कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर 28 नवंबर को गीता रन का आयोजन पुरुतोषमपुरा बाग ब्रह्मसरोवर किया जाएगा। इस गीता रन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का पंजीकरण आज बुधवार से आरंभ किया जा रहा है। लॉन टेनिस प्रशिक्षक गौरव शर्मा ने बताया कि इस गीता रन में इच्छुक प्रतिभागी आज से द्रोणाचार्य स्टेडियम कुरुक्षेत्र में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में हर वर्ष की तरह इस बार भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को भव्य रूप से मनाया जाएगा. 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. वर्ष 2016 से हरियाणा सरकार ने गीता महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत की है, तब से ही हरियाणा का नाम देश-विदेश में विख्यात हुआ है. हर वर्ष किसी न किसी देश में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाता है.
तंजानिया पार्टनर देश होगा :हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जो कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं, आज चंडीगढ़ में उन्होंने अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज भी उपस्थित रहे. बैठक में फैसला लिया गया कि इस साल अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में तंजानिया पार्टनर देश और ओडिशा पार्टनर राज्य होगा
दिव्य कुरुक्षेत्र :मुख्यमंत्री ने कहा कि समारोह के दौरान शहर में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की अव्यवस्था का सामना ना करना पड़े. इस काम में कुरुक्षेत्र जिले की सामाजिक, धार्मिक संस्थानों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और युवाओं को भी जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शहर में दिव्य कुरुक्षेत्र नाम से स्वच्छता का एक विशेष अभियान चलाया जाए, जिसमें वे खुद भी हिस्सा लेंगे.मुख्य कार्यक्रम 5 से 11 दिसंबर तक होंगे :बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस साल गीता जयंती का महापर्व 11 दिसंबर 2024 को होगा. महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा जिला स्तर पर गीता महोत्सव कार्यक्रम जिला मुख्यालयों पर 9 नवंबर से 11 दिसंबर तक होंगे
माई फेवरेट श्लोक इन गीता :इस बात की भी जानकारी दी गई कि कार्यक्रम को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी लोकप्रिय बनाने की पहल की गई है. सूचना, लोकसपंर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग ने यू-ट्यूब चैनल पर गीता में मेरा पसंदीदा श्लोक (माई फेवरेट श्लोक इन गीता) थीम से प्रतियोगिता का आयोजन करवाने का फैसला लिया है. प्रतिभागियों द्वारा भेजे गए सबसे अधिक लाइक किए जाने वाले वीडियो को महोत्सव के समापन समारोह पर 1 लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा. बैठक में मुख्यमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी गई कि भारत के चार प्रसिद्ध प्रमुख धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और लाइव प्रसारण भी दिखाया जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के वृंदावन, गुजरात का द्वारका, कर्नाटक का उडूपी और ओडिशा का धार्मिक स्थल होगा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 (IGM) समारोह के हिस्से के रूप में 11 दिवसीय ‘गीता प्रश्नोत्तरी’ शुरू किया गया। प्रतियोगिता में प्रतिदिन गीता और महाभारत से संबंधित पाँच प्रश्न पूछे जाते हैं। ओडिशा IGM 2024 का भागीदार राज्य है।
प्रमुख बिंदु
गीता प्रश्नोत्तरी के उद्देश्य:
इस प्रश्नोत्तरी का उद्देश्य लोगों, विशेषकर युवाओं को गीता और महाभारत के बारे में शिक्षित करना है।
प्रतिभागियों को पवित्र पुस्तकें उठाकर उत्तर खोजने, चर्चा और जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।
यह प्रश्नोत्तरी मुख्य महोत्सव शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के लिये एक अभिमुखीकरण पाठ्यक्रम के रूप में कार्य करती है।
प्रतियोगिता प्रारूप और पुरस्कार:
प्रश्नोत्तरी की दो श्रेणियाँ हैं:
सार्वजनिक और विद्यार्थी।
प्रत्येक दिन प्रत्येक श्रेणी से 20 विजेताओं को 500-500 रुपए मिलेंगे।
प्रश्नोत्तरी के अंत में, प्रत्येक श्रेणी के 25 विजेताओं को 1,000 रुपए मिलेंगे, जिनमें से 10 विजेता हरियाणा से, 10 अन्य राज्यों से और 5 विजेता ओडिशा से IGM 2024 में शामिल होंगे।
शीर्ष प्रेरकों को मौद्रिक पुरस्कार और उत्कृष्टता प्रमाण पत्र भी प्रदान किये जाएंगे।
स्कूली छात्रों और गुणवत्तापूर्ण प्रश्नों पर ध्यान देना:
स्कूल जाने वाले बच्चे प्रतिभागियों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।
भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये दैनिक विजेताओं की संख्या दोगुनी कर दी गई है, जबकि प्रश्नों की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 (IGM)
यह उत्सव नैतिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को बढ़ावा देता है तथा आज के चुनौतीपूर्ण समय में प्रासंगिकता प्रदान करता है।
इस महोत्सव का उद्देश्य भगवद् गीता की शाश्वत शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को प्रबुद्ध करना है, जिसे प्रायः “दिव्य गीत” कहा जाता है।
महोत्सव का इतिहास:
हरियाणा सरकार और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त प्रयासों से वर्ष 1989 से कुरुक्षेत्र, हरियाणा में गीता महोत्सव मनाया जाता रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान:
वर्ष 2016 में हरियाणा ने इस उत्सव को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में घोषित किया, जिसके तहत कुरुक्षेत्र में दो मिलियन से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ।
हाल के समारोहों की मुख्य विशेषताएँ:
अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों एवं शिल्पकारों की भागीदारी।
धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठनों द्वारा बड़े शिल्प मेले एवं प्रदर्शनियाँ।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा गीता पर आयोजित संगोष्ठी में भारतीय और विदेशी विद्वानों ने भाग लिया।
18,000 विद्यार्थियों द्वारा गीता का वैश्विक जप।
गीता शोभायात्रा, विभिन्न भारतीय क्षेत्रों के खाद्य स्टाल और एक भव्य शिल्प मेला।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रभाव:
यह महोत्सव सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है, वैश्विक दर्शकों को आकर्षित करता है और प्रत्येक वर्ष इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।
अपने विविध कार्यक्रमों के माध्यम से गीता महोत्सव विभिन्न क्षेत्रों और देशों के लोगों को एकजुट करता है तथा भगवद् गीता के सार का उत्सव मनाता है।