रिपोर्टर सुधीर गोखले
सांगली जिले
जिले में सूखे की स्थिति; कोयना बांध का आपातकाल द्वार किया गया खुला
सांगली जिले से बढ़ती गर्मी और भूजल की घटती समस्या ने जिले से खेती के लिये पानी की मांगी फिर से बढ गई । आज जो कि पश्चिम महाराष्ट्र के लिये सिंचाई और पीने के पानी के लिये उपयुक्त कोयना बांध के आपातकाल दरवाजे एक बार फिर से खोले गये । सांगली जिले के लिये इस दरवाजे से ५०० क्युसेक पानी मिलेगा । जब कि अभी कोयना बांध के विद्युत निर्माण केंद्र से भी पानी छोडा जा रहा है जो कि २१०० क्युसेक्स की क्षमता से पानी नदी के बहाव में शामिल हो रहा है । लेकिन अब इतना पानी छोड़े जाने के बाद बांध मे केवल ६० टीएमसी पानी है । पिछले साल हुवे बारिश कि कमी के कारण इस समय पुरे सांगली जिले के साथ सोलापूर और अन्य जिलो में सूखा पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है । अभी गर्मी की लहरें भी और तेज होने आई मोसम विभाग ने चेतावनी दी है । नवम्बर माह से ही खेती के लिये सिंचाई परियोजना शुरु की गयी थी लेकिन कोयना बांध के पर्जन्य क्षेत्र में भी बारिश की कमी आने की वजह से कोयना बांध क्षमता से नहीं भर पाया कोयना बांध की कुल क्षमता है १०५ टी एम सी जब कि आज के दिन इस बांध के भीतर सिर्फ ६० टी एम सी तक हि पानी मौजूद है । अभी बारिश का मौसम शुरु होने में दो महीनों से जादा समय है । जब कि अभी से जिले के पूर्व भाग में टैंकर द्वारा पानी नागरिकों को दिया जा रहा है । किसानों के जानवरों को भी चारा कम मात्रा में मिल रहा है । पिछले कई दिनो से सांगली जिले के सिंचाई विभाग के द्वारा मांग पर कोयना बांध से विद्युत निर्मिती द्वारा २१०० क्युसेक पानी अभी तक शुरू था । लेकिन सिंचन विभाग की बढ़ती मांग पर शासन ने आपातकाल द्वार खुले करने का फैसला लिया । कोयना बांध का ये पानी कोयना नदी मे छोड दिया जाता है ये नदी का ये प्रवाह बहोत से गांव होकर कृष्णा नदी को मिल जाती है । जाब कि बहुत सी सिंचाई परियोजना इस कोयना बांध के पानी पर निर्भर है । आज भी अगर कोयना बांध से पानी छोडा गया तो सांगली मे ये पाणी पोचने मे तीन दिन लगते है ।
बहोत सी सिंचाई परियोजना ये कोयना बांध पर निर्भर
इस कोयना बांध के पानी पर टेम्भू, ताकारी ओर म्हैसाल ये तीन परियोजना निर्भर है । और फिर कोयना के पानी पानी पर जिले का भी जादा हक बनता है । इसी कारण सिंचाई विभाग को भी मांग के अनुसार वर उपलब्धि के अनुसार बांध से पानी छोडना पडता है । कोयना बांध जहाँ बंधा हुवा है ओ सातारा जिला है । जब कि सातारा के पालक मंत्री ने हर बार कोयना बांध से पानी छोडे जाने के लिये सूज बूज के साथ भूमिका ली लेकिन सांगली के नेता हर भार उनको आवाहन देते आये । इस राजकीय खेल मे जनता का हाल हो रहा है ।