श्योपुर कराहल
महिलाओं की सशक्तिकरण में निहित है देश की उन्नति-अनिल भाई
कराहल महिलाओं को स्वयं आगे ग्राम सभा और विशेष ग्राम सभा की बैठक में भागीदारी कर अपने हक और अधिकार से जुड़ी शासकीय योजनाओं की मांग करके, लेना पड़ेगा तब महिलायें सशक्त होंगी और जब महिलायें सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढेंगी तो देश उन्नत होगा। उक्त उदगार महात्मा गाँधी सेवा आश्रम जौरा के अनिल भाई ने कही।
उन्होनें महिलाओ के लिए चलाई गईं योजनाओं विश्वकर्मा योजना, लाडली लक्ष्मी आवास योजना, पोषण राशि, उज्जवला गैस योजना और आजीविका मिशन इत्यादि योजनाओं की बात कही
उन्होनें सहरिया महिलाओं के क्षमता विकास के लिए आयोजित प्रशिक्षण में महिलाओं को सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं विश्वकर्मा योजना, लाडली लक्ष्मी आवास योजना, पोषण राशि, उज्जवला गैस योजना और आजीविका मिशन इत्यादि के बारे बताया। जंगल का दोहन के साथ जंगल को बढ़ाने लिए उन्होने महिलाओं को बताया। जल, जंगल और जमीन बचेगा तो पर्यावरण भी बचेगा और जलवायु परिवर्तन की मार से गरीब उबर सकेंगे। आश्रम के नीरज श्रीवास्तव ने महिलाओं को पेसा कानून और ग्राम स्वराज्य के बारे में बताया और भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया । उन्होंने ग्राम स्तर योजनाओं के निर्माण में भागीदारी पर बल दिया । कृषि विशेषज्ञ पुनीत मिश्रा ने बहुफसली और कम पानी वाली फसलों की खेती के बारे में बताया। किरन सिंह ने महिलाओं की समाज और परिवार में स्थिति का चित्रण करते हुए बाधाओं को पारकर नेतृत्व संभालने के लिए समझाया और बताया कि परिवार में सबसे अधिक मेहनत का काम महिलायें करती हैं किन्तु उनकी स्थिति सबसे कमजोर है. महात्मा गांधी सेवा आश्रम से ज्योति रजक ने सभी प्रतिभागियों को घर-घर पर पोषणवाड़ी लगाकर स्वावलम्बी बनने के लिए बताया और पोषणवाडी का भ्रमण कराकर बेहतर तरीके से सब्जी उगाने के लिए समझ बढ़ाया। सत्र का सञ्चालन नीलम कुशवाहा ने किया ।
ज्ञात हो कि महात्मा गांधी सेवा आश्रम के द्वारा महिला सशक्तिकरण पखवाड़ा के अंतर्गत जीवन परियोजना में ग्रामस्वराज्य और महिला नेतृत्व की क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण का आयोजन भैरापुरा स्थित किसान पाठशाला के प्रांगण में किया गया था। किसान पाठशाला के संचालक सुखलाल आदिवासी ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया गया। प्रशिक्षण के आयोजन में नीलम और दुर्गा कुशवाहा, रामप्रसाद आदिवासी इत्यादि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। प्रशिक्षण में कांदरखेड़ा, पारोंद, भैरोपुरा, सोनीपुरा, मेहरबानी, बदंरहार और बांकुरी की चार दर्जन महिलाओं ने भागीदारी की।