सुनाम (Ranjiv Jindal)
श्री गुरु अर्जुन साहिब महाराज का शहीदी दिवस आज गुरुद्वारा पातशाही 10…. धरमगढ़ में मनाया गया…
कैसे करुर मुगल शासक जहांगीर ने सिख गुरु साहिब के प्रचार से घबरा कर… उनको शहीद करने की ठानी… गुरु अर्जुन देव महराज को एक गर्म लौह जिसके नीचे आग जलाई गई उसके ऊपर बैठाया गया… और ऊपर से सीस पर गर्म रेत डाला गया… यह शहीदी दुनिया की सबसे भयानक शहीदी थी… पर गुरु अर्जुन देव जी अडिग अडोल बैठकर एक ही शब्द जपते रहे… तेरा भाना मीठा लागे…
हर भारती को इस शहीदी के बारे में जरूर पढ़ना और जानना चाहिये… क्यूंकि कितने भयानक दोर से हमारे पूर्वज हम निकाल कर ऐसे सुखी जीवन देकर गए हैं
इस समय गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी भाई साहिब भाई गुरतेज सिंह जी ने शब्द गायन किया… जो तो प्रेम खेलन को चाओ सिर धर गली मेरी आओ का शब्द गायन किया…
हमारे रिपोर्टर ranjiv Jindal स गुरु अर्जुन देव साहिब की शहीदी के बारे में बात करते हुए भाई साहिब भाई गुरतेज सिंह जी