न्यूज रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है ज्योतिष शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है!
पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त, योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं!
🙏🏻जय श्री कृष्णा🙏🏻
*अथ पंचांगम्* ll जय श्री राधे ll
*दिनाँक:- 04/06/2024, मंगलवार* त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष, ज्येष्ठ “”””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– त्रयोदशी 22:00:31 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र—————— भरणी 22:33:49
योग—————— शोभन 06:10:20
योग—————– अतिगंड 27:16:55
करण——————— गर 11:08:14
करण—————– वणिज 22:00:31
वार————————- मंगलवार
माह————————- ज्येष्ठ
चन्द्र राशि————– मेष 28:12:50
चन्द्र राशि—————— वृषभ
सूर्य राशि—————— वृषभ
रितु————————- ग्रीष्म
आयन———————— उत्तरायण
संवत्सर———————- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर) ————– कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————— 5125
सूर्योदय——————– 05:24:51
सूर्यास्त———————- 19:10:35
दिन काल——————— 13:45:43
रात्री काल——————– 10:14:09
चंद्रास्त———————- 17:06:16
चंद्रोदय——————— 27:58:24
लग्न———- वृषभ 19°41′, 49°41′
सूर्य नक्षत्र——————- रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र——————– भरणी
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
ली—- भरणी 05:40:41
लू—- भरणी 11:17:51
ले—- भरणी 16:55:32
लो—- भरणी 22:33:49
अ—- कृत्तिका 28:12:50
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृषभ 19:10, रोहिणी 3 वी
चन्द्र=मेष 16:30 , भरणी 1 ली
बुध =वृषभ 07:53′ कृतिका 4 ए
शु क्र= वृषभ 19°05, रोहिणी ‘ 3 वी
मंगल=मेष 01°30 ‘ अश्विनी ‘ 1 चू
गुरु=वृषभ 07°30 कृतिका , 4 ए
शनि=कुम्भ 24°00 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 18°30 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 18°30 हस्त , 3 ण
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 15:44 – 17:27 अशुभ
यम घंटा 08:51 – 10:35 अशुभ
गुली काल 12:18 – 14: 01अशुभ
अभिजित 11:50 – 12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 08:10 – 09:05 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:16 – 24:11 अशुभ
वर्ज्यम 09:03 – 10:33 अशुभ
प्रदोष 19:11 – 21:15 शुभ
💮चोघडिया, दिन
रोग 05:25 – 07:08 अशुभ
उद्वेग 07:08 – 08:51 अशुभ
चर 08:51 – 10:35 शुभ
लाभ 10:35 – 12:18 शुभ
अमृत 12:18 – 14:01 शुभ
काल 14:01 – 15:44 अशुभ
शुभ 15:44 – 17:27 शुभ
रोग 17:27 – 19:11 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
काल 19:11 – 20:27 अशुभ
लाभ 20:27 – 21:44 शुभ
उद्वेग 21:44 – 23:01 अशुभ
शुभ 23:01 – 24:18* शुभ
अमृत 24:18* – 25:34* शुभ
चर 25:34* – 26:51* शुभ
रोग 26:51* – 28:08* अशुभ
काल 28:08* – 29:25* अशुभ
🚩होरा, दिन
मंगल 05:25 – 06:34
सूर्य 06:34 – 07:42
शुक्र 07:42 – 08:51
बुध 08:51 – 10:00
चन्द्र 10:00 – 11:09
शनि 11:09 – 12:18
बृहस्पति 12:18 – 13:27
मंगल 13:27 – 14:35
सूर्य 14:35 – 15:44
शुक्र 15:44 – 16:53
बुध 16:53 – 18:02
चन्द्र 18:02 – 19:11
🚩होरा, रात
शनि 19:11 – 20:02
बृहस्पति 20:02 – 20:53
मंगल 20:53 – 21:44
सूर्य 21:44 – 22:35
शुक्र 22:35 – 23:26
बुध 23:26 – 24:18
चन्द्र 24:18* – 25:09
शनि 25:09* – 26:00
बृहस्पति 26:00* – 26:51
मंगल 26:51* – 27:42
सूर्य 27:42* – 28:34
शुक्र 28:34* – 29:25
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
वृषभ > 03:26 से 05:04 तक
मिथुन > 05:04 से 07:44 तक
कर्क > 07:44 से 09:32 तक
सिंह > 09:33 से 12:12 तक
कन्या > 12:12 से 14:22 तक
तुला > 14:22 से 16: 24 तक
वृश्चिक > 16:24 से 18:52 तक
धनु > 18:52 से 20:42 तक
मकर > 20:42 से 22:54 तक
कुम्भ > 22:54 से 00:14 तक
