कांकेर धूमधाम से शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया
शिक्षा बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ाने के लिए अवसर प्रदान करती है:- आसाराम नेताम
सत्यार्थ न्यूज़ से पुनीत मरकाम कांकेर( छत्तीसगढ़ ) भानुप्रतापपुर ✍️ ✍️
” कांकेर (छत्तीसगढ़ )शासकीय नरहरदेव उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कांकेर में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव में विधायक आसाराम नेताम ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने फुलहर माला पहनकर कर तिलक लगाया और विद्यालय के छात्र-छात्राओं का स्वागत किया। पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे, जहां मां सरस्वती की पूजा अर्चना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
विद्यार्थियों में भी स्कूल आने का खास उत्साह नजर आया। विद्यार्थियों के स्वागत के लिए स्कूलों में पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी। कई स्कूलों में रंगोली भी बनाई गई। वही शिक्षकों ने नव प्रवेशी बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान उन्होंने सभी नवप्रवेशित बच्चों को कॉपी-किताब और पेन दिए। लंबे अंतराल के बाद जब नन्हें-मुन्हे बालक-बालिका स्कूल पहुंचे तो रौनक लौट आई है।
इस मौके पर विधायक आसाराम नेताम ने कहा कि शिक्षा बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ाने के लिए अवसर प्रदान करती है। आप सभी अपना एक लक्ष्य तय करके गुरुजनों के सानिध्य में योग्यता बढ़ाए और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़े। बच्चों को स्कूल आते हुए देखकर मन को प्रसन्नता मिलती है। माता-पिता विद्या अध्ययन में सहयोग करें। साथ ही साथ समाज की अभिन्न कड़ी के रूप में इनका संरक्षण, पोषण और उनके उज्जवल भविष्य के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे बड़े होकर के गांव, स्कूल, माता-पिता का नाम रोशन करें।
इस अवसर पर पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन की सफलता का पहला राज अनुशासन है। सभी विद्यार्थी पूरी लगन और मेहनत के साथ अनुशासित होकर समर्पण भाव से पढ़ाई करें। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला विद्यार्थी जितनी मेहनत करता है, उतनी ही मेहनत सभी विद्यार्थियों को करना चाहिए। स्कूल से ही हमारी नींव का निर्माण होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ स्वस्थ रहने के लिए खेलों में भी सक्रिय रहने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर भारत मटियारा, भाजपा के कार्यकर्ताए ,विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं ने बड़ी संख्या में उपस्थित रहे । “