गंजबासौदा
रिपोर्टर संजीव शर्मा
जिस घाट के पानी को घी में
बदला उस घाट के सिद्ध बाबा को नौलखी का निमंत्रण*
साहबा में सिद्धों की टोरिया एवं भांवर घाट सहित क्षेत्र के सिद्ध स्थान पर दिया आमंत्रण
गंजबासौदा। साकेतवासी जगन्नाथदास महाराज ने तुलसी विवाह के समय घी कम पड़ने पर जिस इमली घाट से पानी लेकर उस पानी से पूड़ियां तलवा दी थी उस स्थान के सिद्ध बाबा को भी बुधवार को फाल्गुन की बड़ी दूज पर ध्वजा, नारियल भेंट करते हुए प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आमंत्रण सौंपा गया। वेत्रवती घाट स्थित नौलखी आश्रम पर 10 अप्रैल से प्रारंभ होने जा रहे विराट प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव, संत सम्मेलन,राम कथा और रामलीला सहित अन्य आयोजन के निर्विघ्नता पूर्वक सफलता के लिए बुधवार को क्षेत्र के विभिन्न सिद्ध स्थानों पर विशेष पूजन अर्चन के साथ स्थानीय देवताओं को आयोजन का निमंत्रण सौंपा गया।
मालूमों हो कि बुधवार को फाल्गुन मास की बड़ी दूज होने के कारण क्षेत्र में कई स्थानों पर विशेष पूजन अर्चन के साथ स्थानीय देवताओं को रंग गुलाल लगाया गया। वेत्रवती घाट के पास मौजूद दशक पुराने सिद्ध बाबा स्थान और रजोदा रोड़ स्थित नवीन न्यायालय के भांवर घाट पर मौजूद स्थान पर भी आश्रम के महंत राम मनोहरदास महाराज,पंडित केशव शास्त्री, संजय पाठक एवं अन्य ब्राह्मणों के द्वारा पूजन अर्चन की गई। नौलखी पर जब भी कोई धार्मिक आयोजन होता है तब इन स्थानों पर आश्रम के महंत स्वयं चलकर आमंत्रण देते हैं और आयोजन की निर्विघ्नता पूर्वक संपन्नता के लिए विनय करते हैं। चूंकि यह आयोजन उन्हीं के क्षेत्र में हो रहा है इसलिए क्षेत्रपाल देवताओं का आवाहन करते हुए स्थानीय देवताओं को भी इस आयोजन में उपस्थित रहने के लिए आज निमंत्रण सौंपा गया है।
जिस घाट के पानी को घी में बदल दिया वहां के सिद्ध बाबा को भी दिया निमंत्रण
आश्रम से करीब 1 किलोमीटर दूर बर्रीघाट पुल के पहले वेत्रवती घाट पर ही इमली का बहुत बड़ा विशाल पेड़ साकेतवासी जगन्नाथ दास महाराज के समय से मौजूद है। पंडित केशव शास्त्री ने बताया कि साकेतवासी जगन्नाथदास महाराज इसी इमली के पेड़ के पास मौजूद सिद्धों के स्थान पर घनघोर तपस्या करते थे। तुलसी विवाह में घी कम पड़ने पर इसी घाट से पानी लेकर उन्होंने उसे घी में बदलकर उस पानी से पूड़ियाँ तलवा दीं थी, बाद में उतना ही घी नदी में वापस डाला, जितना पानी लिया गया था। हमारे क्षेत्र में सिद्धों के जितने भी स्थान हैं,अधिकतर वह इमली के पेड़ के नीचे ही स्थापित मिले हैं। उदयपुर के साहबा में सिद्धों की टोरिया सहित क्षेत्र के सभी सिद्ध स्थानों में आज बड़ी दोज पर ध्वजा,नारियल भेंट करते हुए आमंत्रण दिया गया है।नौलखी के महंत राम मनोहर दास महाराज ने बताया कि यह दोनों स्थान साकेतवासी जगन्नाथदास महाराज के तपस्वी स्थल रहे हैं। साथ ही क्षेत्र के जितने भी मठ मंदिर हैं उन स्थानों पर भी आश्रम की ओर से प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आमंत्रण आज से भेजना प्रारंभ किया जा रहा है। नौलखी आश्रम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आमंत्रण काशी,चित्रकूट, अयोध्या, वृंदावन, प्रयागराज, बद्रीनाथ,हरिद्वार, उत्तरकाशी सहित विभिन्न तीर्थ क्षेत्र में संतों के लिए भेजा जा चुका है। इस आयोजन में तीर्थ क्षेत्र के सिद्ध तपस्वी संतों का आगमन होगा। मालूम हो कि आगामी 10 अप्रैल से 20 अप्रैल तक बेत्रवती घाट पर नौलखी आश्रम में भगवान सीताराम जी के साथ-साथ भगवान जगन्नाथ स्वामी की भी प्राण प्रतिष्ठा होनी है, इस मौके पर 33 कुंडीय सीताराम महायज्ञ के अलावा अयोध्या से पधार रहे कथा व्यास रत्नेश जी महाराज द्वारा संगीतमय राम कथा का वाचन किया जाएगा। अयोध्या से आ रही प्रसिद्ध रामलीला का मंचन आयोजन स्थल पर ही रात्रि के समय होगा।