*उच्च न्यायालय द्वारा आदेशों का उल्लंघन गंभीर अपराध माना गया, कड़ी कार्रवाई का निर्देश*
दिनांक 24/08/2024 को एक महत्वपूर्ण निर्णय में, उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी संस्था को कानून का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है। न्यायालय ने निर्देश दिया कि अगर कोई संस्था कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस आदेश का विशेष संदर्भ नागपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के एक मामले से है। सभी संबंधित नागरिकों को सूचित किया गया है कि यदि वे किसी संगठन या व्यक्ति के खिलाफ शिकायत करना चाहते हैं, तो वे टोल-फ्री नंबर 112 पर कॉल करके मदद ले सकते हैं।
इस मामले में, नागपुर के ग्रामीण क्षेत्र के निवासी के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। शिकायतकर्ता ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसे अलग-अलग ब्रांडों के चार मोबाइल फोन और अन्य वस्तुएं गलत तरीके से बेची गईं, जिससे उसे लगभग ₹1,20,499 की हानि हुई।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपियों ने अन्य पीड़ितों के साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी की थी। शिकायतकर्ता की इस मामले में मदद के लिए नागपुर के पुलिस विभाग द्वारा आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई।
इसके बाद, पुलिस ने इस धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। उच्च न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए पुलिस को यह निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस प्रकार के अपराध न हों और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उचित कार्रवाई की जाए।
अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और अगर कोई व्यक्ति या संस्था अदालत के आदेश का उल्लंघन करती है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा।