न्यूज रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
शरीर होगा संतुलित तोलांगुलासन से जानिए योग एक्सपर्ट ओम कालवा के साथ।
श्री डूंगरगढ़। कस्बे की ओम योग सेवा संस्था के निदेशक योगाचार्य ओम प्रकाश कालवा ने तोलांगुलासन के बारे में जानकारी देते हुए बताया।
अर्थ
👉वजन तोलते वक्त दोनों तराजू संतुलन में रहते हैं अर्थात तराजू का कांटा बीचोंबीच रहता है उसी तरह इस योगासन में भी शरीर का संपूर्ण भार नितंब पर आ जाता है और व्यक्ति की आकृति ताराजू जैसी लगती है इसीलिए इसे तोलांगुलासन कहते हैं।
विधि
👉सर्वप्रथम दण्डासन में बैठ जाएं। शरीर के भार को नितंबों पर संतुलित करते हुए श्वास अन्दर लें।
अब थोड़ा-सा पीछे झुकते हुए हाथ-पैरों को भूमि पर से धीरे-धीरे ऊपर उठा दें। कुछ देर रुकने के बाद पुन: दण्डासन में लौट आएं।
समय
👉शुरुआती लोगों को कम से कम 30-60 सेकंड तक इस मुद्रा में रहना चाहिए।
लाभ
👉इस आसन की पहले वाली विधि से पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है साथ ही तोंद घटती है।दूसरी विधि से हाथ एवं पैरों के स्नायुतंत्र मजबूत होते हैं जिससे उनमें अत्यधिक बल का संचार होता है।
नोट
👉सभी योग आसनों के अभ्यास अनुभवी योग शिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए।
निवेदन
👉ओम योग सेवा संस्था श्री डूंगरगढ़ द्वारा जनहित में जारी