गैया के बीच ही कन्हैया का असली ठिकाना है- स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित “गोवंश रक्षा वर्ष” के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 255 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह को 1927 में 19 दिसंबर के दिन ही फांसी दी गई थी। इस दिन को ‘शहादत दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आजादी के इन मतवालों को काकोरी कांड को अंजाम देने के लिए फांसी दी गई थी।
आज ही के दिन हमारे देश के इतिहास में एक और बड़ी घटना दर्ज है। इस दिन भारतीय सेना ने गोवा को 450 साल के पुर्तगाली शासन से आजाद कराया थाऔर ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत भारतीय सैनिकों ने गोवा में प्रवेश किया था।
स्वामीजी ने आगे बताया कि हम गैया मैया को मां एवं स्वामिनी मान चुके है तो जो गैया मैया को अच्छा लगे वह हमें करना चाहिए गैया को जो अच्छा लगे वह करना ही गैया की पूछ पकड़ना है और गैया की पूछ पकड़ी कि हमारा ऊंच नीच सब खत्म हो जाता है और अंत में भगवान मिल ही जाएंगे ।
स्वयं जगत की उत्पत्ति करने वाले ब्रह्मा ,जगत का पालन करने वाले नारायण एवं जगत के संहारकर्ता भगवान भोलेनाथ भी गैया मैया की पूछ की महिमा सुनाते है अर्थात भगवान नारायण जब कन्हैया बनकर आएं तब खड़े भी नहीं हुए और घुटनों के बल चलकर गोष्ठ में चले जाते है और गैया की पूछ पकड़ लेते है यानि भक्ति करने के लिए शक्ति चाहिए तो उसके लिए गैया मैया की पूछ एक श्रेष्ठ माध्यम है क्योंकि गैया के बीच ही कृष्ण का असली ठिकाना है,बाकि मन्दिर एवं अन्य तो ऑफिस एवं दुकान की भांति है जहां केवल लेन देन की ही बात होती है लेकिन अगर प्रेम की बात करनी है तो घर ही जाना पड़ेगा इसलिए गैया मैया का असली घर तो गोशाला ही है जहां लेन देन के बजाय के बजाय प्रेम की बात हो सकती है और वहां जाओगे तो कन्हैया से खूब बात होगी हो सकता है थोड़ी तकरार भी हो और अन्त में कन्हैया से इकरार हो जाएगा इसलिए जब जब भी कन्हैया से मिलने तेज लालसा उठे कि है कान्हा तुमसे मिलना है तब गोशाला की और बढ़ो क्योंकि मेरे कान्हा ने तो चलना ही शुरू नहीं किया तबसे गोशाला की और कदम बढ़ा लिए थे इसलिए कन्हैया को पाना है तो गोशाला जाईए।
255 वें दिवस पर अखंड धाम वृन्दावन से पूज्य सन्त कृपालानंद गिरी जी महाराज एवं साध्वी मयूर चेतनानन्द गिरी महाराज का सानिध्य मिला
*गो कृपा कथा के 255 वें दिवस पर हितेष दवे स्वामीनारायण संस्था के अनुयायी एवं गिर गोशाला संचालक,मनोज शर्मा जनरल मैनेजर SRM प्लांटेशन समूह रांची झारखंड,
रमण यादव कोटा,अर्जुन सिंह ,नारायण सिंह लोगड़ी आदि अतिथि उपस्थित रहें*
255 वे दिवस पर चुनरीयात्रा मेवाड़ एवं मालवा से
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 255 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मेवाड़ के चित्तौड़गढ़ जिले की हुरा बा गौ सेवा स्थान करजू , चैनपुरीया से कमलेश टांक, गोपाल ,केसु राम ,प्रहलाद ,किशन सिंह ,गंगाराम एवं लालसिंह व मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की बडौद तहसील के रणायदा केलवा ग्राम की महिला मण्डल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।