श्री गणेशाय नमः श्रीमद् भागवत कथा
चलो चलें सिरमौर के सेमरा जहां वसी मां चंडी ,यहीं शिव झालखंडी ।
कथा भागवत वहीं शुरू है लगी पुण्य की मंडी,यहीं शिव झालखंडी।।
श्री विष्णु प्रपन्नाचार्य ,आए हैं अयोध्या धाम से।
सेमरा में आकर नाता जोड़ लिया है हरि नाम से।।
बना लिए मखशाला सुंदर लाल लगा दी झंड़ी,यही शिव झालखंडी।।
श्रावण शुक्ल परीबा, तिथि शुभ छ: ही जुलाई है।
कथारंभ होने वाली पापों की होनी धुलाई है।।
श्री राधाकृष्णन व्यास पीठ से धोते लेकर डंडी,यहीं शिव झालखंडी।।
चौदह जुलाई चौबिस होना वृहद भंडारा है।
लेता प्रसाद जो भी जीवन उसी ने संँवारा है।।
मधुर मधुर पकवानों वाली यहीं चढ़ेगी हंडी, यहीं शिव झालखंडी।।
गावें प्रभाती सुबह शास्त्री दीपांक मानेंद्र जी।
जय हो बसामन मामा बामन जै हो उपेंद्र जी।।
कथा सुनो बच्चों रामू कह, बनो नहीं उद्दंडी ,यहीं शिव झालखंडी।।
राजेश कुमार तिवारी रामू काका
सतना मध्यप्रदेश