• मैनपुरी लोकसभा सीट से भाजपा ने मंत्री जयवीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा।
• मैनपुरी सीट पर एक बार फिर से वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव जैसा चुनावी संघर्ष देखने को मिलेगा।
मैनपुरी। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट से उतर प्रदेश सरकार में पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्री जयवीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। मैनपुरी सीट पर एक बार फिर से वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव जैसा चुनावी संघर्ष देखने को मिलेगा। 1996 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव को बीजेपी के उपदेश सिंह चौहान ने कड़ी टक्कर दी थी। मुलायमसिंह यादव से बीजेपी के उपदेश सिंह चौहान 51 हजार 958 मतों से चुनाव हारे थे। बसपा के भगवद प्रसाद शाक्य ने 1 लाख 20 हजार मत प्राप्त कर भाजपा को नुकसान पँहुचाया था। कमोबेश 1996 की तस्वीर फिर से चुनाव परिदृश्य पर उभर रही है। 2024 में समाजवादी पार्टी से मुलायम सिंह यादव की पुत्रबधू डिंपल यादव और बीजेपी से जयवीर सिंह ठाकुर प्रत्याशी हैं और 1996 की तरह ही बसपा से शाक्य बिरादरी से डा गुलशनदेव शाक्य को प्रत्याशी बनाया गया है। जयवीर सिंह की जीत के बीच बसपा प्रत्याशी रोड़ा बन सकते हैं,ऐसा राजनीति के जानकारों का मानना है। मैनपुरी सीट पर कड़ा चुनावी संघर्ष होगा इसमें शक नहीं है। 1996 में मुलायम सिंह यादव और उपदेश सिंह चौहान के बीच हुए कड़े संघर्ष में मैनपुरी लोकसभा सीट पर 1996 से समाजवादी पार्टी का कब्जा है और भारतीय जनता पार्टी एक बार भी मैंनपुरी पर केसरिया परचम फहरा नहीं पायी है। उत्तर प्रदेश में 80 में से 80 सीटें जीतने की मुहिम में मैंनपुरी सीट जीतना बीजेपी के लिए एक चुनोती से कम नहीं है। बेबर,किशनी व घिरोर में सपा और भाजपा के समर्थकों में झड़पें हुई थीं और चुनाव केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में हुआ था। 2024 के लोकसभा चुनाव में 1996 की तरह हिंसा की घटनाएं तो नहीं होंगी,पर बदली परिस्थिति में सपा और बीजेपी के बीच वोट का कड़ा संघर्ष जरूर होगा। फ़िलहाल कहा जा सकता है कि जयवीर सिंह की लोकप्रियता और उनका 30 साल से मैनपुरी के लोगों से जुड़ाव बीजेपी के मैनपुरी जीतने की मुहिम को सफल कर सकता है।
बात करते हैं मैनपुरी के मतदाताओं की नब्ज की ,तो मतदाताओं की नब्ज टटोलने से यह तो तय है कि भारतीय जनता पार्टी ने मैनपुरी से मतदाताओं की पसंद का प्रत्याशी उतार कर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डिम्पल यादव के एक महीने पहले से किये जा रहे चुनाव प्रचार की बराबरी कर ली है। प्रदेश सरकार के पर्यटन व सांस्कृतिक मंत्री के रूप में उनका मैनपुरी की जनता से लगातार संपर्क रहा है।मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में चार विधानसभा में मैनपुरी जिले की और एक विधानसभा इटावा जिले की आती है।2 विधानसभा सीट बीजेपी के पास और तीन विधानसभा सीट सपा के पास हैं। जातिगत समीकरणों के आधार पर भी बीजेपी मजबूत है,एक तरफ समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिम्पल यादव को अपने सजातीय मतदाताओं के प्रबल समर्थन से चुनाव में जीतने का भरोसा है,वंही भाजपा के जयवीर सिंह की लोकप्रियता और उनका सरल स्वभाव मतदाताओं की पसंद बन सकता है। मैंनपुरी में मुलायम सिंह सरकार में जो विकास कार्य हुए जिनको कई बार भुनाया जा चुका है,जनता की पीड़ा यह है कि अब तक मैनपुरी उद्योग विहीन है। मैनपुरी में किसी भी पार्टी के सरकार ने बड़े उद्योग नहीं लगवाये। जनता अब मोदी और योगी की तरफ देख रही है। 2024 में बीजेपी के जयवीर सिंह समाजवादी पार्टी के गढ़ को ध्वस्त कर पायेंगे या फिर मैनपुरी सपा एक अभेद दुर्ग ही रहेगा….इस प्रश्न का जबाब 4 जून को मिलेगा। मैनपुरी में कड़ा संघर्ष होना तय है।