रिपोर्टर देवीनाथ लोखंडे
जिला बैतूल
स्थान मुलताई
अधिकार की लड़ाई में निमंत्रण नहीं दिए जाते,डॉ जाकिर शेख
प्रेस और मीडिया को भारतीय संविधान अनुच्छेद 19(1)(ए) से प्रकाशित करने का अधिकार: डॉ जाकिर शेख
“पत्रकारिता का सपना एक देखोंगे, मुश्किलें हज़ार आएंगी, लेकिन वो मंजर बडा खूबसूरत होंगा, जब पत्रकारो की कामयाबी चारों ओर शोर मचाएंगी” प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स राष्ट्रीय सचिव, डॉ जाकिर शेख
बैतूल/ पत्रकारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स, क्रांतिकारी पत्रकारों का अखिल भारतीय संगठन है, जो पत्रकार सुरक्षा अधिनियम और पत्रकारों के कल्याण के लिए पूरे भारत में सतत अभियान चला रहा है… प्रेस क्लब ऑफ़ वर्किंग जनरलिस्ट के राष्ट्रीय सचिव डॉ जाकिर शेख ने कहा कि सरकार एवं पुलिस प्रशासन कुंभकरणनिय नींद से जागे… चुकी समाज में हो रहे असामाजिक तत्वों की दबंगई देश मे माने जाने वाले चौथे स्तंभ की गरिमा को बनाए रखने में योगदान दे, वही राष्ट्रीय सचिव डॉ शेख ने आगे कहा कि “अधिकार की लड़ाई में निमंत्रण नहीं दिए जाते, जिसका जमीर जिंदा है, वह खुद समर्थन में उतर जाते हैं” चुके दिनांक 23/07/2024 को थाना प्रभारी मुलताई जिला बैतूल को जिले के वरिष्ठ पत्रकार सैयद हामिद अली ने आवेदन के माध्यम से शिकायत की है, कि प्रेस एवं मीडिया के काम में बाधा उत्पन्न कर जान से मारने की धमकी प्रभात पट्टन फर्नीचर मार्ट के संचालकों द्वारा दी गई… जिसे पुलिस प्रशासन गंभीरता के साथ संज्ञान में लेने के साथ ही मार्ट के संचालकों पर सख्त से सख्त दंडात्मक कार्रवाई कर पत्रकारिता की गरिमा बनाए… चुकी सैयद हामिद अली बैतूल जिले के वरिष्ठ एवं क्रांतिकारी पत्रकार है, जोकि बीते 25 सालों से जनहित में भ्रष्टाचार अत्याचार के विरोध में लगातार खबरें प्रकाशित करते चले आ रहे हैं…. गत दिनों पत्रकार हामिद अली ने प्रभात पट्टन में चल रहे सागौन की तस्करी एवं अवैध फर्नीचर मार्ट की खबरें प्रकाशित की थी… जिससे वन विभाग ने गंभीरता के साथ मनीष फर्नीचर मार्ट पर छापामार कार्रवाई कर, कई तरह की सामग्री की जप्ती की थी, वहीं क्षेत्र में अन्य जगहों पर भी छापामार कार्रवाई की गई थी… जिस का नतीजा या कार्रवाई का बदला लेने की मंशा से प्रभात पट्टन मनीष फर्नीचर मार्ट, के साथ ही दीपक फर्नीचर मार्ट के संचालकों द्वारा पत्रकार हामिद अली के घर जाकर जान से मारने एवं खबरें प्रकाशित न करने की धमकी दी जा रही है… वही बीते दिनों मनीष सावरकर ने पत्रकार को मोबाइल नंबर 9755653 902 से 3:45 पर धमकी दी, और घर पर आने को कहा था, किंतु पत्रकार द्वारा अवैध संचालकों के घर नहीं जाने पर मनीष एवम् दीपक ने धमकाते हुए कहा कि “आपको खबरें लगाना और हमसे बैर रखना बहुत महंगा पड़ेगा” इससे पहले भी मनीष का भाई दीपक सावरकर ने भी दिनांक 19/07/2024 को आठ बार सेल फोन के माध्यम से कॉल किए थे, यह दोनों भाई अपराधिकवृर्ती के है… जिसे पुलिस प्रशासन गंभीरता से लेते हुए प्रेस एवं मीडिया के कार्य में बाधा डालने एवं जान से मारने की धमकी देने पर पत्रकार की रिपोर्ट दर्ज कर सख्त से सख्त दंडात्मक कानूनी कार्रवाई करें… चूकि प्रेस को भारतीय संविधान, 1950 के अनुच्छेद 19(1)(ए) में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रेस और मीडिया को भी अधिकार प्राप्त हैं, जो किसी व्यक्ति को लिखने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने और सूचना प्रसारित करने के लिए दीए गए हैं…अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में मौखिक रूप से, लिखित रूप में, मुद्रण द्वारा, चित्र द्वारा या किसी अन्य तरीके से अपनी बात कहने का अधिकार शामिल है…इसमें संचार की स्वतंत्रता और अपने विचार को प्रचारित या प्रकाशित करने का अधिकार शामिल है… आगे श्री डॉ शेख ने कहा
प्रेस को जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, उसमें न केवल सूचना और विचारों को प्रकाशित करने का अधिकार शामिल है, बल्कि उन्हें प्रसारित करने का भी अधिकार शामिल है…प्रेस के प्रसार के अधिकार में प्रसार की मात्रा तय करने की स्वतंत्रता भी शामिल है, साथ ही
न्यायालय की कार्यवाही की रिपोर्ट करने का अधिकार भी पत्रकारों को प्राप्त है…पत्रकारों को न्यायालय में कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है, और न्यायालय में देखी और सुनी गई कार्यवाही की विश्वसनीय रिपोर्ट प्रकाशित करने प्रेस को संसद और राज्य विधानसभाओं की विधायी कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने का भी अधिकार है, बशर्ते कि प्रकाशन में दुर्भावना न हो… यह अधिकार संसदीय कार्यवाही “प्रकाशन संरक्षण” अधिनियम, 1977 में भी दिया गया है… वही
न्यायालयों के पास न्याय के हित में कार्यवाही के प्रचार को प्रतिबंधित करने का अधिकार है, न कि किसी असामाजिक तत्व को जो अवैध कार्य में लिप्त होने के पश्चात भी मीडिया एवं प्रेस पर अंकुश लगाने एवं जान से मारने की धमकी देने एवं समाचार प्रकाशन पर रोक लगाने की नाकामयाब कोशिश कर रहा है… उपरोक्त दबंगाई कर्ता फर्नीचर मार्ट के संचालकों पर दंडात्मक कार्यवाही करना सुनिश्चित की जाए… जिससे देश-प्रदेश की साथ ही जिले के पत्रकार स्वतंत्रता के साथ पत्रकारिता के माध्यम से क्षेत्र में होने वाले वैध एवं अवैध गतिविधियों को जनता के बीच रख सके…. “मिजाज मे थोड़ी सख्ती लाजमी है, “साहब” वर्ना असामाजिक तत्व पी जाता, पत्रकार के कलम के स्याही को”