न्यूज रिपोर्टर मिडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
देश के ज्यादातर हिस्सों में जून के अंत तक मानसून हमेशा आ जाता है। ऐसे में हमें स्वास्थ्य को लेकर बहुत सावधान रहने की जरूरत होती है। हालांकि मानसून के शुरूआत में कभी धूप तो कभी बारिश हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी चुनौती पूर्ण होता है। ऐसे समय में बदलते मौसम में बीमारी के कारण कई तरह के रोग हो सकते हैं जैसे- डेंगू, मलेरिया, टाइफाड, हैजा और सबसे ज्यादा कॉमन फिवर।
अगर हम मानसून में होने वाली बीमारियों की बात करें तो ऐसे मौसम में चारों तरफ जल जमाव की स्थिति बनी रहती है, जिसके कारण डेंगू, मलेरिया के अलावा कई अन्य तरह के संक्रमण फैलने का डर बना रहता है। मानसून चिलचिलाती धूप और गर्मी से राहत के रूप में आता है लेकिन अक्सर नुकसान के निशान को पीछे छोड़ देता है। जल जमाव और उच्च आर्द्रता से रोगाणु और मच्छर विकसित होते हैं और गंभीर संचारी रोग उत्पन होते हैं। ऐसे में बैक्टीरिया और फंगस की वृद्धि से इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, अस्थमा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस, कंजक्टिवाइटिस, लेप्टोस्पायरोसिस, मलेरिया और डेंगू जैसे संक्रमण होते हैं। आज के समय में बढ़ती महंगाई के कारण अस्पताल के खर्च आसमान छू रहे हैं। एक बार अस्पताल में भर्ती होने से आपको लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है।इसलिए आईए जानते हैं मौसम में बदलाव स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है ? आप अपने परिवार मानसून के समय कैसे स्वस्थ रख सकते हैं। साथ में यह भी जानेंगे कि कैसे इस मौसम में हम मेडिकल पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं।
मानसून में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से कैसे बचें
बदलते मौसम में बरतें यह सावधानियां जो आपको बीमारियों से बचाती है:-
1.व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। अपने हाथों की स्वच्छता बनाए रखें। साफ और सूती कपड़े पहनें। उबला हुआ पानी पिएं।
2.इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अदरक, इलायची, दालचीनी का सेवन करें।
3.खासतौर पर बाहर के स्ट्रीट फूड खाने से बचें। बारिश में न भीगें।
4.अपने घर में या आस-पास कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर, प्लांटर्स, स्टोरेज और पालतू जानवरों के कटोरे में इस्तेमाल होने वाले पानी को बदलते रहें। मच्छरदानी, कॉइल और स्प्रे का उपयोग करें। दीवारों पर नमी होने पर ठीक कराएं। स्वच्छता बनाए रखें और अपने बाथरूम को नियमित रूप से साफ करें।
5.मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें। बारिश के पानी में न भीगे। उपयोग से पहले फलों और सब्जियों को अच्छे से धोएं। अपने भोजन को रसोई में ढक कर रखें।
6.व्यक्तिगत और पर्यावरणीय स्वच्छता सुनिश्चित करें। हैंड सैनिटाइजर और ब्रीदिंग मास्क कैरी करें। अगर आपके इलाके में कोई खुली नाली या गड्ढे हैं तो शिकायत करें।
7.अपने बच्चों का टीकाकरण करवाएं। छींकने या खांसने के दौरान हमेशा अपना मुंह और नाक ढक कर रखें।
8.हर कुछ घंटों में गर्म पानी पीने की कोशिश करें। बेस्ट मेडिकल पॉलिसी का चुनाव करें।
मानसून डाइट-
