न्यूज चीफ रिपोर्टर रमाकान्त झंवर श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर
श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका लापरवाह अधिकारी की वजह से शायद अब इस शहर की उम्मीदें पूरी तरह से खत्म हो चुकी मोमासर बास के मोहलेवासियो का जोशी हॉस्पिटल नेता प्रतिपक्ष के घर पास बनी इस विकट परिस्थिति का आखिर कैसे होगा निवारण मोहलेवासियो में काफी रोष है और हर दिन पालिका को कोष रहे हैं। आखिर नगर पालिका के इस बिगड़े हुए हालात पर पर कब काबू पाएगी भाजपा सरकार बनी तो लोगों को उम्मीद जगी थी लेकिन यह उम्मीद अब सिर्फ उम्मीद ही बनकर रह गई है शहर में लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है तो जल भराव की स्थिति बारिश के बाद उत्पन्न हुई इस समस्या का स्थाई समाधान की मोहल्लेवासी कर है जब तक स्थाई समाधान नही हो तब तक कोई व्यवस्था की जाए लेकिन इस सिस्टम के लापरवाह अधिकारियों ने इस शहर को भगवान भरोसे छोड़ दिया है क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती की जिस तरह के हालात बने हैं वहां का मौका निरीक्षण किया जाए और वैकल्पिक व्यवस्था की जाए मोहलेवासियो का कहना की बीना बरसात के ये हालात लम्बे समय से बने है शहर की हालत सुधारने की कुछ उम्मीद जगी थी लेकिन अब धीरे-धीरे निराशा फिर सामने हाथ लगती हुई नजर आ रही है। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के पद पर संदीप बिश्नोई थे उनके पास बीकानेर नगर निगम के अलावा श्रीडूंगरगढ़ नगर पालिका का चार्ज था उस समय लगातार मांग उठाई जाने लगी कि अधिशासी अधिकारी नहीं आते हैं दो दिन आते है स्थाई अधिकारी लगाया जाए । अविनाश शर्मा को श्रीडूंगरगढ़ भेजा गया तो स्थानीय जनता ने भी सोचा कि शायद अब हालात सुधरेंगे नेताओं ने भी अपनी पीठ थपथपाई और यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि हमारी सरकार है अब हम हालात सुधारेंगे। लेकिन अब स्वायत शासन विभाग द्वारा नोखा व देशनोक का अतिरिक्त कार्यभार देकर अब टाइम पूरी तरह से सीमित कर दिया है मतलब साफ है सप्ताह में 5 दिन काम होता है और तीन जगह काम करना होगा। श्रीडूंगरगढ़ अधिशासी अधिकारी तीन जगह काम देखेंगे तो श्रीडूंगरगढ़ शहर के लिए एक दिन पूरा और दूसरा दिन आधा इतना समय बचेगा तो क्या काम हो पाएगा श्रीडूंगरगढ़ का। भले ही सरकार के पास कर्मचारियों की कमी हो अतिरिक्त कार्य भी देना पड़ता है लेकिन जिस तरह के हालात श्रीडूंगरगढ़ में बनते जा रहे हैं कहीं न कहीं बड़े सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं कि आखिर कब हालात सुधरेंगे या फिर नहीं सुधरेंगे। क्या सरकार की आवाज सरकार तक नहीं पहुंच रही या फिर सरकार सुनती नहीं आखिर क्यों नहीं सुनती बड़ा सवाल है आखिर कब तरस आएगी इस शहर पर और कब बदलेंगे हालात वही दूसरी ओर उपजिला अस्पताल, स्टेट बैंक, पोस्टऑफिस के आगे के हालात भी काफी दयनीय है। बेपटरी सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है और दूसरी ओर नागरिकों में आक्रोश बढ़ रहा है। शनिवार को बिना बरसात उपजिला अस्पताल के बाहर भरा पानी सुबह से और अधिक बढ़ गया है। गंदे पानी में से होकर गुजर रहें मरीज व उनके परिजन प्रशासन व नेताओं को कोस रहें है। यहां भर्ती मरीजों के परिजन भारी परेशानी झेल रहें है वहीं ओपीडी में आने वाले मरीज भी खासी दिक्कत का अनुभव कर रहें है। यहां राउमावि बालिका में भी आने जाने का रास्ता गंदे पानी से बुरी तरह से प्रभावित है। बता देवें शुक्रवार शाम को एडिशनल कमिश्नर ओमप्रकाश विश्नोई भी यहां के हालात देखकर खासे नाराज हुए और नोखा गए ईओ को फोन पर लताड़ लगाते हुए तुरंत सफाई के निर्देश दिए। परंतु यहां उनके आदेश भी नाकाम साबित हुए और गंदे पानी की मात्रा सुबह और अधिक हो गई है। इस गली से मोमासर बास की और जलभराव के कारण लोगों का घरों से निकलना ही बंद नहीं हुआ घर में भी बदबू के कारण रूमाल मुंह पर रखकर दिन गुजार रहें है।नागरिकों का कहना है कि यहां प्रशासन व विधायक को ईओ ही स्थाई लाना होगा जिससे व्यवस्था सुधार हो सकें। पालिकाध्यक्ष मानमल शर्मा ने बताया कि विधायक से स्थाई ईओ की मांग की गई है जिससे पालिका से जुड़े सभी कार्य समय से हो सकें। बहरहाल जो भी हो नागरिक सफाई व्यवस्था दुरस्त करने की मांग कर रहें है।
सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-रात से ही मैं स्वयं मॉनिटरिंग कर रहा हूं, मशीनें लगी हुई है, शीघ्र ही जल निकासी करवाने के प्रयास जारी है इस गली के एक एक चैंबर में दो ट्रॉली प्लास्टिक निकल रहा है, जाम की विकट स्थिति है जिसे मशीनों से खाली करवाया जा रहा है।”-पालिकाध्यक्ष मानमल शर्मा