सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता मीडिया प्रभारी
राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में पारा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। तेज गर्मी के कारण हीट स्ट्रोक का रिस्क काफी बढ़ जाता है। ऐसे में इसके लक्षण बचाव के तरीके और इलाज के बारे में सही जानकारी होनी जरूरी है ताकि हीट स्ट्रोक से जान बचाई जा सके।
HighLights
1.हीट स्ट्रोक में शरीर तापमान कंट्रोल नहीं कर पाता है
2.समय पर इलाज न मिलने से हीट स्ट्रोक की वजह से जान भी जा सकती है
3.हीट स्ट्रोक के लक्षण पता होना जरूरी है,ताकि वक्त पर इलाज मिल सके।
बढ़ते तापमान ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। तपती गर्मी के कारण घर से बाहर कदम रखना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में गर्मी बढ़ने की वजह से हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। हीट स्ट्रोक एक बेहद गंभीर स्थिति है। जिसमें शरीर का टेम्परेचर कंट्रोल सिस्टम फेल हो जाता है। इसलिए शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता जाता है,जो इलाज न मिलने पर जानलेवा हो जाता है। इसलिए इस तेज गर्मी में सभी को हीट स्ट्रोक से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां होनी ही चाहिए। जैसे इसके लक्षण कैसे होते हैं और इससे बचाव (करने के लिए क्या करना चाहिए। आइये जानते हैं कि हीट स्ट्रोक के लक्षण कैसे होते हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
हीट स्ट्रोक से पहले अक्सर हीट एक्जॉशन (थकावट) के लक्षण दिखाई देते हैं,जैसे-
बहुत ज्यादा प्यास लगना
सिरदर्द और चक्कर आना
मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी
जी मिचलना या उल्टी होना
अगर इन लक्षणों को नजर अंदाज किया जाए,तो यह हीट स्ट्रोक में बदल सकता है,जिसके लक्षण कुछ ऐसे हो सकते हैं-
40°C या उससे ज्यादा बॉडी टेम्परेचर
हार्ट बीट बहुत तेज होना
भ्रम,बेहोशी या बोलने में परेशानी
पसीना आना बंद हो जाना
त्वचा का गर्म और सूखा होना
दौरे पड़ना या कोमा में चले जाना
हीट स्ट्रोक का तुरंत इलाज
हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें तुरंत एक्शन लेना जरूरी है। अगर किसी में हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखें, तो तुरंत ये कदम उठाएं-
ठंडी जगह पर ले जाएं- छाया या एसी वाले कमरे में पहुंचाएं।
शरीर को ठंडा करें- गीले कपड़े, आइस पैक या ठंडे पानी से शरीर को पोंछें।
हाइड्रेट करें- अगर मरीज होश में है, तो ओआरएस या ठंडा पानी पिलाएं।
तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें- हीट स्ट्रोक का मामला बहुत गंभीर होता है। इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करें?
पानी पीते रहें- दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं। इसके अलावा, नारियल पानी, छाछ या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स पिएं, ताकि शरीर पूरी तरह हाइड्रेटेड रहे।
धूप में निकलने से बचें- दोपहर 11 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर न निकलें। अगर निकलना जरूरी हो, तो छाता, टोपी और सनग्लासेस पहनें।
सही कपड़े चुनें- हल्के रंग के,ढीले और सूती कपड़े पहनें। सिंथेटिक कपड़ों से बचें, क्योंकि ये पसीना सोखते नहीं।
इनका खास ध्यान रखें- बच्चे,बुजुर्ग,प्रेग्नेंट महिलाएं और दिल के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अगर कहीं बाहर जा भी रहे हैं, तो कार में बच्चों या पेट्स को अकेला न छोड़ें।
अल्कोहल और कैफीन से परहेज- चाय,कॉफी और शराब डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं, इसलिए शराब बिल्कुल न पिएं। कैफीन वाले ड्रिंक्स भी दिनभर में सिर्फ एक कप पिएं और कोशिश करें कि इनकी जगह छाछ या जूस पिएं।