बलिया का लाल बना सेना में लेफ्टिनेंट, मां की आंखों से छलके खुशी के आंसू
बलिया: “कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”, इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है। बलिया के लाल शुभम मयंक ने, जो लेफ्टिनेंट बनकर बलिया सहित पूरे देश का नाम रोशन किया है। जब बलिया रेलवे स्टेशन पर शुभम मयंक का प्रथम आगमन हुआ तो पूरा जनपद झूम उठा, उनके स्वागत में पूरे गांव के लोग इक्कट्ठे थे, इस दौरान अपने बेटे का स्वागत करते समय उनकी मां की आंखें आंसुओं से भर गईं, क्योंकि खुशी के आंसू कहां रुकने वाले थे।
जानकारी के मुताबिक शुभम मयंक सिंह पुत्र शिवमूर्ति सिंह बलिया जिले के बुढ़ऊ कुरेजी के रहने वाले है। इनकी माता श्रीमती मंजू सिंह प्राथमिक विद्यालय मे शिक्षिका है। इस समय ये लोग शहर के अधिवक्ता नगर नई बस्ती मे रह रहे है। शुभम दो भाई है। शुभम सेना मे जाने से पहले सैनिक स्कूल बालाचड़ी, गुजरात मे स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के बाद एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण किया और आज लेफ्टिनेंट बन गये है।
शुभम मयंक सिंह ने युवाओं कों अपने सन्देश मे कहा कि सेना मे जाने के लिये कठिन परिश्रम और पढ़ाई करना आवश्यक है। बिना कठिन परिश्रम और लक्ष्य निर्धारण के सफलता मिलनी मुश्किल है।