• जिले में 176 एमएम बारिश,बाढ़ जैसे हुए हालात।
☞ मानसूनी बारिश के सक्रिय होने से,मंगलवार से बृहस्पतिवार तक,जिले भर में हुई झमाझम बारिश
☞ बारिश से धान की रोपाई में आई जबरजस्त तेजी
☞ पिछले 24 घंटे में हुई 150 एमएम बारिश
☞ धान की की खेती के लिए 297 एमएम बारिश की जरूरत होती है – कृषि वैज्ञानिक
महराजगंज जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह और आषाढ़ कृष्ण पक्ष के एकादशी तिथि दिन मंगलवार से शुरू हुई,मानसूनी बारिश ने अपने ताकत का एहसास कराया।मानसूनी बारिश सक्रिय हो जाने से मंगलवार से बृहस्पतिवार तक जिले भर में खूब झमाझम बारिश हुई।लगातार तीन दिनों तक हुई बारिश से महराजगंज में 176 एमएम रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई।इस दौरान जिले में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।
लगातार हो रहे मानसूनी बारिश से दिन का अधिकतम तापमान भी करीब 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।जिससे मौसम पूरी तरह खुशनुमा हो गया है।दोपहर बाद बारिश बंद होने से उमस भरी गर्मी का दौर शुरू हो गया।
मंगलवार से शुरू हुई बारिश बृहस्पतिवार की रात तक जारी रही।लगातार हो रही बारिश के वजह से जिले की कस्बाई क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जगह जगह जलभराव की समस्या बनी हुई है।
सड़कों पर पानी लगे होने से दो पहिया,चार पहिया वाहन चालकों को रास्ता बदल कर आवागमन करना पड़ रहा है।
उद्योग केंद्र कालोनी में सार्वजनिक नाली की सफाई न होने से,कालोनी में घुटने तक पानी लगा हुआ है।यही हाल जिले के मुड़िला बाजार और खुटहा बाजार का है। यहां भी नालियों की साफ सफाई न होने से नाली का पानी सड़कों पर बह रहा है,तो कुछ स्थानों पर तो लोगों के दरवाजों से होकर बह रहा है। बहरहाल यह तो अभी सार्वजनिक नाली की समस्या की बात है।अगर मुड़िला बाजार की सड़क की बात करें तो, यहां की सड़कों पर दिन में चल पाना मुश्किल है।
नदियां अभी रेड पॉइंट्स के नीचे बह रही हैं:- रोहिन नदी, गण्डक नदी,राप्ती नदी, रिगौली बांध,त्रिमोहानी नदी, रोहिन नदी भौराबारी,चंदन नदी एवं प्यास नदी तथा महाव नाला जिले की प्रमुख नदियां हैं।जिले में हो रही लगातार बारिश के बावजूद अभी ए सभी नदियां अपनी रेड पॉइंट्स (खतरे के नीचे) से नीचे होकर बह रही हैं।लेकिन नेपाल की पहाड़ों पर भी हो रही बारिश से ए सभी नदियां बहुत जल्द रेड पॉइंट्स पर आ जाने की संभावना है।फिलहाल अभी खतरे की कोई बात नहीं है।
मानसून मेहरबान:- मौसम वैज्ञानिकों ने इस वर्ष बारिश अधिक होने की संभावना जताई है।वर्ष 2023 में जून के महीने में 29 एमएम बारिश हुई थी। वहीं वर्ष 2024 में जून के महीने में 73 एमएम बारिश दर्ज की गई थी।पिछले जुलाई के महीने में 139 एमएम बारिश हुई थी। वहीं इस वर्ष जुलाई के प्रथम सप्ताह में दो दिनों की बारिश में 176 एम एम बारिश रिकॉर्ड की गई।
बारिश से धान की रोपाई में आई तेजी:- जुलाई का महीना शुरू होते ही मौसम मेहरबां हो गया है।लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को काफी राहत महसूस कराया।बारिश की पानी किसानों के मन मुताबिक मिलने से धान की रोपाई में तेजी देखने को मिल रही है।सदर ब्लॉक क्षेत्र में करीब 70% – 75% धान की रोपाई हो चुकी है।
पिछले चौबीस घंटों में 150 एमएम बारिश हुई:- सिंचाई विभाग बाढ़ कंट्रोल रूम के मुताबिक मंगलवार को दिन से बुधवार की सुबह करीब 8 बजे तक महराजगंज जिला मुख्यालय पर 150 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई।
डॉ.शिवपूजन यादव,कृषि (विज्ञान केंद्र वसूली) वैज्ञानिक:- जुलाई के महीने में बारिश होने से धान की खेती को काफी फायदा पहुंच रहा है।धन की खेती के लिए 297 एमएम बारिश होना जरूरी होता है।इस तरह बारिश होने से धान के पौधों की बढ़वार तेज होंगी।