गंजबासौदा
अमन जैन रिपोर्टर
सत्यवान वट-सावित्री पूजन की*
गंज बासोदा
ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या वट सावित्री पूजन की गई
सोमवती अमावस्या को अखण्ड सौभाग्य की मंगल कामना के साथ वट, पीपल एवं तुलसी की पूजन करके 108 परिक्रमा लगाई|
भारतीय सनातन संस्कृति की अद्भुत घटना है सत्यवान सावित्री कथा, यह सौभाग्यवती स्त्रियों का मुख्य पर्व है, वट वृक्ष को कच्चा सूत का धागा लपेटते हुए 108 परिक्रमा लगाई जाती है|
सावित्री की पतिव्रत धर्म आचरण से प्रसन्न होकर यमराज महाराज ने सावित्री से वरदान मांगने के लिए कहा सावित्री ने कहा भगवान आप से पुत्र प्राप्ति का वरदान चाहती हूँ| यमराज महाराज ने कहा “तथास्तु” ऐसा ही होगा|
सावित्री ने कहा भगवान पति के बिना पुत्र प्राप्ति का वरदान कैसे पूर्ण होगा यमराज भगवान की कृपा से वटवृक्ष के नीचे सुरक्षित सत्यवान के मृत शरीर में जीवन का संचार हो गया वह उठ कर बैठ गया|
उस समय सावित्री ने वट वृक्ष को प्रणाम करके परिक्रमा लगाई एवं वट वृक्ष के पत्तों का दोना बनाकर जल लाकर पतिदेव को जलपान कराया|
विश्व के इतिहास में ऐसी अद्भुत लोककथा दुर्लभ है वट वृक्ष में भगवान शिव जी का वास है तथा पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु जी का निवास है| “वैकुण्ठधाम” लक्ष्मी नारायण मंदिर में वट एवं पीपल वृक्ष एक साथ ii प्राकृतिक रूप से लगे हुए हैं, अतः श्रद्धालु महिलाओं द्वारा हमेशा प्रतिवर्ष श्रद्धा भक्ति के साथ वट सावित्री की पूजन की जाती है|