न्यूज़ रिपोर्टर शाका नामदेव गुना
संत तुलसीदास जी की जयंती पर कवि गोष्ठी हुई संपन्न।
खबर गुना जिला प्रदेश से
गुना।
चेतना साहित्य एवं कला परिषद गुना द्वारा संत तुलसीदास जी की जयंती की पूर्व संध्या पर उदासी आश्रम स्थित मुरली धोकल मंदिर पर वीरेंद्र सोनी मुक्त की अध्यक्षता, रमेश मंगल के मुख्य आतिथ्य तथा वरिष्ठ कवि विष्णु साथी के विशिष्ट आतिथ्य में कवि गोष्ठी संपन्न हुई। जिसका संचालन नगर के जाने-माने शायर प्रेम सिंह प्रेम ने किया। सरस्वती वंदना नरेंद्र भार्गव पद्म ने सुनाई। संचालन करते हुए प्रेम सिंह प्रेम ने प्यार को परिभाषित करते हुए कहा कि जिंदगी से जैसे बगावत है कोई रहते हुए जिन्दा जैसे शहादत है कोई।खुद का खुद पता ही नहीं प्यार है इश्क जैसा आफत है कोई। वरिष्ठ कवि विष्णु साथी ने अपने भावों को यूं व्यक्त किया रातों रात जगाते तेरी यादों के जुगनू,पल पल बहुत रूलाते श्रावण भादों के जुगनू। वीरेंद्र सोनी मुक्त ने कहा कुछ काम करो ऐसा कि ओरों के काम आ जाए दवा में असर ऐसा कि दर्द में आराम आ जाये। ज़िंदगी छोटी सी सही बड़ी से लाख बेहतर है मायूस की जुबां पर तेरा नाम ही आ जाये। रमेश मंगल ने कहा रत्नावली का क्रोध यदि साहित्य बनकर तुलसी की कलम पर आ न जाता तो जगत छाये हुए अंधकार में से सूर्य की किरण कभी मानव पा नहीं पाता। हरीश सोनी ने कहा जैसे घर पावन करती है आंगन में लगी हुई तुलसी वैसे समाज की शुद्धि हेतु तुम आये भारत में तुलसी,रचना कौशल में ढले जिनके रामत्व राम ने पाया है जो रहे मंदिरों तक सीमित दिल में उन्हें बसाया है। उमाशंकर भार्गव ने कहा रत्ना के पहले बने रहे जो दास उसकी प्रेरणा से बने तुलसी से तुलसीदास। उन्होंने ही धर्म प्रचार के रची रामचरित मानस उसका पारायण कर रहा देखो पूरा जनमानस।नरेंद्र भार्गव पद्म ने अपनी रचना सुनाते हुए कहा लिपट रही वेलरियां फूलों से कुछ ऐसे, सावन पर मिलती है भाई से बहिन जैसे।शायर सलाउद्दीन शिकवा ने कहा सावन के झूलों की आई है बहार धरती से अम्बर तक छाईं हैं बहार,ओ सखी याद आये पिया बार बार। राजेश जैन कपूर ने जिंदगी के संबंध में अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा जिंदगी का बोझ यारों अब सहा जाता नहीं ,साथ में तूफां के कश्ती से बहा जाता नहीं। डाक्टर अशोक गोयल ने अपना शेर पढ़ते हुए कहा मुझको इग्नोर कर रहे हो तुम, मेरे इश्क में कमी है क्या। अभिनंदन मडवरिया ने कहा अबकी बरस है बरस रहा है नेह झमाझम चारों ओर, गांव खेत हैं लगे सुहाने लोगन के चेहरे मुस्कानें।कमल सिंह कुशवाह ने देशभक्ति की रचना सुनाते हुए कहा निकल पड़े हैं मां के लाल दुश्मन का बनकर के काल,मन में अरमान सजे हैं हर जवान में जान न्यौछावर कर देंगे देश की शान में।शायर बाबू खां निडर ने कहा इंसा की जिंदगी का है इतना सा अफसाना,आना, जाना, ठहरना और बस मरजाना। सभी ने वीरेंद्र सोनी मुक्त तथा रमेश मंगल को उनके जन्मदिन की बधाई दी। हरीश सोनी ने उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किये। कवि गोष्ठी में समाजसेवी निरंजन भाया कसेरा, जगदीश प्रसाद शर्मा, उमेश मंगल,आशी अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल, हरीश शर्मा , बृजेश शर्मा, पंडित मनोज शर्मा, रामजीवन भार्गव, धर्मवीर सिंह भारतीय, रंगेश श्रीवास्तव, जगदीश श्रीवास्तव, असीम भटनागर, संदेश क्षत्रिय, बृजराज सिंह, नंदकिशोर अग्रवाल, पवन शर्मा आदि मौजूद रहे। आभार गोष्ठी के सूत्रधार उमाशंकर भार्गव ने व्यक्त करते हुए कहा कि इस बारिश के मौसम में भी भीगने की चिंता किये बिना आप सब मेरे निवेदन पर उपस्थित हुए। उसके लिए मैं आपका आभारी हूं।