सत्यार्थ न्यूज वरिष्ठ पत्रकार हरिकृष्ण शुक्ल उन्नाव उत्तर प्रदेश
पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर के नेतृत्व में पुलिस फिर से जोश में
अपराध पर ‘भूकर स्ट्राइक’ उन्नाव में अब गैंगस्टर नहीं, कानून की चलती है

उन्नाव– उन्नाव जिले के अपराध जगत के लिए 13 सितम्बर यह तारीख कयामत बनकर आई थी। पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने जैसे ही जिले की कमान संभाली, अपराधियों की उलटी गिनती शुरू हो गई। एक साल के भीतर उन्नाव की पहचान बदल दी – *अब यहां लूट, गैंगवार और रंगदारी नहीं, कानून का राज है।
🔺 आँकड़ों से नहीं, इनकाउंटर से बदला मिज़ाज
एसपी भूकर की रणनीति साफ थी – ‘जो सुधरे, उसे मौका, जो न माने, सीधा कानून का डंडा।’
इसी नीति के तहत बीते 1 वर्ष में 30 इनकाउंटर किए गए।
इन मुठभेड़ों में:

* 42 खतरनाक अपराधी गिरफ्त में आए
* 61 को सलाखों के पीछे भेजा गया
* कई पर गैंगस्टर और NSA की कार्रवाई हुई
यह सिर्फ पुलिसिया कार्रवाई नहीं, बल्कि जिले को गैंगमुक्त बनाने का मिशन था।
🔺 ‘ऑपरेशन क्लीन’ से कांप उठे अपराधी
* 31 गैंगस्टर एक्ट के केस दर्ज
* 112 अपराधियों पर कार्रवाई
* 69 को जिला बदर
* 74 नई हिस्ट्रीशीट खोली गई
इन आंकड़ों में छुपी है वो कहानी, जो बताती है कि अब उन्नाव में अपराधी नाम बदलकर भी चैन से नहीं जी सकते।
थाने से चौकी तक, निगरानी का आधुनिक जाल
पुलिस की सक्रियता अब सिर्फ कागज़ों में नहीं।
* हर चौकी से रियल टाइम फीडबैक
* डिजिटल मॉनिटरिंग, मोबाइल ट्रैकिंग और ड्रोन निगरानी
* CC कैमरों से हर संदिग्ध गतिविधि पर नज़र
अब पुलिस पीछे नहीं भागती, अपराध पहले ही पकड़ लिए जाते हैं।
“सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, माहौल बनाना है” – एसपी दीपक भूकर*
“हमारी लड़ाई अपराध से है, अपराधी से नहीं। हमारा मकसद सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, बल्कि ऐसा माहौल बनाना है जहां आम आदमी बेखौफ जी सके।” — दीपक भूकर, पुलिस अधीक्षक, उन्नाव
एसपी भूकर का ये बयान केवल शब्द नहीं, उनकी कार्यशैली की झलक है।
जिस जिले में पहले गिरोहों की दहशत थी, अब वहां नागरिक बेखौफ घूमते हैं।
* बैंक लूट रुक गईं
* शातिर लुटेरे भूमिगत या गिरफ्तार
* गैंगवार की घटनाएं शून्य के करीब
अब उन्नाव अपराध की नहीं, कानून की मिसाल बन रहा है।*
निष्कर्ष: “भूकर मॉडल” बन रहा है यूपी पुलिस के लिए उदाहरण:-
दीपक भूकर का एक साल का कार्यकाल साबित करता है कि यदि इरादा साफ हो, रणनीति ठोस हो और टीम सक्रिय हो, तो अपराध चाहे जितना बड़ा हो – उसका सफाया तय है।
अब सवाल यह है कि क्या आने वाले दिनों में यह लय बरकरार रहेगी?
क्या ‘भूकर मॉडल’ पूरे प्रदेश में लागू किया जा सकता है?*
जो भी हो, फिलहाल उन्नाव ने अपराधियों पर नकेल करना सीख लिया है – बेखौफ और सुरक्षित।*















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