सत्यार्थ न्यूज वरिष्ठ पत्रकार हरिकृष्ण शुक्ल उन्नाव उत्तर प्रदेश
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे का उन्नाव खंड तय समय से पहले तैयार
बिना उद्घाटन शुरू हुई आवाजाही, एनएचएआई ने जताई चिंता

कानपुर-लखनऊ के बीच बन रहे 64 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का उन्नाव क्षेत्र में निर्माण कार्य तय समय से पहले पूरा कर लिया गया है। करीब 45.3 किलोमीटर लंबे इस खंड पर आधिकारिक उद्घाटन से पहले ही वाहन चलने लगे हैं। लोग उन्नाव से लखनऊ के बनी तक की दूरी अब मात्र 35 मिनट में तय कर रहे हैं। फिलहाल टोल वसूली की व्यवस्था भी लागू नहीं की गई है।
हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने इस असमय उपयोग पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि अभी एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा से जुड़े कई कार्य लंबित हैं, ऐसे में इसकी अनुमति दिए बिना यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है।
आजाद मार्ग से बनी तक दौड़ने लगे वाहन
एक्सप्रेसवे का उन्नाव से लखनऊ के बनी तक का हिस्सा निर्माण एजेंसी द्वारा तैयार कर दिया गया है। इसके बाद भी, आधिकारिक संचालन शुरू न होने के बावजूद लोग आजाद मार्ग होते हुए लखनऊ की ओर जाने लगे हैं। इस समय बिना टोल शुल्क दिए ही वाहन चालक इस रूट का लाभ उठा रहे हैं।
लखनऊ की दिशा से आने वाले दो और चार पहिया वाहन आजाद मार्ग चौराहा पर एएच-27 पर बने इंटरचेंज के माध्यम से सीधे एक्सप्रेसवे पर प्रवेश कर रहे हैं। वहीं, कानपुर की ओर जाने वाले वाहनों के लिए आजाद मार्ग से रास्ता बंद होने के कारण चालक गदनखेड़ा चौराहा से होकर उन्नाव-लालगंज हाईवे से होते हुए कोरारी के पास स्थित इंटरचेंज से एक्सप्रेसवे पर चढ़ रहे हैं।
मुख्य हाईवे से जोड़ने के लिए दो इंटरचेंज
एलिवेटेड एक्सप्रेसवे को दो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ा गया है—कानपुर-लखनऊ (एएच-27) और उन्नाव-लालगंज (रायबरेली) हाईवे। उन्नाव जिले में दो स्थानों पर इंटरचेंज बनाए गए हैं।
पहला इंटरचेंज आजाद मार्ग चौराहा पर स्थित है, जहां से कानपुर या लखनऊ की ओर से वाहन सीधे एक्सप्रेसवे पर चढ़ सकते हैं। दूसरा इंटरचेंज अचलगंज के निकट कोरारी गांव के पास है, जहां से रायबरेली की ओर से आने वाले वाहन एक्सप्रेसवे पर प्रवेश कर सकते हैं।
“अभी सफर खतरनाक, मार्गों को बंद कराया जाएगा” – एनएचएआई
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कर्नल शरद चंद्र सिंह ने बताया कि एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है, लेकिन कुछ कार्य जैसे बंथरा में इंटरचेंज, फेंसिंग, रिफ्लेक्टर, मार्ग प्रकाश व्यवस्था और संकेतकों की स्थापना अभी बाकी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मार्ग फिलहाल जनता के उपयोग के लिए अधिकृत नहीं है।
“बिना सुरक्षा मानकों के पूरा हुए सफर करना खतरनाक हो सकता है। जहां-जहां से वाहन इस पर पहुंच रहे हैं, उन मार्गों को बंद कराने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है,” — कर्नल सिंह ने कहा।
एनओसी मिलने के बाद ही शुरू होगा विधिवत संचालन
निर्माण एजेंसी के प्रशासनिक अधिकारी उदित कुमार जैन ने जानकारी दी कि एक्सप्रेसवे पर विधिवत संचालन से पहले एनएचएआई की उच्च स्तरीय तकनीकी टीम निरीक्षण करेगी।
टीम द्वारा मार्ग संकेतक, रिफ्लेक्टर, सोलर ब्लिंक लाइट, फेंसिंग और अन्य सुरक्षा मानकों की जांच के बाद एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) दिया जाएगा। उसके बाद ही टोल व्यवस्था के साथ यह एक्सप्रेसवे आम जन के लिए खोल दिया जाएगा।
जनता में उत्साह, लेकिन सावधानी जरूरी
इस एक्सप्रेसवे के जरिए कानपुर और लखनऊ के बीच सफर आसान और तेज हो जाएगा। ऐसे में लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। हालांकि, जब तक सभी निर्माण कार्य और सुरक्षा प्रबंध पूरे नहीं हो जाते, तब तक प्रशासन ने लोगों से इस मार्ग का प्रयोग न करने की अपील की है।
📌 एक्सप्रेसवे की प्रमुख विशेषताएं:
* कुल लंबाई: 64 किमी (कानपुर-लखनऊ)
* उन्नाव खंड की लंबाई: 45.3 किमी
* निर्धारित समय से पूर्व निर्माण पूर्ण
* दो प्रमुख इंटरचेंज: आजाद मार्ग (कानपुर रोड) व कोरारी (रायबरेली रोड)
* औसतन सफर का समय: 35 मिनट (उन्नाव से बनी, लखनऊ)
* टोल वसूली अभी आरंभ नहीं
* एनओसी एवं सुरक्षा परीक्षण लंबित
संपर्क मार्ग तो खुल गए, लेकिन अधिकारी कह रहे हैं – “अभी नहीं, थोड़ा इंतजार करें”।
रफ्तार से पहले सुरक्षा जरूरी है।














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