न्यूज रिपोर्टर मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर
श्रीडूंगरगढ
बिच्छू के आकार का पूर्ण वृश्चिक आसन जानिए लाभ योग प्रशिक्षक ओम प्रकाश कालवा के साथ।
श्रीडूंगरगढ़।कस्बे की ओम योग सेवा संस्था के निदेशक योग प्रशिक्षक ओम प्रकाश कालवा ने सत्यार्थ न्यूज चैनल पर 40 वें अंक को प्रकाशित करते हुए एडवांस आसनों में संतुलन के लिए पूर्ण वृश्चिक आसन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया।वृश्चिकासन एक जटिल योगासन है, जिसकी योग मुद्रा बनाने के शरीर का संतुलन होना जरूरी है। इस योगासन में शारीरिक मुद्रा एक बिच्छू (वृश्चिक) जैसी प्रतीत होती है और उसी के आधार पर उसका नाम वृश्चिकासन रखा गया। अंग्रेजी में इसे “स्कोर्पियन पोज” (Scorpion pose) के नाम से जाना जाता है।
विधि
-अपनी कोहनियों को दबाएं, अपनी छाती को हाथ के ऊपर लाएं, और पेट को अंदर की ओर खींचें, तथा अपनी पसलियों को धीरे से एक दूसरे में दबाएं। इसके बाद, अपने पैरों को आगे की ओर तब तक ले जाएँ जब तक कि धड़ लगभग सीधा न हो जाए, जिससे आपकी पीठ ज़मीन से सीधी रहे।
लाभ
-वृश्चिकासन चिंता और तनाव को कम करने में भी मदद करता है। यह अवसाद को कम करता है क्योंकि यह संपूर्ण तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और इस तेज दुनिया में संतुलन की भावना देता है। यह मन को पूरी तरह से शांत करता है , जिसके परिणामस्वरूप निराशा, ईर्ष्या, गर्व और असहिष्णुता जैसी कई मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।
सावधानी
-विपरीत संकेत यदि आपको रीढ़ की हड्डी में चोट, पीठ में चोट, कलाई में चोट, उच्च रक्तचाप, कूल्हे की समस्या, हृदय की समस्या, चक्कर या कंधे की चोट है तो इस आसन का प्रयास न करें। गर्भवती महिलाओं को भी यह आसन करने से बचना चाहिए।
नोट
-कठिन योगासनों का अभ्यास सदैव अनुभवी योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए।
निवेदन-
ओम योग सेवा संस्था श्री डूंगरगढ़ द्वारा जनहित में जारी करते हुए 40 वां अंक प्रकाशित किया।