
बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है…________________________________
गौधूलिक काल सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं
12 मिनट बाद का समय कहलाता है
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✴️ *भद्रा वास शुभाशुभ विचार* ✴️_______________________________
भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें.. ______________________
* *दैनिक सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट * ________________________________*
लग्न …….. कन्या 5°59′ उत्तर फाल्गुनी 3 पा
सूर्य ………कन्या 6°18′ उत्तर फाल्गुनी 3 पा
चन्द्र ……………वृषभ 14°17′ रोहिणी 2 वा
बुध ^ …… .सिंह 29°44′ उत्तर फाल्गुनी 1 टे
शुक्र ……………….. .तुला 5°44′ चित्रा 4 री
मंगल …………… .मिथुन 16°22′ आद्रा 3 ङ
बृहस्पति …… . वृषभ 26°40′ मृगशीर्षा 2 वो
शनि * …… ..कुम्भ 20°48′ पूर्वभाद्रपद 1 से
राहू * ……. .मीन 12°40′ उत्तरभाद्रपद 3 झ
केतु * ……………. कन्या 12°40′ हस्त 1 पू _________________________________
🌄 *दिन का चौघड़िया* 🌄 _________________________________
अमृत……………..प्रातः 6.22 से 7.52 तक
शुभ……………..प्रातः 9.23 से 10.53 तक
चंचल……………अपरा. 1.54 से 3.24 तक
लाभ…………….अपरा. 3.24 से 4.55 तक
अमृत……………..सायं. 4.55 से 6.25 तक
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*रात्रि का चौघड़िया*
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चंचल…….. सायं- रात्रि. 6.25 से 7.55 तक
लाभ……रात्रि. 10.54 से 12.24* AM तक
शुभ…..रात्रि. 1.53 AM से 3.23 AM तक
अमृत….रात्रि. 3.23 AM से 4.52 AM तक
चंचल….रात्रि. 4.52 AM से 6.22 AM तक _________________________________
(विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है ) _________________________________
🌞🕉️ *शुभ शिववास की तिथियां🕉️🌞*
शुक्ल पक्ष-2—–5—–6—- 9——-12—-13.
कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—-12—-30.
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दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण
संदर्भ विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये..
आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर.. _______________________________
10.29 AM तक—-रोहिणी—-2——वा
04.16 PM तक—-रोहिणी—-3——वी
10.08 PM तक—-रोहिणी—-4——-वू
03.59 AM तक—मृगशिरा—-1——-वे
उपरांत रात्रि तक—मृगशिरा—-2——-वो
_________राशि वृष – पाया स्वर्ण_______
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____________आज का दिन__________ _______________________________
व्रत विशेष………………………………नहीं है
अन्य व्रत……………………………… .नहीं है
दिन विशेष………. राष्ट्रीय आश्विन मास प्रारंभ
श्राद्ध विशेष…………………… .सप्तमी श्राद्ध
पर्व विशेष…………………………….. नहीं है
समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष….. विश्व सांकेतिक भाषा दिवस
पंचक………………………………….. नहीं है
विष्टि(भद्रा).अपरा. 1.50 से रात्रि 1.10* तक
हवन मुहूर्त…………………………….आज है
खगोलीय……………………………… नहीं है
सर्वा.सि.योग……………… . संपूर्ण (अहोरात्र) अमृत सि.योग……………………….. . नहीं है
सिद्ध रवियोग……..उदयात् रात्रि. 10.08 तक_____________________________
*__अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी__ ________________________________*
दिनांक……………………….. 24.09.2024 तिथि………. आश्विन कृष्णा सप्तमी मंगलवार
व्रत विशेष…………………………….. नहीं है
अन्य व्रत……………………………… . नहीं है
दिन विशेष…………………………….. नहीं है
श्राद्ध विशेष……………………. अष्टमी श्राद्ध
पर्व विशेष…………………………….. नहीं है
समय विशेष….. .पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष……….. अंतरराष्ट्रीय नदी दिवस
पंचक…………………………………. .नहीं है
विष्टि(भद्रा)……………………………. नहीं है
हवन मुहूर्त……………………… आज नहीं है
खगोलीय……………………………… नहीं है
सर्वा.सि.योग…………………………. .नहीं है अमृत सि.योग……………………….. ..नहीं है
सिद्ध रवियोग………………………. … नहीं है
✴️ *आज की विशेष प्रस्तुति* ✴️
💥 *धर्म ज्योतिष आध्यात्म वास्तु राशिफल 💥*
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*गया तीर्थ की कथा* भटकती हुई आत्माओं की मुक्ति का सक्षम् एवं अंतिम् श्राद्ध कर्म..
