सहकार ग्लोबल रेत कंपनी शहडोल और खनिज विभाग मिलकर कर रहे हैं नदियों की सीना छलनी l
शहडोल से राजेश कुमार यादव कि रिपोर्ट
जिले के लगभग 34 रेत खदानो के समूह का ठेका मुंबई की सहकार ग्लोबल लिमिटेड कंपनी ने लिया है लेकिन रेत कंपनी के द्वारा किए जा रहे रेत ओवरलोडिंग परिवहन प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है मनमानी इस कदर की की जा रही है की लगभग हर हाईवा मे ओस्तन 5 ,5 घन मीटर अधिक रेत भरकर महीने करीब दो करोड़ रुपए कंपनी द्वारा काले धन के रूप में एकत्र किए जा रहे हैं कंपनी में बैठे लोग वेलगाम होकर ओवरलोडिंग वहां धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ा रहे हैं लेकिन पुलिस प्रशासन खामोश बैठी नजर आ रही है शहडोल जिले के गोहपारू, चाकाघाट, भुरसी, भटीगमा , मसीरा घाट, ,पोडी घाट संभागीय मुख्यालय से नदियों का सीन छलनी करने में ठेकेदार के कर्मचारी कोई कमी नहीं कर रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन के कर्मचारी भी कहीं ना कहीं मिली भगत से इनका सहयोग भी कर रहे हैं इसके अलावा जिले भर में माल वाहन को की निर्धारित क्षमता से अधिक रेत भरकर बेलगाम परिवहन किया जा रहा है रेत की ओवरलोडिंग को लेकर जैसीनगर ब्योहारी गोहपारु मसीरा देवालोद ही चर्चाओं में बना रहता है हालांकि थाना प्रभारी ओवरलोडिंग पर प्रतिदिन 3 से 4 गाड़ियों पर कार्यवाही कर रहे हैं लेकिन ऐसे वाहनों पर लगाई जाने वाली जमाने की राशि 2 से ₹5000 तक आकी जा रही है रेत के परिवहन में मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है यदि नियमों की बात की जाए तो हाईवा में 17 घन मीटर रेत भरने की अनुमति है लेकिन इसमें कम से कम 22 यानी की 5 घन मीटर अधिक रेत भरी जाती है एक हाईवा यानी 17 घन मीटर रेत का बाजार मूल 32000 है यानी 1882 रुपए प्रति घन मीटर हर हाईवे में पांच घन मीटर अधिक रेत होने का मतलब 9441 रुपए का माल सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार प्रतिदिन लगभग 80 हाइवा रेत खदानों से निकल रही है इस लिहाज हर दिन करीब 7 लाख 52 हजार रुपए की 400 घन मीटर रेत ओवरलोडिंग के जरिए चुराई जा रही है आंकड़ा 12000 घन मीटर और 2 करोड़ 25 लख रुपए का हो जाता है वाहनों की बॉडी से किया जाता है खिलवाड़ रेत की ओवरलोडिंग पर प्रशासन की नजर ना पड़े इसके लिए वाहनों की वाडी से छेड़छाड़ करते हुए 6 9 12 इंच तक के पटरा बॉडी कलर से मिलते-जुलते लगा दिए जाते हैं और तो और रेत के परिवहन में नियमों का पालन हो रहा है यह बताने और ओवरलोडिंग से ध्यान भटकाने हरे रंग की ग्रीन नेट डाल दी जाती है ऐसा नहीं की शहडोल जिले में ओवरलोडिंग का खेल कोई नया है बल्कि कई महीनो से कंपनी द्वारा खेला जा रहा है जिसमें परिवहन यातायातपुलिस विभाग की मिली भगत से किया जा रहा है l