सत्यार्थन्यूज
रिपोर्टर मनोज कुमार
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयो आपसी खींचातानी में आम लोगो पर भारी मात्रा में क्षेत्रवासियों पर भारी पड़ रहा है
अधिकारियों की पीठ थपथपाने की वजह उनसे ही सवाल जवाब
सुसनेर। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार ओर जिला स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की आपसी खींचतान के चलते क्षेत्र के आम नागरिकों को भारी पड़ रही है। स्थानीय अधिकारी सुविधाओं में सुधार के लिए कुछ प्रयास करते है तो जिले के जिम्मेदार अधिकारी कारण बताओ नोटिस जारी कर उन सुधारों को गलत ठहराने का प्रयास करते है। जिम्मेदारों की यह आपसी खींचतान सार्वजनिक भी हो चुकी है। हाल ही में सीबीएमओ ने पिड़ावा दरवाजा क्षेत्र के दो निजी क्लिनिकों पर निरीक्षण किया था। जिसमे यह बात सामने आई कि उक्त दोनों डॉक्टरों के पास इलाज के जिस पेथी की डिग्री तो वो उसमें इलाज न करते है दूसरी पेथी में इलाज कर रहे थे। जिन दवाओं का उपयोग एक रजिस्टर्ड चिकित्सक कर सकता है उन दवाओं का उपयोग होते पाए जाने पर सीबीएमओ ने क्लीनिक को सील किये बिना दवाइयां जप्त करते हुए चिकित्सको को अपनी डिग्री के साथ अपने ऑफिस में उपस्थित होने को कहा था। किंतु निजी चिकित्सकों ने सीबीएमओ की इस कारवाई को गलत बताते हुए सुसनेर विधायक भेरूसिंह परिहार, आगर विधायक मधु गेहलोत, भाजपा जिलाध्यक्ष चिंतामण राठौर सहित प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारो को इसकी शिकायत की थी। इसके बाद प्रभारी जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुप्ता ने राज्य सरकार के मध्यप्रदेश उपचार गृह व रूपाचार सम्बन्धी स्थापनाएं अधिनियम 1973 की धारा 7 की उपधारा 1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार सीएचएमओ को है किंतु उस उक्त कारवाई में सीएमएचओ को शामिल नही किये जाने को लेकर सीबीएमओ को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिया। किंतु सूत्रों का कहना है कि उक्त धारा एवं उसके प्रावधान किसी निजी क्लिनिक को सील किया जाता है उस स्थिति में लागू होती है किसी निजी चिकित्सक से उसकी डिग्री बीएमओ के द्वारा मांगे जाने के मामले में उक्त अधिनियम की धाराओं के प्रावधान लागू नहीं होते है।
सुसनेर कार्यालय पहुँचने से पहले सार्वजनिक कैसे हुआ सूचना पत्र
जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने सीबीएमओ को कारण बताओ नोटिस बुधवार की शाम को जारी किया है। जो सुसनेर कार्यालय पहुँचने से पहले ही सार्वजनिक हो गया तथा कुछ निजी चैनलों ने नोटिस जारी करने सम्बंधित खबरे भी चला दी है। जबकि नोटिस एक वैधानिक प्रक्रिया के तहत कार्यालय में भेजा जाना चाहिए था। इस तरह नोटिस का उजागर हो जाना अपने आप मे इस बात का उदाहरण है कि स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय एवं जिला अधिकारीयो के बीच खींचतान हुई है। इस सम्बंध में जब सीबीएमओ और जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो दोनों के बयानों में विरोधाभास नजर आया। सीबीएमओ का कहना है कि उन्होनें क्लिनिक सील नही किए। जबकि जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि उन्होंने क्लिनिक सील किए है इसलिए कारण बताओ नोटिस जारी किए है।
इनका कहना ……
मैने दो क्लिनिकों की जांच की थी तथा क्लीनिक सील नही किये थे। उक्त दोनों चिकित्सकों से उनकी डिग्रियां लेकर कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था। जिस चिकित्सक के पास जिस पेथी में इलाज करने की डिग्री है उसे उस पेथी में इलाज कटना चाहिए। क्लीनिक सील करने की बात गलत है।
डॉ राजीव कुमार बरसेना
सीबीएमओ सुसनेर
सुसनेर के सीबीएमओ ने मंगलवार को दो निजी चिकित्सकों के क्लिनिक सील करने की कारवाई की थी इस कारवाई से पूर्व जिला कार्यालय को न तो कोई सुचना दी गई और नही अनुमति ली गई इसलिए सीबीएमओ को नोटीस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
डॉ राजेश गुप्ता
सीएचएमओ आगर