ब्रह्माजी जब सृष्टि की रचना कर रहे थे उस दौरान उनसे असुर कुल में गया नामक असुर की रचना हो गई। गया असुरों के संतान रूप में पैदा नहीं हुआ था इसलिए उसमें आसुरी प्रवृति नहीं थी. वह देवताओं का सम्मान और आराधना करता था।
उसके मन में एक खटका था. वह सोचा करता था कि भले ही वह संत प्रवृति का है लेकिन असुर कुल में पैदा होने के कारण उसे कभी सम्मान नहीं मिलेगा. इसलिए क्यों न अच्छे कर्म से इतना पुण्य अर्जित किया जाए ताकि उसे स्वर्ग मिले।
गयासुर ने कठोर तप से भगवान श्री विष्णुजी को प्रसन्न किया. भगवान ने वरदान मांगने को कहा तो गयासुर ने मांगा- आप मेरे शरीर में वास करें. जो मुझे देखे उसके सारे पाप नष्ट हो जाएं. वह जीव पुण्यात्मा हो जाए और उसे स्वर्ग में स्थान मिले।
भगवान से वरदान पाकर गयासुर घूम-घूमकर लोगों के पाप दूर करने लगा. जो भी उसे देख लेता उसके पाप नष्ट हो जाते और स्वर्ग का अधिकारी हो जाता।
इससे यमराज की व्यवस्था गड़बड़ा गई. कोई घोर पापी भी कभी गयासुर के दर्शन कर लेता तो उसके पाप नष्ट हो जाते. यमराज उसे नर्क भेजने की तैयारी करते तो वह गयासुर के दर्शन के प्रभाव से स्वर्ग मांगने लगता. यमराज को हिसाब रखने में संकट हो गया था।
यमराज ने ब्रह्माजी से कहा कि अगर गयासुर को न रोका गया तो आपका वह विधान समाप्त हो जाएगा जिसमें आपने सभी को उसके कर्म के अनुसार फल भोगने की व्यवस्था दी है. पापी भी गयासुर के प्रभाव से स्वर्ग भोंगेगे।
ब्रह्माजी ने उपाय निकाला. उन्होंने गयासुर से कहा कि तुम्हारा शरीर सबसे ज्यादा पवित्र है इसलिए तुम्हारी पीठ पर बैठकर मैं सभी देवताओं के साथ यज्ञ करुंगा।
उसकी पीठ पर यज्ञ होगा यह सुनकर गया सहर्ष तैयार हो गया. ब्रह्माजी सभी देवताओं के साथ पत्थर से गया को दबाकर बैठ गए. इतने भार के बावजूद भी वह अचल नहीं हुआ. वह घूमने-फिरने में फिर भी समर्थ था।
देवताओं को चिंता हुई. उन्होंने आपस में सलाह की कि इसे श्री विष्णु ने वरदान दिया है इसलिए अगर स्वयं श्री हरि भी देवताओं के साथ बैठ जाएं तो गयासुर अचल हो जाएगा. श्री हरि भी उसके शरीर पर आ बैठे।
श्री विष्णु जी को भी सभी देवताओं के साथ अपने शरीर पर बैठा देखकर गयासुर ने कहा- आप सब और मेरे आराध्य श्री हरि की मर्यादा के लिए अब मैं अचल हो रहा हूं. घूम-घूमकर लोगों के पाप हरने का कार्य बंद कर दूंगा।
लेकिन मुझे चूंकि श्री हरि का आशीर्वाद है इसलिए वह व्यर्थ नहीं जा सकता इसलिए श्री हरि आप मुझे पत्थर की शिला बना दें और यहीं स्थापित कर दें।
श्री हरि उसकी इस भावना से बड़े खुश हुए. उन्होंने कहा- गया अगर तुम्हारी कोई और इच्छा हो तो मुझसे वरदान के रूप में मांग लो।
गया ने कहा- ” हे नारायण मेरी इच्छा है कि आप सभी देवताओं के साथ अप्रत्यक्ष रूप से इसी शिला पर विराजमान रहें और यह स्थान मृत्यु के बाद किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों के लिए तीर्थस्थल बन जाए.”
श्री विष्णु ने कहा- गया तुम धन्य हो. तुमने लोगों के जीवित अवस्था में भी कल्याण का वरदान मांगा और मृत्यु के बाद भी मृत आत्माओं के कल्याण के लिए वरदान मांग रहे हो. तुम्हारी इस कल्याणकारी भावना से हम सब बंध गए हैं।
भगवान ने आशीर्वाद दिया कि जहां गया स्थापित हुआ वहां पितरों के श्राद्ध-तर्पण आदि करने से मृत आत्माओं को पीड़ा से मुक्ति मिलेगी. क्षेत्र का नाम गयासुर के अर्धभाग गया नाम से तीर्थ रूप में विख्यात होगा. मैं स्वयं यहां विराजमान रहूंगा।
इस तीर्थ से समस्त मानव जाति का कल्याण होगा।साथ ही वहा भगवान “श्री विष्णुजी* ने अपने पेर का निशान स्थापित किया जो आज भी वहा के मंदिर मे दर्शनीय हे |
गया विधि के अनुसार श्राद्ध फल्गू नदी के तट पर विष्णु पद मंदिर में व अक्षयवट के नीचे किया जाता है।
वह स्थान बिहार के गया में हुआ जहां श्राद्ध आदि करने से पितरों का कल्याण होता हैl
पिंडदान की शुरुआत कब और किसने की, यह बताना उतना ही कठिन है जितना कि भारतीय धर्म-संस्कृति के उद्भव की कोई तिथि निश्चित करना। परंतु स्थानीय पंडों का कहना है कि सर्व प्रथम सतयुग में ब्रह्माजी ने पिंडदान किया था। महाभारत के ‘वन पर्व’ में भीष्म पितामह और पांडवों की गया-यात्रा का उल्लेख मिलता है। श्रीराम ने महाराजा दशरथ का पिण्ड दान यहीं (गया) में किया था। गया के पंडों के पास साक्ष्यों से स्पष्ट है कि मौर्य और गुप्त राजाओं से लेकर कुमारिल भट्ट, चाणक्य, रामकृष्ण परमहंस व चैतन्य महाप्रभु जैसे महापुरुषों का भी गया में पिंडदान करने का प्रमाण मिलता है। गया में फल्गू नदी प्रायः सूखी रहती है। इस संदर्भ में एक कथा प्रचलित है।
भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीताजी के साथ पिता दशरथ का श्राद्ध करने गयाधाम पहुंचे। श्राद्ध कर्म के लिए आवश्यक सामग्री लाने वे चले गये। तब तक राजा दशरथ की आत्मा ने पिंड की मांग कर दी। फल्गू नदी तट पर अकेली बैठी सीताजी अत्यंत असमंजस में पड़ गई। माता सीताजी ने फल्गु नदी, गाय, वटवृक्ष और केतकी के फूल को साक्षी मानकर पिंडदान कर दिया।जब भगवान श्री राम आए तो उन्हें पूरी कहानी सुनाई, परंतु भगवान को विश्वास नहीं हुआ।
तब जिन्हें साक्षी मानकर पिंडदान किया था, उन सबको सामने लाया गया। पंडा, फल्गु नदी, गाय और केतकी फूल ने झूठ बोल दिया परंतु अक्षयवट ने सत्यवादिता का परिचय देते हुए माता की लाज रख ली….।
इससे क्रोधित होकर सीताजी ने फल्गू नदी को श्राप दे दिया कि तुम सदा सूखी रहोगी जबकि गाय को मैला खाने का श्राप दिया केतकी के फूल को पितृ पूजन मे निषेध का। वटवृक्ष पर प्रसन्न होकर सीताजी ने उसे सदा दूसरों को छाया प्रदान करने व लंबी आयु का वरदान दिया। तब से ही फल्गू नदी हमेशा सूखी रहती हैं, जबकि वटवृक्ष अभी भी तीर्थयात्रियों को छाया प्रदान करता है। आज भी फल्गू तट पर स्थित सीता कुंड में बालू का पिंड दान करने की क्रिया (परंपरा) संपन्न होती है_____________________
🕉️ *आज का राशिफल* 🕉️
मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आज गर्भवती महिलाओं को चलते-फिरते समय ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है। अगर संभव हो तो ऐसे लोगों से दूर रहें जो धूम्रपान करते हैं, क्योंकि इससे पैदा होने वाले शिशु को नुक़सान हो सकता है। आपकी मनोकामनाएं दुआओं के ज़रिए पूरी होंगी और सौभाग्य आपकी तरफ़ आएगा- और साथ ही पिछले दिन की मेहनत भी रंग लाएगी। ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों पर रुपये ख़र्च कर आप अपने जीवन-साथी को नाराज़ कर सकते हैं। आज कार्यालय में आपको कुछ अच्छा समाचार सुनने को मिल सकता है। बातों को सही तरीके से समझने का आज आपको प्रयास करना चाहिए नहीं तो इसकी वजह से आप खाली समय में इन्हीं बातों के बारे में सोचते रहेंगे और अपना समय बर्बाद करेंगे। आपका जीवनसाथी आपको ख़ुश करने के लिए आज काफ़ी कोशिशें करता नज़र आएगा।
वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
आज आपजीवन-साथी ख़ुशी की वजह साबित होगा। आर्थिक तौर पर सुधार तय है। घर पर आपके बच्चे आपके सामने किसी समस्या को तिल का ताड़ बनाकर पेश करेंगे- कोई भी क़दम उठाने से पहले तथ्यों की भली-भांति पड़ताल कर लें। प्रतिस्पर्धा के चलते काम-काज की अधिकता थकावट भरी हो सकती है। आज आपको अपने कामों को समय पर निपटाने की कोशिश करनी चाहिए। ख्याल रखें कि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है जिसको आपकी जरुरत है। आपका जीवनसाथी आज आपके लिए कुछ बहुत ख़ास करने वाला है।
मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
आज इससे पहले कि नकारात्मक विचार मानसिक बीमारी का रूप ले लें, आप उन्हें ख़त्म कर दें। ऐसा आप किसी दान-पुण्य के काम में सहभागिता के ज़रिए कर सकते हैं, जिससे आपको मानसिक संतोष मिलेगा। करीबी रिश्तेदारों के घर जाना आज आपकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ सकता है। अनचाहे मेहमानों से शाम को आपका घर भरा रह सकता है। शाम के लिए कोई ख़ास योजना बनाएँ और कोशिश करें कि यह ज़्यादा-से-ज़्यादा मस्त हो। अगर आज आपका रुख़ विनम्र और सहयोगी है, तो आपको अपने साझीदारों से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। बेवजह की उलझनों से दूर होकर आज आप किसी मंदिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थल पर अपना खाली समय बिता सकते हैं। थोड़ी-सी कोशिश करें तो यह दिन आपके वैवाहिक जीवन के सबसे विशेष दिनों में से एक हो सकता है।
कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, जो आध्यात्मिक जीवन के लिए आवश्यक है। मस्तिष्क जीवन का द्वार है, क्योंकि अच्छा-बुरा सब-कुछ इसी के माध्यम से आता है। यही ज़िंदगी की समस्याएँ दूर करने में सहायक सिद्ध होता है और सही सोच से इंसान को आलोकित करता है। दिन के दूसरे हिस्से में आर्थिक तौर पर फ़ायदा होगा। अपने बर्ताव में उदार बनें और परिवार के साथ प्यार भरे पल गुज़ारें। आपका प्यार न सिर्फ़ परवान चढ़ेगा, बल्कि नई ऊँचाइयों को भी छूएगा। दिन की शुरुआत प्रिय की मुस्कान से होगी और रात उसके सपनों में ढलेगी। व्यवसायियों के लिए अच्छा दिन है, क्योंकि उन्हें अचानक बड़ा फ़ायदा हो सकता है। जो लोग घर सेे बाहर रहते हैं आज वो अपने सारे काम पूरे करके शाम के समय किसी पार्क या एकांत जगह पर समय बिताना पसंद करेंगे। सुबह जीवनसाथी से आपको कुछ ऐसा मिल सकता है, जिससे आपका सारा दिन ख़ुशगवार गुज़रेगा।
सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
