उत्तर प्रदेश : ई-कोर्ट में तब्दील होंगी यूपी की सभी लेबर अदालतें, श्रमिक विवादों का जल्द होगा निस्तारण।
उत्तर प्रदेश… लेबर ई-कोर्ट के दायरे में श्रम विवादों के लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। इसके तहत श्रम मामले दायर करने के लिए एक आसान इंटरफेस बनाया जाएगा, जहां वे विवरण दर्ज कर सकेंगे।
श्रम विभाग को ऑनलाइन करने और लोगों को सहूलियत देने के लिए पहली बार सभी श्रम अदालतों को ‘ई लेबर कोर्ट’ में तब्दील किया जाएगा। इस संबंध में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल मांगा गया है। इस महीने कार्यदायी संस्था का चयन हो जाएगा। ई-कोर्ट से श्रमिक विवाद जल्दी निस्तारित होंगे। आदेश उसी दिन अपलोड हो जाएंगे। ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा मिल जाएगी। केसों को अलग-अलग श्रेणी में बांटकर उसी के आधार पर सुनवाई होगी
लेबर ई-कोर्ट के दायरे में श्रम विवादों के लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। इसके तहत श्रम मामले दायर करने के लिए एक आसान इंटरफेस बनाया जाएगा, जहां वे विवरण दर्ज कर सकेंगे। दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे। साथ ही कानूनी रूप से जरूरी सभी जरूरतों का समाधान ई-कोर्ट प्लेटफार्म पर मिलेगा। हर केस को यूनीक नंबर जनरेट होगा। उन आवेदकों का सत्यापन होगा, जिनके मामले समीक्षाधीन हैं। नए सिस्टम में पंजीकरण से लेकर फैसले तक की ट्रैकिंग की जा सकेगी।
अदालत के कर्मचारियों को हर केस के वर्गीकरण और उसकी प्रक्रिया के पालन व सत्यापन करने के लिए टूल भी ऑनलाइन मिलेगा। किस केस का कब असाइनमेंट है, इस आधार पर भी मामलों को वर्गीकृत किया जाएगा। जैसे वेतन विवाद, गलत तरीके से नौकरी समाप्ति, नौकरी की शर्तों का उल्लंघन और श्रम कानूनों का पालन न करने आदि मामलों की अलग-अलग लिस्टिंग होगी।
लेबर ई-कोर्ट सॉफ्टेवर की खासियतें :
1. यह सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं को खाते बनाने, उनकी प्रोफाइल तैयार करने और याचिकाकर्ताओं, उत्तरदाताओं, अधिवक्ताओं आदि को अपनी पेशेवर साख को एक प्लेटफार्म पर लाएगा।
2. यह मामलों को दाखिल करने, मामले की स्थिति पर नजर रखने, सुनवाई का समय निर्धारित करने और मामले के दस्तावेजों को सुरक्षित करेगा।
3. यह कार्यवाही के आधार पर अदालती निर्णयों और आदेशों को स्वचालित करेगा। प्रशासनिक कार्यभार कम होगा।
4. सभी मामले-संबंधी दस्तावेज, जिनमें दलीलें, साक्ष्य और अदालती आदेश शामिल हैं, इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सुरक्षित और डाटा बैंक के रूप में रहेंगे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
5-केस को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दाखिल किया जा सकेगा। कानूनी नोटिस और दस्तावेजों को डिजिटल रूप देगा। इससे कागजी कार्यवाही कम हो जाएगी। समय बचेगा।
5. सिस्टम हर केस में सभी पक्षों को स्वचालित सूचनाएं और अलर्ट देगा, ताकि उन्हें आगामी सुनवाई, मामले के अपडेट और समय सीमा के बारे में जानकारी मिलती रहे।
6. यह सॉफ्टवेयर कैलेंडर जारी करेगा। सुनवाई के शेड्यूल को समायोजित करेगा ताकि हितधारक कहीं से भी कार्यवाही में भाग ले सकें।
7. लेबर ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म में सुरक्षा अभेद्य होगी।
8-आईडी और उपस्थिति प्रबंधन सॉफ्टवेयर अदालती कार्यवाही के दौरान अधिवक्ताओं, वादियों और अन्य कर्मियों की उपस्थिति को ट्रैक करेगा। यह सुनवाई में भाग लेने वाले व्यक्तियों का सत्यापन करेगा।
9. हितधारक दस्तावेज, ऑडियो और वीडियो फाइलें जैसे डिजिटल साक्ष्य प्रस्तुत कर सकेंगे।
खत्म होगी भागदौड़
श्रम विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार का कहना है कि डिजिटल कामकाज की दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रदेश की श्रम अदालतों को ई-कोर्ट में तब्दील किया जा रहा है। श्रम अदालतों में श्रमिक, कर्मचारी, नियोक्ता आदि से जुड़े मामले बड़ी संख्या में आते हैं। ई-कोर्ट से भागदौड़ खत्म हो जाएगी। वादों के निस्तारण में तेजी आएगी। फैसले अपलोड हो जाएंगे। केसों का वर्गीकरण किया जा सकेगा