चंदौली : कर्मनाशा नदी में चंदौली जिले के बांधों से पानी छोड़े जाने की रफ्तार भले कम हो गई लेकिन अभी नदी के तटवर्ती इलाकों में दुश्वारियां कम नहीं हुई है।
कर्मनाशा नदी में चंदौली जिले के बांधों से पानी छोड़े जाने की रफ्तार भले कम हो गई लेकिन अभी नदी के तटवर्ती इलाकों में दुश्वारियां कम नहीं हुई है। धीना और कंदवा क्षेत्र में पानी बढ़ने से ककरैत दुर्गावती पर पानी पहुंचने सहित आधा दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग डूब गये हैं। मार्गो पर लगभग 3 से 4 फीट पानी बह रहा है। इससे मार्ग पर पूरी तरह से आवागमन बंद हो गया। पुलिस मार्ग पर बैरियर लगाकर जाने वाले को रोकने का काम कर रही है। ताकि कोई अनहोनी न हो सके। जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी होने ग्रामीण चिंतित नजर आ रहे है।
आपको बता दें कि कर्मनाशा का पानी बुधवार की सुबह गांवो मे रुख करने लगा है। पानी मे बढोत्तरी होने से आधा दर्जन गांवों के सम्पर्क मार्ग पर पानी आ गया। जबकि रात होते होते मार्गों पर 3 से 4 फूट पानी बहने लगा है। इससे आधा दर्जन गांवो के ग्रामीणों का आवागमन बंद हो गया है। कर्मनाशा नदी के उफान से तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों की आफत बन गयी है। पानी मे लगातार बढ़ोतरी से ककरैत दुर्गावती मार्ग, ओयरचक जमानिया मार्ग, अरंगी-लोहरा मार्ग, धनाईतपुर-अरंगी, अदसड-ककरैत, मुड्डा-धनाईतपुर आदि मार्ग पर पानी बह रहा है। इससे ग्रामीण नदी के पानी मे तेजी से बढ़ाव होने से मुश्किलें बढ़ने लगी है।
कर्मनाशा नदी के किनारे बसे चारी, चिरईगांव, मुड्डा, अरंगी, करौती, ककरैत, पोखरा, ओवरचक, सहित आधा दर्जन से ज्यादा नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इससे पशुओं के लिए चारे की संकट उत्पन्न हो गई है। क्योंकि नदी के बढ़ते जलस्तर से पशुओं का चारा व अरहर की फसल डूब गयी है। ग्रामीण दिन भर सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं। नदी के किनारे के घरों से जरूरी सामान निकाल कर ऊंचे स्थानों पर बने मकानों में सुरक्षित करने लगे हैं। पानी मे लगातार बढ़ोतरी से गांवों में भी पानी घुसने का खतरा बना हुआ है। इससे ग्रामीणों को संक्रामक बीमारियों का भी भय बना हुआ है। पशुपालक अपने अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गए है। पुलिस प्रशासन बाढ़ वाले क्षेत्रों का निरीक्षण कर ग्रामीणों को सावधानी बरतने का सलाह दे रहे है।
वही शहाबगंज क्षेत्र में पिछले दिनों आयी बाढ़ का पानी कम होने से लोगों ने भले ही राहत की सांस ली हो लेकिन उनकी समस्या कम नहीं कर हुई हैं। कर्मनाशा नदी का जलस्तर घटने के बाद नदी के किनारे बाढ़ से प्रभावित रिहायशी कच्चे घरों के गिरने और संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है। हालांकि पानी कम होने पर कस्बे में बंद किए गए पुराने पुल को आवागमन के लिए गुरुवार को दोपहर में खोल दिया गया था लेकिन पुल की रेलिंग टूटने के कारण देर शाम उसे फिर बंद कर दिया गया है। वहीं सदर ब्लाक के नरहन में यूपी बिहार को जोड़ने वाले कर्मनाशा नदी पर बने पुल को भी खोल दिया गया है। बुधवार को पुल में दरार पड़ने की सूचना पर बंद कर दिया गया था।
स्थानीय कर्मनाशा नदी पर बने नए पुल के पूर्वी छोर पर हनुमान मंदिर के पास नदी का जलस्तर कम होने के बाद सड़क धंस गयी है। यदि समय से पहले ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी सड़क धंस सकती है जिससे बड़ा हादसा हो सकता है। यहीं हाल पुराने पुल का भी है बाढ़ के दौरान पुराने पुल के ऊपर से पानी चल रहा था जिससे पुल की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गयी है और ईंट से बनी दीवाल भी टूटकर नदी में बह गई है। जिससे पुल रेलिंग बिहीन हो गयी है।