खुटहा ,परमात्मा मिलेगा कैसे? कभी विचार किया है… तुमको कोहिनूर हीरा मिला,और तुमने गवां दिया…
तुमको कोहिनूर हीरा मिला और तुमने गवां दिया।तो ऐसे में तुम्हारे किस्मत का या परमात्मा के क्या दोष हैं।तुमने स्वयं को जानने का प्रयास नहीं किया,बस उलझे रहे,अपने तो अपने जीवन की गुत्थी को सुलझाने में,और सुलझाने के बजाए तुम और उस गुत्थी में उलझते गए।उक्त विचार रेखा जी के हैं।जो रायपुर छत्तीसगढ़ से चल कर,कमलावती देवी आइडियल सेंट्रल पब्लिक स्कूल कैम्पस खुटहा बाजार में आई हुई हैं।
कमलावती देवी आइडियल सेंट्रल पब्लिक स्कूल खुटहा बाजार के कैम्पस में,आयोजित सात दिवसीय,श्री कृष्ण ब्रह्मज्ञान महायज्ञ में बोलते हुए, कथावाचक एवं गायिका रेखा जी ने कहा कि,पारब्रह्म परमेश्वर ने हम सभी को मानव शरीर के रूप में इतना सुंदर हीरा दिया है।जिसकी कोई मोल नहीं है,अनमोल है।लेकिन आज है क्या…?मानव शरीर पा कर व्यक्ति माया,काम,क्रोध,मद एवं लोभ में फंस कर उस परमपिता परमात्मा को सिर्फ धोखा पे धोखा दे रहा है।
अपने मार्मिक भजन की चंद लाइनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर समझाते हुए रेखा जी ने कहा कि,प्यारे अभी जीवन की घड़ियां खत्म नहीं हुई हैं।दिन को गिनना छोड़ दो,जीवन को सफल बनाने के लिए परमात्मा को स्नेह की डोर में बांध लो।तो इस हीरे में निखार आ जाएगी,चमक आ जाएगी।
बच्चा जब मां की गर्भ में रहता है तो इस सांसारिक जीवन में,उस अंधेरे कोठरी से बाहर आने के लिए परमात्मा से प्रार्थना करता है,बहुत बार वादा करता है,वचन देता है,की हे परमात्मा! यहां से जाने के बाद,जीवन में कभी भी मैं आपको ना तो भूलूंगा और ना तो आपको अपने से दूर करूंगा।लेकिन जैसे – जैसे समय बदलता है की ओ व्यक्ति परमात्मा से किए गए अपने वादे को बड़ी आसानी से भूल जाता है।
इस लिए हे प्यारे!अभी कुछ नहीं तुम्हारा बिगड़ा है,जीवन का जो शेष बचे हैं उसी का सदुपयोग कर लो,तो जीवन वास्तव में कोहिनूर हीरा जैसा चमक उठेगा।
परमात्मा मिलेगा कैसे? कभी विचार किया है…
परमात्मा मिलेगा निःस्वार्थ प्रेम से।दुनिया में रहते हुए भी आप अपने हृदय कमल में पारब्रह्म परमेश्वर को,श्री श्याम – कन्हैया,सीता – राम को बस एक बार बसा कर तो देखो।इतनी खुशी और शांति मिलेगी,की तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं होगी।क्योंकि तुम्हारा तो प्राणनाथ
पारब्रह्म परमेश्वर है।राधा – रानी, कान्हा,श्री श्याम,कन्हैया,प्यारे श्री सीता- राम जी हैं।