प्रयागराज , बिहार में एक महीने के अंदर 17 पुल धराशाई हो चुके हैं। बारिश के मौसम में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण पुलों के गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से यमुना पुल के दबने का मामला सामने सामने आया है, लेकिन राहत सिर्फ इतनी है कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सेतु यानी न्यू यमुना पुल पर कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। बल्कि पुल दबने के कारण पिछले पखवाड़े भर से हर रोज घंटों जाम लग रहा है। लोगों को पुल पार करने में घंटे भर का समय लग रहा है। दरअसल भारी वाहनों के दबाव के कारण के पुल का एक हिस्सा दब गया। एक्सपेंशन जॉइंट के पास बड़ा गड्ढा हो गया है। जिससे आवागमन में लोगों को भारी मुसीबत आ रही है। इस पर किसी की नजर नहीं जा रही है। एनएचएआई के अधिकारी इस प्रकार की बड़ी समस्या को नजरअंदाज करते रहे तो इससे पुल की स्थिति पर प्रभाव पडऩे का अंदेशा जताया जा रहा है। जो आने वाले महाकुंभ के लिए भी घातक हो सकता है।
प्रयागराज के नए यमुना पुल से रोजाना हजारों की संख्या में भारी वाहन गुजर रहे हैं। मई महीने के पहले सप्ताह से ही नैनी से प्रयागराज की तरफ जाने वाले लेन में एक्सपेंशन जॉइंट के पास गड्ढा हो गया है। जिससे पुल दब गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रोजाना लेप्रोसी मिशन चौराहे से बांगड़ धर्मशाला चौराहे तक भीषण जाम लगता है। छोटे से लेकर बड़े वाहनों को रेंगते हुए निकलना पड़ता है। महज पुल की दूरी तय करने में घंटा भर का समय लग रहा है।
नैनी का यह यमुना पुल काफी नामचीन पुल है। पिछले कुछ महीने पहले इसकी मरम्मत भी कराई गई थी। उसके बाद वर्तमान समय में आई खामी को ठीक करने के लिए कई बार आरसीसी की ढलाई की गई, लेकिन समस्या बार बार आने पर कार्य की गुणवत्ता पर भी संदेह जताया जा रहा है। ढलाई की परतें भी कई जगहों पर उखडऩे लगी हैं। जिसका खामियाजा पुल से गुजरने वाली जनता को भुगतना पड़ रहा है।
यमुना ब्रिज के दबने के मामले को आने वाले महाकुंभ से जोड़ कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यदि समय रहते इसे दुरूश्त नहीं किया गया तो यह बड़ी समस्या बन सकता है। वहीं इस मामले को लेकर मेलाधिकारी महाकुंभ विजय किरण आनंद ने कहा कि इसके मरम्मत की जिम्मेदारी एनएचएआई के पास है। उनके अधिकारियों से बात कर इसे जल्द ठीक कराया जाएगा।