अंकुर कुमार पाण्डेय ब्यूरो चीफ
वाराणसी सत्यार्थ न्यूज
वाराणसी। गुरु पूर्णिमा पर श्रवण नक्षत्र में बन रहा कई शुभ योगों का महासंयोग, 21 को मनाया जाएगा
वाराणसी। गुरु पूर्णिमा उदया तिथि के अनुसार 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस बार गुरु पूर्णिमा पर श्रवण नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धि और प्रीति योग बन रहा है। गुरु पूर्णिमा पर कई शुभ योगों का महासंयोग बन रहा है। गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:, गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः. अर्थात गुरु ही ब्रह्मा हैं, गुरु ही विष्णु हैं, गुरु ही महादेव हैं, गुरु ही साक्षात भगवान हैं, ऐसे परम ज्ञानी श्री गुरु को मेरा प्रणाम है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर शिष्य अपने गुरु चरणों की रज और आशीर्वाद पाने के लिए गुरु पीठों पर उमड़ेंगे। उदया तिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा काशी के पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 20 जुलाई को शाम 5:59 बजे शुरू होकर 21 जुलाई को दोपहर 3:46 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा पर कई शुभ योगों का महासंयोग बन रहा है। गुरु पूर्णिमा पर उत्तराषाढ़ नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5:37 बजे से रात्रि में 12:14 बजे तक रहेगा। पूर्णिमा पर श्रवण नक्षत्र और प्रीति योग का भी निर्माण होगा। इसके अलावा विष्कंभ योग रात 9:11 बजे तक रहेगा। महर्षि वेदव्यास का हुआ था जन्म सनातन धर्म में गुरु की पूजा का विशेष महत्व होता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व ज्ञान और आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए होता है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर महाभारत के रचयिता महान ऋषि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा पर गंगा स्नान के साथ ही दान का महत्व है। गुरु के दर्शन पूजन से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। सामनेघाट से पड़ाव तक गुरु की चौखट पर शिष्य लगाएंगे हाजिरी आदि विश्वेश्वर शिव की नगरी में गुरु पूर्णिमा पर गुरु की चौखट शिष्यों से गुलजार होगी। सामनेघाट से पड़ाव तक शिष्य अपने गुरु के दर्शन और आशीर्वाद के लिए पहुंचेंगे। गढ़वाघाट मठ, क्रीं कुंड, पड़ाव और सतुआ बाबा आश्रम में भक्तों की संख्या हजारों में होती है। मठों में गुरु पूर्णिमा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का उत्सव काशी में धूमधाम से मनाया जाएगा। 19 जुलाई से ही गुरु पीठ पर शिष्यों के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। गंगा स्नान के साथ ही गुरु पूजन का सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर शाम तक चलेगा। काफी संख्या में शिष्य गुरु से मंत्र और दीक्षा लेकर नियमों के पालन का संकल्प लेंगे। दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ शिक्षा मंडल में धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी, सर्वेश्वरी समूह आश्रम पड़ाव में गुरुपद संभव राम, संतमत अनुयायी आश्रम मठ गढ़वाघाट में गुरु स्वामी सरनानंद, बाबा कीनाराम स्थली क्रीं कुंड में बाबा सिद्धार्थ गौतम, सतुआ बाबा आश्रम में महामंडलेश्वर संतोष दास और पातालपुरी मठ में महंत बालक दास शिष्यों को दर्शन देंगे। गुरु पूजन के बाद सभी आश्रमों में गुरु पूर्णिमा महोत्सव की शुरुआत होगी। गुरु पूर्णिमा के लिए मठ, मंदिर और आश्रम में तैयारियां शुरू हो गई हैं। क्रीं कुंड, धर्मसंघ, मठ गढ़वाघाट और पड़ाव आश्रम में गुरु पूर्णिमा के लिए बैरिकेडिंग की जाएगी।