हालांकि बरसात के मौसम में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हमेशा बढ़ती रहती हैं, इसमें सर्दी, फ्लू, वायरल बुखार आदि हो सकते हैं। हम यहां जान सकते हैं कि, बदलते मौसम में क्या खाना चाहिए? इसके लिए एक कप गर्म चाय का घूंट लेना पर्याप्त नहीं है। बदलते मौसम में स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आपको अपनी जीवनशैली में भी बदलाव करना होगा। बारिश के महीनों में अपच, भोजन विषाक्तता और अन्य संक्रमण जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नीचे दी गयी मानसून डाइट से जानिए की इस मौसम में हेल्दी रहने के लिए क्या खाएँ।
तरल पदार्थ
-ताजा गर्म काढ़ा, शोरबा और सूप का सेवन करें। खूब सारा पीना पिएं। ये आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय और सही रखता है।
फल
-फाइबर,विटामिन ए और सी और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्वों के लिए मौसमी फलों जैसे नाशपाती, जामुन, बेर, चेरी, लीची, आडू और अनार का अधिक सेवन करें।
सब्जियां
-यह लौकी का मौसम होता है, जैसे बोतल लौकी, करेला, नुकीली लौकी, रिज लौकी, भारतीय स्क्वैश आदि, अपने दैनिक आहार में इन सब्जियों को भरपूर मात्रा में शामिल करें।
मसाले
-अपने आहार में हल्दी और अदरक जैसे मसाले शामिल करें क्योंकि इनमें एंटीसेप्टिक और प्रतिरक्षा-बढ़ानेवाले गुण होते हैं। इस मौसम में बस घर का बना खाना ही आपके अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रख सकता है।
मानसून में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदे क्या है?
मानसून यानी बरसात के दिनों में अप्रत्याशित बीमारी वित्तीय गड़बड़ी का कारण बन सकती है, इसलिए ऐसे में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी बहुत फायदेमंद होती है। इस प्रकार सुरक्षित रहने के लिए, सही स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में निवेश कर के आप बीमारियों के बड़े खचों से बच सकते हैं। केयर हेल्थ इंश्योरेंस (Care Insurance) द्वारा दिए जाने वाले केयर चिकित्सा बीमा पॉलिसी के लाभों के बारे में नीचे पढ़ें-
संक्रमित और असंक्रमित रोगों के खिलाफ व्यापक कवरेज।
अग्रिम उपचार के लिए कवरेज के साथ आयुष कवर। गंभीर बीमारी, पुरानी और पहले से मौजूद बीमारियों जैसे कैंसर, किड्नी फेलियोर, स्ट्रोक, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर,थायराइड, आदि के लिए कवर। उपचार, दवा, चिकित्सा और डायलिसिस के आवर्ती लागत के लिए कवरेज जो लोगों का वित्तीय बोझ कम करती है। चिकित्सा आपातकाल के दौरान तत्काल अस्पताल में कैशलेस भर्ती। सस्ती प्रीमियम पर पर्याप्त बीमा राशि। ऐड-ऑन लाभ जैसे नो क्लेम बोनस, वैश्विक कवरेज, अंतर्राष्ट्रीय दूसरा मत, PED प्रतीक्षा अवधि में कमी, आदि। एम्बुलेंस कवर, अंग दाता कवर, और डोमिसिलियरी अस्पताल के लिए कवरेज वार्षिक स्वास्थ्य जांच का लाभ। इससे आप बहुत पैसा बचा सकते हैं और अपने स्वास्थ्य पर भी नज़र रख सकते हैं। डेकेयर प्रक्रियाओं का कवर। मेडिकल पॉलिसी आपको एम्बुलेंस खर्च, अंग दाता व कोरोना कवर के साथ साथ लाइफ लॉन्ग रिन्यूवबिलिटी
भी देती है। भारत के आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80D के तहत कर लाभ मिलता है। इसलिए, यदि आप अभी भी मेडिकल पॉलिसी का चयन करने के लिए अच्छे समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो मानसून का समय सही है। हालांकि, किसी भी मौसम के दौरान चिकित्सा आपात हो सकती है। हमारी स्वास्थ्य नीतियां आपको इस मानसून से संबंधित हर चिंता से मुक्त रहने के लिए व्यापक कवरेज और सुरक्षा प्रदान करती हैं
डिस्क्लेमर
-प्लान की विशेषताएं, लाभ, कवरेज और दावों की बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रॉस्पेक्टस और पॉलिसी दस्तावेज़ों को ध्यान से देखें।