तीन वर्ष भी नहीं पार कर पाया सी सी रोड
सोनभद्र /सत्यनारायण मौर्य
सोनभद्र के विकास खण्ड नगवां के ग्राम पंचायत सेमरिया में अलबेला के घर से विजवार पईन तक क्षेत्र पंचायत के द्वारा वित्तीय वर्ष 21,22 में सी सी रोड़ बनवाया गया है जिसकी लागत लगभग 8से 10 लाख रुपया होगा इतनी लागत से बनने वाली सी सी रोड़ तीन वर्ष भी नहीं चल पाई और चारों तरफ फट के घटीहा मटेरियल प्रयोग होने का प्रमाण दे रही है सबसे बड़ी बिडम्बना है जिस जन प्रतिनिधी ने भी यह सड़क बनाई है उसका भी कार्य काल यह सड़क पार नहीं कर पाई जिस गांव की गोद में ब्लांक बना हो जहां से विकास गंगा बहती हो जहां पर सभी जिम्मेदार अधिकारी रहते हो उस गांव की रोड़ इतनी घटियां हो तो सोचने वाली बात है जो गांव ब्लॉग से तीस से चालीस कीलों मीटर दुर है वहां के विकास का क्या हाल हो सकता इस सी सी रोड़ से यह प्रतित होता है की अधिकारी और कर्मचारियों को कार्य के गुण वक्ता से कोई मतलब नहीं रहता केवल सुबिधा का सुख भोग ने में ब्यत है सी सी रोड बनाते समय जेई और कार्य प्रभारी की न्यूक्ती की जाती है की रोड़ बनाते समय ठेकेदार के द्वारा मटेरियल में कोई मन मानी न कर सके लेकिन इस कार्य से यह साबित होता है की सभी लोग अपने कर्तव्यों का किता निर्वाचन कर रहे हैं आप को बता दे की वह कहावत सटीक बैठ रही है की दिपक तले अंधेरा जींस गांव में ब्लांक हो वहां से विकास के लिए दुसरे गांव में धन जाता हो उस गांव के ही विकास कार्य घटीहा हो रहा हो और अधिकारी अपना काम छोड़ दुसरे के कार्यो की गुणवत्ता देखने में ब्यत हो और जन प्रतिनिधि अपनी सफाई देने में व्यस्त हो तो उस क्षेत्र का कार्य एसे ही होते रहेंगे और कर्मचारी अपना जेब भरने में मस्त रहेंगे