अमित कुमार शर्मा
श्योपुर में ग्रामीणों की
प्रशासन से झड़प:महिलाओं ने
कर्मचारियों पर मिट्टी के ढेले फेंके,
विस्थापितों को जमीन दिलाने पहुंचे थे अफसर
श्योपुर के बाढ़ प्रभावित सुंडी गांव में बुधवार को ग्रामीणों को नई जगह पर विस्थापित कराने आई पुलिस और प्रशासन की टीमों से ग्रामीणों की झड़प हो गई। इस दौरान कुछ महिलाओं ने कर्मचारियों पर मिट्टी के ढेले फेंक दिए।
डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं। साथ ही एसडीओपी स्तर के अधिकारी तैनात किए गए हैं। अतिक्रमणकारी ग्रामीण उक्त जमीन पर अपना अधिकार जता रहे हैं और जमीन के लिए मरने मारने को तैयार हैं। इस वजह से प्रशासन की कार्रवाई रुकी हुई है।
85 विस्थापित परिवारों को प्रशासन ने बिट्ठलपुर गांव में बसाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें 10 बीघा पर लोगों को बसाना है और 99 हेक्टेयर जमीन खेती के लिए दी जानी है। लेकिन, 4 बजकर 55 मिनट पर प्रशासन कार्रवाई किए बिना लौटा
ये है पूरा मामल
मामला देहात थाना इलाके के बिट्ठलपुर गांव के पास स्थित खेतों का है, जहां सुंडी गांव के ग्रामीणों को विस्थापित किए जाने का प्रस्ताव तैयार करके अधिकारियों ने बुधवार को विट्ठलपुर गांव के पास की जमीन से अतिक्रमण हटाने प्रशासन और पुलिस की टीमों को मौके पर भेजा है। जिस जमीन पर सुंडी गांव के ग्रामीणों को बसाया जा रहा है, उस पर पहले से विट्ठलपुर गांव के कई किसान खेती कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस जमीन पर बाप-दादा के समय से खेती करते आ रहे हैं।
लाखों रुपए जमीन को समतल करने के लिए खर्च किए हैं। ट्यूबबेल से लेकर लाइट लगाई और अब अचानक उनकी जमीन को छीना जा रहा है, जो वह नहीं होने देंगे।
प्रशासन जमीन को सरकारी बता रहा है और जो लोग भी वहां पर खेती कर रहे हैं, उन्हें अतिक्रमणकारी मान रहा है। इस वजह से उक्त जमीन को विस्थापित ग्रामीणों को देने की तैयारी की जा रही है। लेकिन ग्रामीण जमीन देने को तैयार नहीं है।
एसडीएम ने कहा- शांति से निकालेंगे मामले का हल
इस मामले में एसडीएम मनोज गढ़वाल का कहना है कि जमीन सरकारी है। सुंडी गांव का विस्थापन करके विस्थापितों को यहां बसाने के लिए यह कार्रवाई चल रही है। शांतिपूर्ण तरीके से ग्रामीणों से बात की जा रही है। इस मामले का हल शांति से निकालने की हमारी कोशिश है।