मीन > 00:14 से 02:44 तक
मेष > 02:44 से 04:22 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।
*💮दिशा शूल ज्ञान—————-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते हैl
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु चl*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।*
15 + 13 + 3 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक हैl
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
रात्रि 22:00 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*विशेष जानकारी*
*प्रदोष व्रत (शिव पूजन)
*सावित्री व्रत प्रारम्भ
*सर्वार्थ सिद्धि योग 22:34 से
*💮 शुभ विचार 💮
गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत्।
वर्तमानेन कालेन प्रवर्त्तन्ते विचक्षणाः।।
।। चा o नी o।।
हम उसके लिए ना पछताए जो बीत गया. हम भविष्य की चिंता भी ना करे. विवेक बुद्धि रखने वाले लोग केवल वर्तमान में जीते है.
सुभाषितानि *
गीता -: आत्मसंयम योग अo-06
योऽयं योगस्त्वया प्रोक्तः साम्येन मधुसूदन।,
एतस्याहं न पश्यामि चञ्चलत्वात्स्थितिं स्थिराम्॥,
अर्जुन बोले- हे मधुसूदन! जो यह योग आपने समभाव से कहा है, मन के चंचल होने से मैं इसकी नित्य स्थिति को नहीं देखता हूँ॥,33॥,
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत।।
🐏मेष👉दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। व्यापार में लाभ होगा। निवेश शुभ रहेगा। संतान पक्ष से आरोग्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। हानि संभव है। भाइयों का साथ मिलेगा।
🐂वृष👉किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। परिवार व मित्रों के साथ समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। शारीरिक कष्ट संभव है, सावधान रहें। निवेश शुभ रहेगा। तीर्थयात्रा की योजना बन सकती है।
👫मिथुन👉व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। बजट बिगड़ेगा। दूर से शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। किसी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। भागदौड़ रहेगी। बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार में अधिक ध्यान देना पड़ेगा। जोखिम न उठाएं।
🦀कर्क👉लाभ में वृद्धि होगी। पारिवारिक प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यय होगा। मित्रों से मेलजोल बढ़ेगा। नए संपर्क बन सकते हैं। धनार्जन होगा। कष्ट, भय, चिंता व तनाव का वातावरण बन सकता है। जीवनसाथी पर अधिक मेहरबान होंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी।
🐅सिंह👉तरक्की के अवसर प्राप्त होंगे। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ बाहर जाने की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के योग हैं। परिवार व स्नेहीजनों के साथ विवाद हो सकता है। शत्रुता में वृद्धि होगी। अज्ञात भय रहेगा। थकान महसूस होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
🙍♀️कन्या👉यात्रा सफल रहेगी। शारीरिक कष्ट हो सकता है। बेचैनी रहेगी। नई योजना बनेगी। लोगों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। काफी समय से अटके काम पूरे होने के योग हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में मनोनुकूल वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा।
⚖️तुला👉अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेने की स्थिति बन सकती है। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। व्ययसाय लाभप्रद रहेगा। कार्य पर ध्यान दें।
🦂वृश्चिक👉कोई राजकीय बाधा हो सकती है। जल्दबाजी में कोई भी गलत कार्य न करें। विवाद से बचें। काफी समय से अटका हुआ पैसा मिलने का योग है, प्रयास करें। यात्रा लाभदायक रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। वस्तुएं संभालकर रखें।
