जौनपुर : कृषि विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा के परिसर में त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम एवं उत्तर प्रदेश श्री अन्न (मीलेट्स) पुनरोद्धार योजना अन्तर्गत जनपद स्तरीय गोष्ठी/प्रदर्शनी/किसान मेला का आयोजन।
Please Share This News
Rajat Bisht
Spread the love
जौनपुर से जिला ब्यूरो “अमन विश्वकर्मा” की रिपोर्ट
• कृषि विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा के परिसर में त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम एवं उत्तर प्रदेश श्री अन्न (मीलेट्स) पुनरोद्धार योजना अन्तर्गत जनपद स्तरीय गोष्ठी/प्रदर्शनी/किसान मेला का आयोजन।
जौनपुर : कृषि विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा के परिसर में त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम एवं उत्तर प्रदेश श्री अन्न (मीलेट्स) पुनरोद्धार योजना अन्तर्गत जनपद स्तरीय गोष्ठी/प्रदर्शनी/किसान मेला का आयोजन किया गया जिसमें मक्का के उत्पादन और श्री अन्न के महत्व एवं उपयोगिता से किसानों को प्रशिक्षित किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आहार व पोषण विशेषज्ञ मोटे अनाजों की खूबियों से इतने प्रभावित हैं कि इन्हें सुपरफूड्स के रूप में मान्यता दे रहे है, मोटे अनाज, श्री अन्न को एमडीएम में भी शामिल किया जाएगा, जिससे जनपद में मीलेट्स के उत्पादन को बल मिलेगा, मानव स्वास्थ्य बेहतर होगा तथा किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
मुख्य अतिथि मंत्री किसान मोर्चा काशी क्षेत्र ने कहा कि मोटे अनाजों की उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने श्री अन्न योजना का नाम दिया है दूसरे अनाजों की तरह ही मोटे अनाज चीला, खीर, खिचड़ी, दलिया, कटलेट, सूप, उपमा, डोसा, इडली, बिस्कुट स्नेक्स, चिक्की आदि रूपो में खाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्री अन्न से बने खाद्यान्न एमडीएम में सम्मिलित किए जाने से बच्चों के वेहतर स्वास्थ्य के साथ मीलेट्स पुनरोद्धार को बढ़ावा मिलेगा।उपस्थित कृषि वैज्ञानिक द्वारा अवगत कराया गया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च (आईआईएमआर) हैदराबाद के अनुसार मोटे अनाज सिलिएक डिजीज के इलाज में लाभ प्रद है। इसका कारण है मोटे अनाज ग्लूटेन फ्री है। गेहूं में ग्लूटेन नामक तत्व पाया जाता है जिससे कुछ लोगों में सीलिएक बीमारी रोग हो जाता है।
विशेषज्ञ मोटे अनाज को मधुमेह और कैंसर रोकने वाले तत्वों से भरपूर मानते हैं, पौस्टिक तत्व भरपूर मात्रा में होने के कारण मोटे अनाज को एनीमिया व कुपोषण की समस्या को दूर करने में सहायक माना जा रहा है। आयुर्वेद के अनुसार मोटे अनाज वात एवं कफ दोष को संतुलित करने में सहायक है। मोटे अनाजों में फाइबर की प्रचुरता उन्हें मधुमेह और मोटापे से बचाते है, मोटे अनाजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है तभी मधुमेह व हृदय रोगियों को इसे खाने की सलाह दी जाती है।
Leave a reply
Default Comments (0)
Facebook Comments
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें