राजनीतिक गलियारों में जोरदार चर्चा है कि इस बार सोनिया गांधी दक्षिण भारत से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। अभी तक वह उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सफलतापूर्वक लोकसभा चुनाव जीतती आई हैं। अमेठी और रायबरेली को कांग्रेस का मजबूत गढ़ समझा जाता है । 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी और केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा था। राहुल अमेठी से अपना चुनाव हार गए थे। इस बार चर्चा है कि राहुल और सोनिया गांधी दोनों दक्षिण से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इसके पीछे की बड़ी वजह है कि राम मंदिर बनने के बाद अभी यूपी में भारतीय जनता पार्टी बहुत मजबूत स्थिति में खड़ी है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं और बीजेपी का इस बार उत्तर प्रदेश में नारा है अबकी बार 80 पार। यदि चुनावी आंकलन लगाया जाए तो यूपी में कांग्रेस आजतक के अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है और पार्टी इस बार सोनिया गांधी को रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारने का जोखिम नहीं लेना चाहती है।दूसरी वजह है कि अभी हाल ही में तीन राज्यों में कांग्रेस को बीजेपी के हाथों करारी हार मिली है और उत्तर भारत में कांग्रेस की जमीनी ताकत बहुत कम हुई है। इसके विपरीत कांग्रेस का प्रदर्शन दक्षिण भारत में अच्छा रहा है। तेलंगाना राज्य में उन्हें जीत मिली और साथ लगते कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकार है। इसके अलावा कांग्रेस का प्रदर्शन केरल में भी अच्छा रहा है। कांग्रेस मानकर चल रही है कि यदि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दक्षिण से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी की स्थिति बेहतर रहेगी। कांग्रेस को उत्तर और मध्य भारत में अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती हुए दिखाई दे रही है आज के राजनीतिक परिपेक्ष्य में सोनिया गांधी तेलंगाना और राहुल गांधी केरल से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ सकते हैं।