आपको आज के मनोरंजन में बाहर की गतिविधियों और खेल-कूद को शामिल करना चाहिए। अपने धन का संचय कैसे करना है यह हुनर आज आप सीख सकते हैं और इस हुनर को सीख कर आप अपना धन बचा सकते हैं। आपकी सहानुभूति और समझ को पुरस्कार मिलेगा। लेकिन सावधान रहें, क्योंकि जल्दबाज़ी में लिया कोई भी फ़ैसला दबाव बना सकता है। अनपेक्षित रोमांटिक आकर्षण की संभावना है। यह दूसरे देशों में व्यावसायिक सम्पर्क बनाने का बेहतरीन समय है। किसी नये काम के आगाज के लिए आपको पहले उसके बारे में अनुभवी लोगों से बात करनी चाहिए। अगर आज आपके पास समय है तो उस क्षेत्र के अनुभवी लोगों से मिल लें जो काम आप शुरु करने वाले हैं।
कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
आज आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हिम्मत न हारें और इच्छित फल पाने के लिए कड़ी मेहनत करें। इन नाकामियों को तरक़्क़ी का आधार बनाएँ। मुश्किल घड़ी में रिश्तेदार भी काम आएंगे। इस राशि के जो लोग विदेशों से व्यापार करते हैं उन्हें आज अच्छा खासा धन लाभ हो सकता है। आपकी उपलब्धि परिवार के सदस्यों को उत्साह से भर देगी और आप अपनी क़ामयाबी की फ़ेहरिस्त में एक नया मोती जड़ेंगे। दूसरों के सामने आदर्श स्थापित करने के लिए ख़ुद को बेहतर बनाने की कोशिश जारी रखें। आज आपकी कलात्मक और रचनात्मक क्षमता को काफ़ी सराहना मिलेगी और इसके चलते अचानक लाभ मिलने की संभावना भी है। अगर आप अपनी चीज़ों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो उनके खोने या चोरी होने की संभावना है। आपका जीवनसाथी बिना जाने कुछ ऐसा ख़ास काम कर सकता है, जिसे आप कभी भुला नहीं पाएंगे।
तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
आज का दिन फ़ायदेमन्द साबित होगा और आप किसी पुरानी बीमारी में काफ़ी आराम महसूस करेंगे। इस राशि के बड़े कारोबारियों को आज के दिन बहुत सोच समझकर पैसा निवेश करने की जरुरत है। अपने जीवनसाथी के मामलों में ज़रूरत से ज़्यादा दखल देना उसकी झुंझलाहट का कारण बन सकता है। ग़ुस्से को फिर से भड़कने से रोकने के लिए उसकी इजाज़त लें, तो आसानी से इस परेशानी को हल किया जा सकता है। मतभेद के चलते व्यक्तिगत संबंधों में दरार पड़ सकती है। व्यावसायिक फ़ैसलों को लेने के लिहाज़ से आज का दिन बेहतर है। जीवन का आनंद लेने के लिए आपको अपने दोस्तों को भी समय देना चाहिए। अगर आप समाज से कटकर रहेंगे तो आवश्यकता पड़ने पर आपके साथ भी कोई नहीं होगा। मुश्किल हालात से उबरने में आपके जीवनसाथी की तरफ़ से ज़्यादा सहयोग हासिल नहीं होगा।
वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आज पुरानी दबी हुई समस्याएँ फिर से उभरकर आपको मानसिक तनाव दे सकती हैं। ख़र्चों पर क़ाबू रखने की कोशिश करें और सिर्फ़ ज़रूरी चीज़ें ही ख़रीदें। आपकी भरपूर ऊर्जा और ज़बरदस्त उत्साह सकारात्मक परिणाम लाएंगे व घरेलू तनाव दूर करने में मददगार रहेंगे। साझीदारी और व्यापार में हिस्सेदारी वग़ैरह से दूर रहें। कोई रोचक मैगजीन या उपन्यास पढ़ के आजके दिन को आप अच्छी तरह से व्यतीत कर सकते हैं। आज अपने जीवनसाथी का वह रुख़ देखने को मिलेगा, जो उतना अच्छा नहीं है।
धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
