• मदारी पासी के पांचवी पीढ़ी को पुलिस ने किया सम्मानित।
राष्ट्रीय पर्व पर इस क्रांतिवीर का स्मारक स्थल दो फूल को है तरसता।
यह वही मदारी है, जिनके एका से हिल गई थी अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें
लड़ते-लड़ते खुद को मिटा दिया,
ऐसे क्रांति वीर को जिले ने भुला दिया
गुमनाम ऐसे जिला जानता नहीं,
पहचान ऐसी की राष्ट्र भूलता नही।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व हरदोई जिले के अतरौली प्रभारी निरीक्षक डीके सिंह ने मदारी पासी के पांचवी पीढ़ी की महिला शिव प्यारी निवासी पहाड़ पुर को शाल उड़ाकर सम्मानित किया। मदारी पासी के परिजनो के घर की हालत देख अतरौली प्रभारी निरीक्षक डीके सिंह की आंखें नम हो गई। वहां पहुंच हर पुलिसकर्मी भावुक हो उठा। कोतवाल डीके सिंह ने कहा कि यह वही मदारी है जिन्होंने एका आंदोलन से अंग्रेजों नींव हिला दी थी। यहां तक की मकान में कोई भी पक्की ईट तक नहीं लगी है। आज भी परिजनों का मकान कच्ची दीवारों से बना हुआ है। ऐसे क्रांतिवीर को आज जिले के लोग ही नहीं जान रहे है। जिन्होंने अपने प्राण राष्ट्र के लिए न्योछावर कर दिए, उन्हें लोग आज भूल गए हैं।तारीख 17 अक्तूबर 1920 प्रतापगढ़ के खारगांव में बाबा रामचंद्र के नेतृत्व में अवध किसान सभा का गठन किया गया।एका आंदोलन की धमक से अंग्रेजी हुकूमत की जड़ें हिल गईं। 1922 में एका आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेजी शासन ने मदारी पासी को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी शुरू कर दी थी।काफी प्रयास के बाद भी मदारी पासी को पकड़ न पाने के बाद सरकार ने उन्हें फरार घोषित कर दिया था । राष्ट्रीय पर्व पर इस क्रांतिवीर का स्मारक स्थल दो फूल को भी तरसता है।
मदारी पासी की पांचवीं पीढ़ी राजेश गांव के कोटेदार हैं। उनकी मांग है कि सरकार स्मारक स्थल के जीर्णोद्धार के साथ ही मदारी पासी के नाम से में खुलवाए जाएं। 28 दिसंबर 2021 को विधानसभा चुनाव के प्रचार में हरदोई के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने हरदोई को मदारी पासी की धरती कहकर अपना संबोधन शुरू किया था। घर पर पूरा कोतवाली फोर्स देखकर शिव प्यारी भी खुशी से झूम उठी।