• अमरीका-भारत रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी मंत्रिस्तरीय संयुक्त वक्तव्य।
अंतराष्ट्रीय खबर : अमरीका ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रैनहोम और भारतीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (एससीईपी) मंत्रिस्तरीय बैठक कल वाशिंगटन डी.सी. में आयोजित की गई। दोनों पक्षों ने एससीईपी के अंतर्गत तकनीकी स्तंभों में की गई पहलों की समीक्षा की, जिसमें बिजली और ऊर्जा दक्षता, जिम्मेदार तेल एवं गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, उभरते ईंधन एवं प्रौद्योगिकी तथा सतत विकास शामिल हैं। मंत्रियों ने स्वच्छ ऊर्जा नवाचार को बढ़ावा देने, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को तेज करने के लिए साझेदारी के अन्तर्गत की गई प्रगति का स्वागत किया, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण पर अधिक केंद्रित प्रयास और लचीली, जिम्मेदार, स्थिर, सुरक्षित और विविध आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण शामिल है।विश्वसनीय, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति तक पहुँच को प्राथमिकता देने वाले न्यायसंगत, व्यवस्थित और टिकाऊ ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में काम करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, जो दोनों पक्षों ने दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का समर्थन करने में ऊर्जा व्यापार द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका का स्वागत किया।मंत्रियों ने उभरती हुई स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास और तैनाती में तेजी लाने, नवीकरणीय ऊर्जा की तैनाती और विश्वसनीय ग्रिड एकीकरण को आगे बढ़ाने, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने और उद्योग, भवन और परिवहन जैसे उच्च-उत्सर्जन वाले क्षेत्रों के डीकार्बोनाइजेशन को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों की प्रगति को मान्यता दी।
मंत्रियों ने अगस्त 2023 में नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कार्रवाई मंच (आर ई टी ए पी) के औपचारिक शुभारंभ का स्वागत किया, इसका उद्देश्य आर एंड डी, पायलट और प्रदर्शन और इनक्यूबेशन-निवेश-उद्योग नेटवर्क के माध्यम से हाइड्रोजन, लंबी अवधि के ऊर्जा भंडारण, अपतटीय पवन और भूतापीय के लिए कार्रवाई योग्य रोडमैप विकसित करना है। उन्होंने आर ई टी ए पी तंत्र के अंतर्गत दोनों पक्षों द्वारा की जा रही प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया।दोनों देशों ने भारत में हाइड्रोजन सुरक्षा के लिए नए राष्ट्रीय केंद्र पर सहयोग और सितंबर 2024 में आयोजित ग्रीन हाइड्रोजन पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भागीदारी का स्वागत किया। मंत्रियों ने स्वच्छ हाइड्रोजन अनुसंधान एवं विकास, लागत में कमी के प्रयासों और दोनों देशों में आर ई टी ए पी, सार्वजनिक-निजी हाइड्रोजन टास्क फोर्स के माध्यम से हाइड्रोजन हब के कार्यान्वयन पर विस्तारित द्विपक्षीय विशेषज्ञ आदान-प्रदान के बारे में बताया। मंत्रियों ने बसों, ट्रैक्टरों और भारी उपकरणों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग का भी स्वागत किया।मंत्रियों ने ऊर्जा भंडारण के माध्यम से लचीले और विश्वसनीय ग्रिड संचालन को सक्षम करते हुए अक्षय ऊर्जा के बड़े पैमाने पर ग्रिड एकीकरण का समर्थन करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने नीति और नियामक ढांचे, सुरक्षा, विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखलाओं और उन्नत व्यापार मॉडल के लिए सार्वजनिक-निजी ऊर्जा भंडारण टास्क फोर्स के औपचारिक शुभारंभ का स्वागत किया, लंबी अवधि के ऊर्जा भंडारण और ली-आयन प्रौद्योगिकियों के लिए वैकल्पिक रसायन विज्ञान पर केंद्रित आर ई टी ए पी प्रयास; असम राज्य में अक्षय ऊर्जा बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बी.ई.एस.एस.) के लिए उपलब्ध विभिन्न भंडारण प्रौद्योगिकियों की तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता पर प्रयास; और हरियाणा में बी.ई.एस.एस. बोलियों और पायलटों के लिए समर्थन। दोनों पक्षों ने पंप स्टोरेज को दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण विकल्प के रूप में भी मान्यता दी।दोनों देशों ने उपभोक्ताओं को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति करने के लिए बिजली वितरण क्षेत्र के आधुनिकीकरण के महत्व को बताया, भारत में स्मार्ट मीटरिंग तैनाती के लिए समर्थन का स्वागत किया, साथ ही इन्वर्टर-आधारित संसाधनों, बिजली बाजार सुधारों, सिस्टम निष्क्रियता आकलन और साइबर सुरक्षा पर विस्तारित प्रयासों का स्वागत किया।मंत्रियों ने 2030 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए भारतीय रेलवे (आईआर) के प्रयासों की भी सराहना की और भारत की 1 दशमलव 5 गीगावाट से अधिक की पहली चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा खरीद और सभी रेलवे सुविधाओं के लिए ऊर्जा दक्षता नीति और कार्य योजना के विकास में सहयोग का स्वागत किया।
