सरयू नदी ने खतरा बिंदु किया पार, बना परेशानी का सबब”
कही 1998 के जैसे हालात की तरफ तो नदी नही बढ़ रही
रिपोर्टः सन्तोष शर्मा
बलियाः शुरुआती दौर में भले ही बारिश बाँसडीह क्षेत्र में नही के बराबर हुई। लेकिन बाद में कुछ हुई तो किसानों के चेहरे खिले और फिर नही होने से मुरझा भी गए। वहीं अब सरयू के पानी के बढ़ने से तटवर्ती लोग खुद रोना रो रहे हैं। बाढ़ जैसी हालात ऐसी बनी है कि तीनो नदियां बढ़ाव पूरी तरह बढ़ाव पर हैं। गंगा और सरयू,टोंस तीनो नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा रहा है।
बांसडीह तहसील के दियारे के टुकड़ा न 2 ,मनियर बाजार, ककर्घट्टा, नवका गाँव,कोटवा,मलाहीचक,सुल्तानपुर, पर्वतपुर,रघुबरनगर, रेगहा,से लगायत भोजछपरा सहित आस पास के गांवों में तेजी से सरयू का पानी बढ़ रहा है।स्थानीय लोग परेशान दिख रहे हैं। जहां लोगों में भय व्याप्त है। सुल्तानपुर ,रिगवन छावनी,भोजपुरवा सहित अन्य गांव के लोग दिक्कतों में हैं। नाव की कोई व्यवस्था अभी तक नही हुई है।ना ही कोई अधिकारी कही भी नजर कर रहा है।बाढ़ पीड़ितों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया हैं। स्कूली बच्चे अपने निजी नाव पर बैठकर अपने स्कूल जा रहे हैं।जब कि खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है। की बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
इलाकाई लोगों में इतना दहशत है कि कुछ कहने से पहले लोग सोचने लगते हैं।मलाहीचक,टिकुलिया,चक्किदियर, ताहिरपुर ,सुल्तानपुर में ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगो ने ऐसा मंजर हम लोगो ने नही देखा था कि पानी लगातार दस पंद्रह दिन तक कुछ नही बढ़ा और अचानक पानी बढ़ने लगा।और अचसनक तबाही के तरफ ला दिया।ग्रामीणों ने कहा कि सरयू ( घाघरा ) ने अपना 1998 की तरह रौद्र रूप धारण करना शुरू कर दिया हैं।