रिपोटॅर देवीनाथ लोखंङे/आकेश यादव
जिला बैतूल
भ्रष्टाचार में अव्वल दर्जा प्राप्त कर लाखो रू का नपा को चुना लगा रही ओम साई विजन संस्था*
लाखो रू के कई वाहन संस्था ने बना दिए कबाड़
बैतूल।नगर पालिका बैतूल ने ओम साई विजन संस्थान को नगर का कचरा उठाने व नगर को साफ सुथरा रखने के लिए करोड़ो का ठेका दिया था। और निविदा टैंडर की सर्तो के अनुसार सभी बिंदुओं का नियम एवम सर्तो का पालन संस्था को कराना अनिवार्य है।
बता दे संस्थान नगर के सभी वार्डो में कचरा गाड़ी के माध्यम से घर – घर से कचरा उठाने का कार्य कर रही ।
और संस्था ओम साईं विजन को नपा द्वारा कुल 39 वाहन पाँच वर्षों के लिये नगरपालिका द्वारा प्रदाय किये गये थे। किसके माध्यम से संस्था विगत पांच वर्षो से नगर को स्वच्छ रखने कार्य कर रही थी और अब संस्था ओम साई विजन को मिले इस टेंडर की अवधि कुछ दिनो में अब समाप्त हो रही है। और अगस्त माह में नपा द्वारा संस्था को सफाई में उपयोग करने। नए फ्रेश कंडीशन में वाहन संस्था को प्रदाय किये गये थे। और अब
टेंडर की शर्तो के अनुसार संस्था को स्वच्छता में प्रयुक्त किए जाने वाले वहां नगर पालिका परिषद बैतूल को चालू हालत में वापस करना होगा।
पर संस्था ने लगभग वाहानो को कंडम कबाड़ कर दिया है। और कई वाहन नगर पालिक की पार्किंग स्थल एव कई वाहन पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने बाल मंदिर में जर्जर अवस्था में सड़ रहे हैं।
वाहन के इस दयनीय अवस्था का जिमेदार संस्था ने इन वाहनों की ना तो रख रखाओ पर समय रहेते ध्यान नही दिया यही कारण है की वाहन खड़े सड़ने लगे हैं।
मजे की बात तो यह है की संस्था को प्रदाय वाहनों में से अशोक लीलैंडवाहन और एक अन्य वाहन जिससे शहर का ज़्यादा से ज़्यादा कचरा एक साथ उठाया जा सकता था। ऐसे नये और लाखों रूपए की कीमत के दो वहानो को संस्था ने मिट्टी मे मिला दिया या कहा जाये तो उनको ग़ायब कर दिया है। आपको बता दें गायब हुए ये नए वाहन आखिर गए कान्हा तो हम आपको बि दे की वाहनों को गायब करने वाली संस्था ओम साई विजन ने ऐसा करके टैंडर अवधि के पांच वर्षो में हर महीने लाखों रू का चुना लगा कर नपा के आलाह अधिकारियो की आखों में धूल झोंकने का काम किया है। क्यू की जर्जर अवस्था में खडे दो वाहन कांपैक्टर और ट्रक 407 जिन्हे संस्था ने जमीदोज़ कर दिये है उनपर आठ हेल्पर दो ड्राइवर दोनों वहानो का रोज़ का डीजल मरम्मत के पैसे ओम साई विजन संस्था विगत पांच वर्षो की टैंडर अवधि में हर माह डकारती रही। और नगर पालिका परिषद यह सब मूर्कदर्शक बन कर देखती रही। इनकीनपा के मुखदर्शक और मुखबाधित जनप्रतिनिधियो ने पांच वर्षो में आज तकसावल नही उठाया। इन सभी कारणों से आज स्थिति यह है कि लगभग सभी कचरा कलेक्शन वाहन जर्जर अवस्था में खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके हैं।
सावल यह है की आख़िर नपा और ज़िम्मेदार संस्था द्वारा लगातार बरती गई अनियमितताओं गूंगे बहरे की तरह सहन करते गए।
बल्कि नगर को स्वच्छ रखने के नाम संस्था बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार कर चुकी है । संस्था के भ्रष्टाचार की जानकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को होने के बावजूद भी
नपा ने इस संस्था का नाम आज तक (काली सूची) ब्लैकलिस्ट में सामिल नही किया। इसेसे यह संदेह बड़ा है की कही सभी संस्था के इस भ्रष्टचार के खेल में लिप्त तो नही है ।