दोनों देश दीर्घकालिक विमानन ईंधन को प्रोत्साहन देने पर सहमत हुए। इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने अनुसंधान एवं विकास, कर प्रोत्साहन, आपूर्ति श्रृंखला क्षमता निर्माण, बाजार विकास, वित्तपोषण के अवसरों, ईंधन प्रमाणन, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन निर्माण और वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने पर प्रशिक्षण के लिए पहले एसएएफ कार्यशाला के साथ टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) पर नई भागीदारी का स्वागत किया। मंत्रियों ने जैव ईंधन टास्क फोर्स के अंतर्गत एसएएफ और जैव ईंधन पर दो संयुक्त रिपोर्टों का भी स्वागत किया।
दोनों देश दीर्घकालिक विमानन ईंधन को प्रोत्साहन देने पर सहमत हुए। इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने अनुसंधान एवं विकास, कर प्रोत्साहन, आपूर्ति श्रृंखला क्षमता निर्माण, बाजार विकास, वित्तपोषण के अवसरों, ईंधन प्रमाणन, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन निर्माण और वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने पर प्रशिक्षण के लिए पहले एसएएफ कार्यशाला के साथ टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) पर नई भागीदारी का स्वागत किया। मंत्रियों ने जैव ईंधन टास्क फोर्स के अंतर्गत एसएएफ और जैव ईंधन पर दो संयुक्त रिपोर्टों का भी स्वागत किया।दोनों देशों ने ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और दक्षता मानकों में सुधार, उच्च दक्षता वाले किफायती कूलिंग प्रणालियों की तैनाती और विनिर्माण को बढ़ावा देने और आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए अति-कुशल उपकरण पर सहयोग का स्वागत किया।
मंत्रियों ने मध्यम और भारी वाहनों के विद्युतीकरण पर नए सहयोग का स्वागत किया, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों सहित ई-फ्रेट के लिए परिवहन विद्युतीकरण पर संबंधित कार्यशालाओं और स्ट्रक्चर्ड विशेषज्ञ आदान-प्रदान की एक श्रृंखला शामिल है। उन्होंने पूरे भारत में 10,000 ई-बसों को तैनात करने के लिए पीएम ई-बस सेवा योजना के कार्यान्वयन की सराहना की।
मंत्रियों ने कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस) पर कार्यप्रवाह के अंतर्गत हए प्रगति के बारे में बताया, इसमें अगस्त 2024 में दिल्ली में हितधारकों के एक व्यापक समूह के साथ एक कार्यशाला शामिल थी, जिसमें भूगर्भीय कार्बन भंडारण के लिए मजबूत क्षेत्रों की पहचान की गई थी, जिसमें भारत द्वारा अपने सीसीयूएस मिशन को विकसित करने के दौरान तकनीकी और कानूनी/विनियामक पहलुओं पर सहयोग बढ़ाना शामिल था। दोने पक्षों ने ऊर्जा मॉडलिंग और जीवन चक्र उत्सर्जन उपकरणों में क्षमता निर्माण के प्रयासों को भी नोट किया।
इसके अलावा मंत्रियों ने हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के साथ तकनीकी सहयोग के माध्यम से तेल और गैस क्षेत्र में मीथेन उन्मूलन पर कार्यप्रवाह के अंतर्गत प्रगति का उल्लेख किया।मंत्रियों ने हाल ही में संपन्न यूएस-इंडिया पार्टनरशिप टू एडवांस क्लीन एनर्जी-रिसर्च (पीएसीई-आर) के तहत स्टोरेज (यूआई-एएसएसआईएसटी) कार्यक्रम के साथ स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के लिए यूएस-इंडिया सहयोग के अंतर्गत नए स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों के उन्नत अनुसंधान और विकास पर काम की सराहना की।
मंत्रियों ने उपयोगी सार्वजनिक-निजी क्षेत्र के संवादों की श्रृंखला पर संतोष व्यक्त किया जो सक्षम नीति और नियामक ढांचे को दर्शाते हैं; स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को पैमाने पर बढ़ाने, उन्हें लागू करने और उनकी लागत कम करने में मदद करना; तथा निवेश और वाणिज्यिक भागीदारी को सुगम बनाना। उन्होंने प्रत्येक देश के स्वच्छ ऊर्जा बाजारों में निवेश में वृद्धि का स्वागत किया, जिसमें टेक्सास में 3जीडब्ल्यू अत्याधुनिक सौर मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा में भारतीय कंपनी वारी द्वारा हाल ही में किया गया निवेश भी शामिल है। मंत्रियों ने सिटी गैस वितरण (सीजीडी) सहित वाणिज्यिक भागीदारों के बीच उत्सर्जन मापन और मीथेन उन्मूलन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर तीन नए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाने का भी उल्लेख किया।मंत्रियों ने माना कि ऊर्जा परिवर्तन के वास्ते वाइअबल, सस्टैनबल स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों और न्यायोचित ऊर्जा संक्रमण को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर ठोस कार्रवाई और कार्यान्वयन की आवश्यकता है । इस उद्देश्य से मंत्रियों ने सरकार के सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण और सर्वोत्तम प्रथाओं के प्रसार का स्वागत किया।
मंत्रियों ने हमारे साझा स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को आगे बढ़ाने और आज की अभूतपूर्व जलवायु चुनौतियों का समाधान करने के लिए अमरीका-भारत साझेदारी की व्यापकता और गहराई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एससीईपी साझेदारी का लाभ उठाकर, अमरीका और भारत नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं और अधिक सुरक्षित, लचीली और विविध स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण करने में मदद कर सकते हैं।