बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर एवीवीपी द्वारा मनाई गयी अम्बेडकर जयंती
संवाद सूत्र /रूपापुर
रविवार 14 अप्रैल को आधुनिक भारत के निर्माता संविधान शिल्पी भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की133वीं जयंती मनाई गई।
रूपापुर के इनायतपुर गांव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता विमलेश दीक्षित ने बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर आस पास के लोंगों में मिष्ठान वितरण किया ।और बाबा साहब द्वारा बनाये गए संविधान और उनके आदर्शों पर चलने के लिए सभी को प्रेरित किया।
आंबेडकर जयंती या भीम जयंती, डाॅ. भीमराव आंबेडकर जिन्हें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म दिन 14 अप्रैल को पर्व के रूप में भारत समेत पूरे विश्व में मनाया जाता है।[1] इस दिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले आंबेडकर को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। आंबेडकर को विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन संविधान निर्माता और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। आंबेडकर की पहली जयंती सदाशिव रणपिसे इन्होंने 14 अप्रैल 1928 में पुणे नगर में मनाई थी। रणपिसे आंबेडकर के अनुयायी थे। उन्होंने आंबेडकर जयंती की प्रथा शुरू की और भीम जयंती के अवसरों पर बाबासाहेब की प्रतिमा हाथी के अंबारी में रखकर रथ से, ऊँट के ऊपर कई मिरवणुक निकाली थी।