आज हर इंसान को ग़ौर से सुनें, हो सकता है आपको अपनी समस्या का समाधान मिल जाए। सट्टेबाज़ी से फ़ायदा हो सकता है। परिवार और बच्चों के साथ बिताया समय आपको फिर ऊर्जा से भरपूर कर देगा। आपके प्रेम की राह एक ख़ूबसूरत मोड़ ले सकती है। आज आपको पता चलेगा कि फ़िजा़ओं में जब प्यार घुलता है तो कैसा महसूस होता है। दफ़्तर में आप तारीफ़ पाएंगे। आज आप ऑफिस से घर वापस आकर अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं। इससे आपके मन को शांति मिलेगी।
मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
आज के दिन आलस्य और आपका कम ऊर्जा-स्तर आपके शरीर के लिए ज़हर काम करेंगे। किसी सृजनात्मक काम में ख़ुद को व्यस्त रखना बेहतर रहेगा। साथ ही बीमारी से जूझने के लिए ख़ुद को उत्साहित करते रहें। आज संभव है कि आपको धन से जुड़ी कोई समस्या हो लेकिन अपनी सूझबूझ से आप हानि को भी मुनाफे में बदल सकते हैं। तनाव का दौर बरक़रार रहेगा, लेकिन पारिवारिक सहयोग मदद देगा। सम्हल कर दोस्तों से बात करें, क्योंकि आज के दिन दोस्ती में दरार पड़ने की आशंका है। आज पूरे दिन आप खाली रह सकते हैं और टीवी पर कई फिल्में और प्रोग्राम देख सकते हैं। ज़रूरत के वक़्त आपका जीवनसाथी आपके परिवार की अपेक्षा अपने परिवार को ज़्यादा तरजीह देता हुआ नज़र आ सकता है।
कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आज आप क़िस्मत के भरोसे न बैठें और अपनी सेहत सुधारने के लिए ख़ुद मेहनत करें, क्योंकि हाथ पर हाथ रखे रहने से कुछ नहीं होने वाला। अब वक़्त आ गया है कि आप अपना वज़न क़ाबू में करें और स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम का सहारा लें। रियल एस्टेट और वित्तीय लेन-देन के लिए अच्छा दिन है। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों से परिचय बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियाँ अच्छा मौक़ा साबित होंगी। आज आप जीवन में सच्चे प्रेम की कमी का अनुभव करेंगे। ज़्यादा चिंता न करें, हर चीज़ समय के साथ बदलती है और इसलिए आपकी ज़िंदगी में भी बदलाव आएगा। काम को मनोरंजन के साथ न मिलाएँ। इस राशि के जातक खाली वक्त में आज किसी समस्या का समाधान निकालने की कोशिश कर सकते हैं। कोई व्यक्ति आपके जीवनसाथी में काफ़ी दिलचस्पी दिखा सकता है, लेकिन दिन के आख़िर तक आपको एहसास होगा कि इसमें कुछ ग़लत नहीं है।
मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज आपको अपनी सेहत की चिंता करने की क़तई ज़रूरत नहीं है। आपके आस-पास के लोग आपको प्रोत्साहित करेंगे व सराहेंगे। अगर आप लम्बे वक़्त के लिए निवेश करें, तो अच्छा-ख़ासा फ़ायदा हासिल कर सकते हैं। आज आपका ऊर्जा से भरपूर, ज़िंदादिल और गर्मजोशी से भरा व्यवहार आपके आस-पास के लोगों को ख़ुश कर देगा। आज वे कपड़े न पहनें जो आपके प्रिय को पसंद न हों, नहीं तो संभव है कि वो आहत महसूस करे। आज आपके पास अपनी धनार्जन की क्षमता को बढ़ाने के लिए ताक़त और समझ दोनों ही होंगे। आप जिस प्रतियोगिता में भी क़दम रखेंगे, आपका प्रतिस्पर्धी स्वभाव आपको जीत दिलाने में सहयोग देगा। परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी दिक़्क़त का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन दिन के आख़िर में आपका जीवनसाथी आपकी परेशानियों को समझेगा।
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