• बलिया सरयू नदी में समा गया हनुमान मंदिर, सौ साल पुराना पेड़ भी नदी में हुआ विलीन।
बलिया के सुरेमपुर दियराचंल क्षेत्र अंतर्गत गोपाल नगर टाड़ी में करीब एक पखवाड़ा बाद मंगलवार को अचानक सरयू नदी की लहरों ने धावा बोल दिया। देखते ही देखते मकईया बाबा का प्राचीन मंदिर व मंदिर परिसर में खड़ा लगभग एक सौ वर्ष पुराना पीपल का पेड़ सरयू नदी में विलीन हो गया।
वही गोपालनगर टावर, सीत ब्रह्म बाबा के स्थान व शिवाल मठिया मल्लाह बस्ती तथा चाईछपरा, बिसुनपुरा के दियारे में भी कटान शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कटान शुरू होने से एक बार फिर दियरांचल में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। ग्रामीणों ने दियरांचल में हो रहे कटान को रोकने के लिए प्रशासन से मांग की है।बलिया में सरयू नदी के तांडव का सिलसिला जारी है। नदी का जलस्तर चांदपुर गेज पर खतरा बिन्दु से एक मीटर उपर चला गया है। यहां नदी बढ़ाव पर है। डीएसपी हेड पर नदी का जलस्तर खतरा बिन्दु के ऊपर स्थिर हो गया है। सरयू नदी के उफान पर होने के कारण जनपद के सिकन्दरपुर से लेकर गोपालनगर टाड़ी तक के तटबन्धीय इलाकाई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
जिले के चार गांवों पर सरयू नदी का कहर बरपा है।जहां बांसडीह के भोजपुरवा,टिकुलिया में करीब दो सौ से अधिक आशियानों तथा बैरिया तहसील क्षेत्र के गोपाल नगर टाड़ी तथा शिवाल मठिया के करीब डेढ़ सौ से अधिक आशियाने नदी में समा चुके चुके हैं।यही नहीं हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि को भी सरयू नदी अपना ग्रास बना चुकी है। ऐसे में लोगों के समक्ष विकट समस्यायें उत्पन्न हो गयी है। सरयू नदी के बाढ़ के पानी की वजह से चितविसांव खुर्द,कोलकाता बिन्द बस्ती,चांदपुर, रामपुर नम्बरी,नवकागांव,माझा आदि गांवों के रहवासियों को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।