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विधानसभा चुनाव का हुआ शंखनाद सैकड़ों हजार कार्यकर्ताओं ने दिखाया दम

विधानसभा चुनाव का हुआ शंखनाद सैकड़ों हजार कार्यकर्ताओं ने दिखाया दम

जिला संवाददाता विमल गुप्ता यूपी जनपद कानपुर देहात
मोहम्मदपुर


सत्यार्थ न्यूज कानपुर देहात। 9अक्टूबर लखनऊ के कांशीराम स्मारक में हुआ महारैली से 2027 के विधानसभा चुनाव का शंखनाद। कानपुर देहात की विधानसभा भोगनीपुर के सेक्टर मोहम्मदपुर मलासा के अध्यक्ष गुलाब सिंह व शिया महासभा के जिलाध्यक्ष सैय्यद विकार अली रिज़वी उर्फ पुतान मामू के नेतृत्व में सचिव जगदीश प्रसाद, राम लखन भावी प्रधान डीग, सिपाही लाल संरक्षक, सेक्टर मोहम्मदपुर मलासा के महासचिव विमल गुप्ता व विनोद गिरसी टीम ने रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में इस महारैली का पड़ेगा सीधा असर। बहुजन समाज पार्टी को मिला हर समाज का समर्थन। सेक्टर सचिव जगदीश प्रसाद ने बताया कि कांशीराम जी एक प्रमुख भारतीय राजनेता और समाज सुधारक थे, जिन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए जीवनपर्यंत कार्य किया। उनका जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले में एक रैदासी सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम एस. हरि सिंह था और उनकी माता एक धार्मिक महिला थी। कांशीराम जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद बीएससी की पढ़ाई की और बाद में पुणे में रक्षा उत्पादन विभाग में सहायक वैज्ञानिक के पद पर नियुक्त हुए। हालांकि, जब उन्होंने जातिगत भेदभाव का अनुभव किया, तो उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम करना शुरू कर दिया। कांशीराम जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में की, जब उन्होंने दलित शोषित समाज संघर्ष समिति (डीएसएसएस) की स्थापना की। बाद में उन्होंने 1984 में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य दलितों और पिछड़े वर्गों के राजनीतिक एकीकरण और उत्थान को बढ़ावा देना था। कांशीराम जी के कुछ महत्वपूर्ण योगदान इस प्रकार हैं ।

उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए इस संगठन की स्थापना की। उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के राजनीतिक एकीकरण और उत्थान को बढ़ावा देने के लिए बहुजन समाज पार्टी पार्टी की स्थापना की। उन्होंने सरकारी नौकरियों में दलितों और पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के लिए बामसेफ संगठन की स्थापना की। उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कई कार्यक्रमों और आंदोलनों का आयोजन किया। कांशीराम जी का निधन 9 अक्टूबर 2006 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। उनकी मृत्यु के बाद, उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक उपस्थिति बनाए रखी और मायावती के नेतृत्व में कई बार सरकार बनाई।कांशीराम जी का जीवन और कार्य दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उनकी विरासत आज भी जीवित है और उनके विचारों को मानने वाले लोग उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। इस महारैली में उत्तर प्रदेश के हर जिले से सैकड़ों बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आकर राजनैतिक हलचल तेज कर दी। रैली में पैदल ट्रेन बस व अन्य साधनों से लोग एक दिन पहले ही आना शुरू हो गये थे। रैली में मिली जानकारी के अनुसार लगभग 5लाख के आसपास कार्यकर्ता अन्य राज्यों सहित उपस्थित हुए।

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