• अनएडेड मेडिकल काॅलेजों की फीस तय न करने पर हाईकोर्ट सख्त, दो माह में जांच कराने का निर्देश।
उत्तर प्रदेश : कोर्ट ने कहा कि यूपी अनएडेड मेडिकल एंड एलाइड साइंस काॅलेजों के लिए फीस निर्धारण समिति बनाने में देरी के जिम्मेदारों और समिति द्वारा फीस निर्धारित न करने की जांच की करें। कोर्ट ने इसकी जांच रिपोर्ट भी तलब की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शनिवार को प्रदेश के अनएडेड मेडिकल काॅलेजों की फीस तय करने में नाकाम रहने पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को इसके जिम्मेदारों के खिलाफ दो माह में जांच पूरी करवाने का आदेश दिया।कोर्ट ने कहा कि यूपी अनएडेड मेडिकल एंड एलाइड साइंस काॅलेजों के लिए फीस निर्धारण समिति बनाने में देरी के जिम्मेदारों और समिति द्वारा फीस निर्धारित न करने की जांच की करें। कोर्ट ने इसकी जांच रिपोर्ट भी तलब की है। साथ ही राज्य सरकार समेत फीस निर्धारण समिति को चेतावनी दी कि अगले सत्र में फीस निर्धारण में नाकाम रहने पर दोनों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई चलने योग्य होगी।
न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला यूपी अनएडेड मेडिकल एंड एलाइड साइंस काॅलेज वेलफेयर एसोसिएशन व 17 अन्य की याचिका को मंजूर करके दिया। इन याचिकाकर्ताओं ने 2006 के अधिनियम के तहत मौजूदा सत्र में फीस बढ़ाने के मामले में राज्य सरकार समेत फीस निर्धारण समिति की नाकामी के खिलाफ हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। साथ ही मामले में सरकार द्वारा बीती 11 जुलाई को जारी आदेश को भी चुनौती दी थी।
कोर्ट ने 11 जुलाई के इस आदेश को रद्द कर फीस निर्धारण समिति को निर्देश दिया कि सत्र 2024-25 के लिए फीस तय करें। कोर्ट ने कहा की समिति की सिफारिशों के बिना राज्य सरकार ऐसी अधिसूचना नहीं जारी कर सकती थी। कोर्ट ने याची संस्थानों को 24 अगस्त तक अपने दस्तावेज और प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया। कहा, समिति 21 सितंबर तक मौजूदा सत्र के लिए फीस निर्धारित करेगी। साथ ही समिति, याची संस्थानों की फीस बढ़ाने के अनुरोध पर भी गौर कर सकेगी। इन निर्देशों के साथ कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली।