रिपोर्टर (रावेंद्र केसरवानी रोहन प्रयागराज उत्तर प्रदेश) भक्तयदि प्रभु को दो हाथों को जोड़कर बुलाता है तो प्रभु चतुर्भुज रूप में आते हैं। ब्यास निशाकर त्रिपाठी ( प्रयागराज) –क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुलमई के मजरा सुखलाल का पूरा (पाल बस्ती) में श्रोता राम किशोर पाल के यहां चल रही साप्ताहिक श्रीमद् भागवत के चौथे दिन कथा – व्यास पंडित निशाकर त्रिपाठी (ज्योतिषाचार्य) टिकरी(अकोढ़ा) ने राम जन्म की कथा पर कहा कि अयोध्या नरेश महाराज दशरथ ने अनेक विवाह की परंतु कोई संतान न होने के कारण चौथ पान में अत्यंत चिंतित हो दशरथ कुलगुरु वशिष्ठ के चरणों में जाकर रघुकुल की रक्षा के लिए पुत्र रत्न पाने की याचना किया तब महाराज वशिष्ठ ने श्रृंगी ऋषि के द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ कराया जिसके परिणाम स्वरुप यज्ञ नारायण भगवान पायस लेकर प्रकट हुए ऋषि के निर्देशन पर महाराज दशरथ ने खीर प्रसाद को सभी रानियों में वितरित किया जिसके कारण यज्ञ नारायण की कृपा से अयोध्या के महलों में राम,लक्ष्मण,भरत एवं शत्रुघ्न का जन्म हुआ। व्यास ने आगे कहा कि भक्तयदि प्रभु को दो हाथों को जोड़कर बुलाता है तो प्रभु चतुर्भुज रूप में आते हैं।चार वेद, वर्ण,आश्रम,संप्रदाय एवं विप्र,धेनु,सुर,संतों के लिए ही चतुर्भुज रूप में आकर कहते हैं।हे जीव चिंता न करो मैं तुम्हारी इन चारों हाथों से रक्षा करूंगा।द्वापर के अंत में लीला पुरुषोत्तम श्री कृष्ण आकर उन वरदानों को पूर्ण कर यशोदा नंदन सब कुछ करने में समर्थ,लेकिन उस कार्य का यश स्वयंमेव श्री कृष्ण अपने ग्वालो, राधा एवं बृजवासियों को प्रदान करते हैं।ईश्वर की संपूर्ण लीलाएं जो तन्मयता से प्रदान करती है। ब्रह्म सुख आनंद जो स्थापित करें वही प्रभु कथा है।जब जीवन में मर्यादा आयेगी तभी श्री कृष्ण कथा को श्रवण कर ईश्वर के नाम, रूप,लीला व,धाम का सहज प्राप्त कर सकते हैं।श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। बधाईयों की धूम से संपूर्ण पंडाल श्री कृष्णमय में हो गया। “नंद घर आनंद भयो,जय कन्हैया लाल की”जीत पर श्रोता झूम पड़े, आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर मुकुट बिहारी पांडेय,लालता प्रसाद मिश्र,राम कैलाश पालभोलानाथ पाल,विमल मिश्र,सालिकराम विश्वकर्मा,महेंद्र नाथ पटेल,जगत यादव,शंभू नाथ पाल,दशरथ पाल,राज केसरवानी आज सैकड़ो भक्त मौजूद रहे।