न्यूज रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पंडित नरेश सारस्वत रिड़ी ????+918055566975
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है ज्योतिष शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है!
????जय श्री कृष्णा????
आज का पंचांग
चोघडिया, दिन
रोग 05:43 – 07:26 अशुभ
उद्वेग 07:26 – 09:09 अशुभ
चर 09:09 – 10:51 शुभ
लाभ 10:51 – 12:34 शुभ
अमृत 12:34 – 14:17 शुभ
काल 14:17 – 15:59 अशुभ
शुभ 15:59 – 17:43 शुभ
रोग 17:43 – 19:26 अशुभ
चोघडिया, रात
काल 19:26 – 20:43 अशुभ
लाभ 20:43 – 21:59 शुभ
उद्वेग 21:59 – 23:17 अशुभ
शुभ 23:17 – 24:34* शुभ
अमृत 24:34* – 25:51* शुभ
चर 25:51* – 27:08* शुभ
रोग 27:08* – 28:26* अशुभ
काल 28:26* – 29:43* अशुभ
समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
????मेष-प्रसन्नता रहेगी। व्यवसाय व कारोबार में लाभ की स्थिति रहेगी। भाइयों, जीवनसाथी से मनोनुकूल सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-परिवार में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। शत्रुभय रहेगा। विरोध हो सकता है। विवाद न करें।
????वृष-नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। ज्ञान में वृद्धि होगी। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूल वातावरण बनेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। भाइयों तथा मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यस्तता रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रमाद न करें। पुराने रुके कार्यों में गति आएगी।
????मिथुन-कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जरूरी निर्णयों में सावधानी आवश्यक है। आय में कमी हो सकती है। नौकरी में सहकर्मियों से विवाद हो सकता है। क्रोध न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। स्त्रियां घर में सावधानी रखें।
????कर्क-जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। कुसंगति से बचें। बेवजह विवाद हो सकता है। लोगों की अपेक्षा पर आप खरे नहीं उतर पाएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा।
????सिंह-पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त हो सकता है। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। अध्ययन में मन लगेगा। मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उत्साह में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। नए-नए विचार मन में आएंगे। जल्दबाजी न करें। व्यस्तता रहेगी। धनार्जन होगा।
????♀️कन्या-बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। प्रभावशाली व्यक्तियों से सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।
⚖️तुला-रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। शत्रुता में वृद्धि हो सकती है। क्रोध पर नियंत्रण रखें। भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। लाभ व उन्नति के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। जीवन सुखमय रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
????वृश्चिक-धैर्य रखें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी नाराज रहेंगे। काम पर अधिक ध्यान देना पड़ेगा। भागदौड़ रहेगी। आय में निश्चितता रह सकती है। किसी के व्यवहार से अपमान महसूस होगा। दु:खद समाचार मिल सकता है।
????धनु-आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। थकान महसूस होगी। व्यस्तता रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। काम में अधिक ध्यान दे पाएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। परिवार में अतिथियों का आगमन होगा। व्यय होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे।
????मकर-घर-बाहर सम्मान मिलेगा। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। मित्रों का साथ रहेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।
????कुंभ-नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर मिल सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। जोखिम उठाने का मन बनेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। आर्थिक नीति में सुधार व परिवर्तन हो सकता है। व्यापार व व्यवसाय में वृद्धि होगी।
????मीन-नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। कानूनी अड़चन आ सकती है। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी।
????आपका दिन मंगलमय हो????
जानें पंचमुखी हनुमान जी की साधना का रहस्य और पूजा की विधि..
हिंदू धर्म में संकटमोचन श्री हनुमान जी की साधना अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि सप्त चिरंजीवी में से एक श्री हनुमान जी, पृथ्वी पर प्रत्येक युग में मौजूद रहते हैं और सच्चे मन से सुमिरन करने पर अपने भक्तों की मदद करते हैं। यही कारण है कि कलियुग में बड़ी संख्या में लोग उनकी उपासना करते हैं। शक्ति के पुंज माने जाने वाले पवन पुत्र हनुमान जी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का अलग-अलग फल मिलता है। इसमें पंचमुखी हनुमान जी की साधना का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम के साथ युद्ध करते समय रावण को अपनी हार नज़र आने लगी, तो उससे बचने के लिए उसने अपने भाई अहिरावण को युद्ध के मैदान में भेजा।अहिरावण, मां भवानी का भक्त और रावण की तरह तंत्र-मंत्र का ज्ञाता था। अहिरावण जब युद्ध के मैदान में गया तो उसने अपनी माया से भगवान राम की सेना को सुला दिया और श्री राम और लक्ष्मण जी को बंदी बना कर पाताल लोक ले गया। इसके बाद जब माया का असर कम हुआ तो होश में आने पर विभीषण ने समझ लिया कि यह काम अहिरावण का है। तो उन्होंने इस संकट से उबरने के लिए श्री हनुमान जी को, देवी के परम भक्त अहिरावण का राज़ बताकर पाताल लोक भेजा।हनुमान जी जब पाताल लोक पहुंचे तो उन्होंने पाया कि अहिरावण ने मां भवानी के लिए पांच अलग-अलग दिशाओं में पांच दीपक जला रखे थे। जिसके बारे में विभीषण ने उन्हें बताया था कि एक साथ उन्हें बुझाने पर अहिरावण का वध हो जाएगा। तब अहिरावण के वध के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण किया। जिसमें उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ़ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख शामिल हैं। मान्यता है कि जिस घर में पंचमुखी हनुमान की तस्वीर या मूर्ति की पूजा होती है, वहां स्थित सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। पंचमुखी हनुमान जी की कृपा से साधक को शक्ति, सुख, संपन्नता और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसे जीवन में किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता। पंचमुखी हनुमान जी की साधना से साधक को शत्रुओं पर शीघ्र ही विजय प्राप्त होती है और उसके जीवन में किसी भी प्रकार के भय या फिर बाधा का स्थान नहीं रहता है।
हनुमान जन्मोत्सव या फिर किसी भी मंगलवार के दिन से पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीया जला कर उनकी महिमा का गुणगान या उनके मंत्रों का जाप करें। इस उपाय को करने पर आपको शीघ्र ही परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।