🏹धनु👉किसी की बातों में न आएं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। अचानक लाभ के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। व्यापार में वृद्धि से संतुष्टि रहेगी। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। उत्साह से काम कर पाएंगे।
🐊मकर👉परिवार की आवश्यकताओं के लिए भागदौड़ तथा व्यय की अधिकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में विशेष सावधानी की आवश्यकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कार्य की गति धीमी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। निवेश करने का समय नहीं है। नौकरी में मातहतों से अनबन हो सकती है, धैर्य रखें।
🍯कुंभ👉जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शारीरिक कष्ट संभव है। व्यवसाय धीमा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की नाराजी झेलनी पड़ सकती है। परिवार में मनमुटाव हो सकता है। सुख के साधनों पर व्यय सोच-समझकर करें। निवेश करने से बचें। व्यापार ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा।
🐟मीन👉किसी अपरिचित की बातों में न आएं। धनहानि हो सकती है। थोड़े प्रयास से ही काम सफल रहेंगे। मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
आपका दिन मंगलमय हो
हनुमान जी के ये नाम लेने से दूर होते हैं सारे कष्ट
👉हनुमान जी, कलयुग के सिद्ध देव और शीघ्र प्रसन्न होकर मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं। ऐसा कहा जाता है कि मंगलवार के दिन जय श्री राम, जय बजरंगबली नाम जपने से सब मंगल ही मंगल होता है। जानिए मंगलवार को जन्मे मंगलकारी हनुमान जी के बारह नामों के बारे में जिनके जाप से आपके सारे कष्ट, रोग, पीड़ा और संकट खुद ब खुद नष्ट हो जाएंगे और जीवन में सब मंगलमय होगा। हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं हनुमान जी अजर-अमर हैं । अपने भक्तों पर कृपा करते हैं और उनके सारे कष्ट हर लेते हैं संकटमोचन। वे महावीर हैं और हर युग में अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान करते हैं। माना जाता है कि हनुमान एक ऐसे देवता हैं जो थोड़ी-सी प्रार्थना और पूजा से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। मंगलवार और शनिवार हनुमान जी के पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन है।
हर लेते हैं सारे संकट
हनुमान चालीसा में लिखा हुआ है कि “संकट कटै मिटे सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलवीरा”। जी हां यह अटल सत्य है। “भूत पिसाच निकट नहीं आवै महावीर जब नाम सुनावे”। जी हां यह भी अटल सत्य है, जैसे- राम नाम की महिमा अपरम्पार है। ठीक वैसे ही श्री हनुमान के नाम की महिमा भी अनंत फलदायी मानी गई है। अगर आप अपनी परेशानियों से निजात पाना चाहते हैं तो जानिए कैसे करें महाबली को प्रसन्न जैसा कि रामचरित मानस में लिखा हुआ है कि “कलयुग में केवल नाम अधरा सुमरि-सुमरि नर उतरहीं पारा” और यह भी माना जाता है कि कलयुग में हनुमान ही सबसे प्रभावशाली देवता हैं। उनके नाम का सुमिरने से ही आपके सारे काम बन जाएंगे। प्रभु श्री राम के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा से ही हनुमान जी को अष्टसिद्धियों और नवनिधियों का वरदान मिला है। ये वही अष्टसिद्धियां और नवनिधियां हैं जो कलयुग में हनुमान जी के उपासकों का कल्याण करती हैं। कहते हैं कि कलयुग में राम भक्त हनुमान के द्वादश यानि बारह नामों का स्मरण किया जाए तो सारी तकलीफें, समस्याएं और व्याधियां दूर हो जाती हैं। तो आइए जानें हनुमान जी के नामों की महिमा के बारे में…
1. हनुमान
2. अंजनीसुत
3. वायुपुत्र
4. महाबल
5. रामेष्ट
6. फाल्गुनसखा
7. पिंगाक्ष
8. अमितविक्रम
9. उदधिक्रमण
10. सीताशोकविनाशन
11. लक्ष्मणप्राणदाता और
12. दशग्रीवदर्पहा
अगर आप इस विधि से हनुमान जी की पूजा करते हैं तो आपके घर में सुख, शांति और हनुमान जी की कृपा होगी। महाबली बजरंग के इन नामों का उच्चारण करने से आपकी कई वर्षों से चली आ रही परेशानियां पल भर में छूमंतर हो सकती हैं।