अजीत मिश्रा बस्ती उत्तर प्रदेश
बस्ती जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जाँच अधिकारी की दुरभि संधि से डाक्टर सरफराज मामले में नहीं हो रही कार्यवाही
– सरकारी नौकरी के साथ प्राइवेट प्रैक्टिस से जुड़ा मामला
– शिकायत पंजीकरण के बाद उखड़ चुका है नेम बोर्ड , अन्दर चल रहा सारा काम
– सीएमओ की संलिप्तता से जनपद में शासनादेश की हो रही ऐसी-तैसी
बस्ती – जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा तरह – तरह के चिकित्सालय खोल उसमें विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती भी की गयी है । सरकारी अस्पताल में तैनात डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के लिए सरकार ने कुछ नियम भी बनाए हैं जिसके तहत सरकारी अस्पताल में तैनात डाक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकता है परन्तु बस्ती में उल्टी गंगा बह रही है यहाँ पर प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक एक कोरी कल्पना सी बन गयी है और जिला अस्पताल में तैनात डाक्टर बाल रोग विशेषज्ञ सरफराज खान व उनकी पत्नी जो कि हर्रैया के महिला अस्पताल में तैनात हैं , के द्वारा जिला मुख्यालय पर अपना निजी अस्पताल चलाकर शासनादेश को तार – तार किया जा रहा है ।
प्राप्त समाचार के अनुसार डा० सरफराज खान जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में तैनात हैं और उनकी पत्नी शिबा खान महिला अस्पताल हर्रैया में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के रूप में तैनात हैं । इन डाक्टर दम्पत्ति द्वारा जिला मुख्यालय पर निजी अस्पताल संचालित किया जा रहा है जो कि शासनादेश के विपरीत व सरकारी नियमों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है । प्रकरण में शिकायती पत्र भी गतिमान है परन्तु जाँच अधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारी की संलिप्ता के चलते कार्यवाही गति नहीं पकड़ पा रही है । स्वास्थ्य विभाग में जिले का मुखिया भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी मूल रूप से चिकित्सक ही होता है इसी कारण डाक्टरों के गोरखधंधे पर नकेल नहीं लग पा रहा है ।