जिला ब्यूरो संजीव शर्मा
गंजबासौदा
स्लगन राजस्थान और वियतनाम के पत्थर से चमक उठा जगन्नाथ महाप्रभु का गर्भगृह
गर्भगृह की कलाकृति और सुंदरता को देखकर कलेक्टर भी हो चुके हैं प्रभावित
नौलखी आश्रम पर गर्भगृह की फिनिशिंग का काम पूरा
गंजबासौदा। वेत्रवती घाट स्थित दशकों पुराने नौलखी आश्रम के वास्तुशास्त्रानुसार नव निर्माण में गुणवत्ता और मजबूती के साथ-साथ आधुनिकता का भी जोर दिया गया है जिससे आश्रम के वर्तमान स्वरूप को किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से नुकसान ना पहुंचे। राजस्थान और वियतनाम के उच्च गुणवत्ता वाले व्हाइट मार्बल का उपयोग आश्रम के गर्भगृह में और फर्श में किया गया है जो कि मजबूती के अलावा लंबे समय तक अपनी चमक बरकरार बनाए रखता है। महाप्रभु जगन्नाथ और भगवान सीताराम के नवीन विग्रह जिन गर्भगृह में विराजमान होने जा रहे हैं उसमें फिनिशिंग का काम भी पूरा हो गया है। जिले के नवागत कलेक्टर भी निर्माणधीन आश्रम की गुणवत्ता और कलाकृति को देखकर काफी प्रभावित हुए थे।
उल्लेखनीय है कि नौलखी आश्रम आस्था,भक्ति और श्रद्धा के रूप में जिले का ऐसा स्थान बनने जा रहा है जो साधु संतों के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति चाहने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी ऊर्जा का केंद्र बनकर उभरेगा। बरसों तक आश्रम तक पहुंचाने के लिए पहले उबड़ खाबड़ कच्चा मार्ग था जिसके कारण यहां आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए परेशानी होती थी। हर साल जगदीश रथ यात्रा पर नगर पालिका मार्ग में सुधार करती थी जिससे रथ को नगर तक आने में असुविधा न हो। आश्रम के पास ही नगर पालिका का सम्मवेल पंप है जो कि आश्रम की ही भूमि पर बना हुआ है जहां से पूरे शहर में पानी की सप्लाई होती है। पिछले साल नगर पालिका द्वारा करीब 2 किलोमीटर के इस कच्चे मार्ग पर लाखों रुपए की लागत से डामरीकरण कर दिया है जिससे आवागमन में यह मार्ग अब सुविधाजनक हो गया है। आश्रम में निर्माण कार्य से जुड़े रवि उपाध्याय ने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले मार्बल के लिए कई जगह देखा गया तब कहीं इंजीनियरों की सलाह पर वियतनाम का मार्बल को लगाने का निर्णय लिया। श्रद्धालुओं के सहयोग से आश्रम के निर्माण पर अभी तक 4 वर्ष में करीब 2 करोड़ से अधिक की राशि से खर्च हो चुकी है।
वियतनाम के मार्बल और ग्रेनाइट से गर्भगृह की सुंदरता में लगे चार चांद
अपनी चमक और मजबूती के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध वियतनाम का व्हाइट मार्बल और ग्रेनाइट आश्रम के निर्माण में उपयोग किया है। महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान सीताराम के साथ-साथ हनुमान जी के गर्भगृह को वियतनाम के व्हाइट मार्बल से तैयार किया गया है। आश्रम में निर्माण के दौरान यह ध्यान रखा गया है कि पुराने स्थान पर जो गर्भगृह स्थापित थे उनके स्थान में परिवर्तन ना करते हुए पुराने स्थान पर ही नए गर्भगृह तैयार कराए गए हैं। जिस स्थान पर हनुमान जी का मंदिर स्थापित है उस स्थान को चारों तरफ से हवा और रोशनी के लिए पूरी तरह खुला रखा गया है और उनके सामने सीताराम भगवान की प्रतिमा रहेगी। उत्तर की तरफ भगवान जगन्नाथ स्वामी, बड़े भाई बलभद्र जी और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान रहेंगे। निर्माणधीन आश्रम की तैयारियों को देखने के लिए घाट पर प्रतिदिन श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा देखने मिलेगा।
कलाकृति को देखकर कलेक्टर हुए प्रभावित,मोबाइल में कैद की तस्वीरें
पिछले दिनों कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य, एसपी दीपक कुमार शुक्ला सहित जिले के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्राण प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों का जायज लेने के लिए घाट पर पहुंचे थे। तब कलेक्टर श्री वैद्य गर्भगृह की कलाकृति, सुंदरता को देखकर काफी प्रभावित हुए थे। गर्भगृह की तस्वीर को अपने मोबाइल में कैद करते हुए उन्होंने निर्माणधीन आश्रम के कार्यों की गुणवत्ता देखकर निर्माण की काफी सराहना की थी। प्राकृतिक संपदा से समृद्ध आश्रम के स्थान, गौशाला और आरसीसी से निर्मित पक्के घाट को देखकर कलेक्टर ने अपने विचार रखते हुए समिति के लोगों से कहा था कि कहा था कि ऐसे स्थान बहुत कम बचे हैं इसलिए इसे और अच्छा विकसित करके संरक्षित करने की बहुत जरूरत है।