कुरुक्षेत्र:- पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सोमवार (29 अप्रैल) को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पानी के मसले को लेकर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा ने पानी का अपना सालाना कोटा पहले ही समाप्त कर लिया है, इसके बावजूद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के माध्यम से हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के लिए दबाव बना रही है.
उन्होंने कहा, ”बीजेपी की केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के पानी को लेकर एक और गंदी चाल चली जा रही है, हम इसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे. बीजेपी जबरदस्ती भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) पर दबाव बना रही है कि हरियाणा को पानी दो. जबकि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है.”
‘हरियाणा ने मार्च के अंत तक पानी का कोटा खत्म कर लिया’
सीएम भगवंत मान ने स्पष्ट करते हुए कहा, ”जल-बंटवारे के समझौतों के तहत, पंजाब हर साल 21 मई से 21 मई तक हरियाणा और राजस्थान को पानी आवंटित करता है. इस साल, हरियाणा ने मार्च के अंत तक अपना पूरा कोटा पहले ही खत्म कर दिया था, फिर भी वे अप्रैल और मई के लिए और अधिक पानी की मांग कर रहा है.”
पिछली सभी सरकारों ने मिलीभगत की- भगवंत मान
पंजाब की पिछली सरकारों पर तीखा हमला करते हुए सीएम मान ने कहा, “पहले इस बात की कोई पारदर्शी निगरानी नहीं थी कि कौन सा राज्य कितना पानी इस्तेमाल कर रहा है. पिछली सभी सरकारों ने मिलीभगत की और दूसरों को उनके हिस्से से अधिक पानी लेने दिया. हमने अब इस व्यवस्था को सुव्यवस्थित कर दिया है.”
‘पंजाब से एक भी अतिरिक्त बूंद की उम्मीद मत रखिए’
उन्होंने पंजाब में बढ़ती सिंचाई मांगों पर भी फोकस किया और कहा कि राज्य में एक्स्ट्रा पानी देने की क्षमता ही नहीं है. भगवंत मान ने आगे कहा, “जब हमारे अपने किसानों को जरूरत है तो हम हरियाणा को अतिरिक्त पानी कैसे दे सकते हैं? इसके बावजूद, हमने मानवीय आधार पर 4,000 क्यूसेक पानी दिया. पंजाब से एक भी अतिरिक्त बूंद की उम्मीद मत रखिए. पानी हमारे किसानों की बुनियादी जरूरत है. कृपया हम पर दबाव डालना बंद करें.”
पंजाब के पानी को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा की केंद्र सरकार पंजाब के पानी को लेकर एक और गंदी चाल चल रही है। वह इसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के माध्यम से वह अतिरिक्त पानी देने का दबाव बना रही है, लेकिन उनके पास एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है और वह हरियाणा को उसके हिस्से का पानी पहले ही दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार उन पर दबाव बना रही है और कोझी चाल चल रही है, जिसे वह किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। गौरतलब है कि बी.बी.एम.बी. की बैठक में पंजाब ने हरियाणा को पानी देने से साफ इंकार कर दिया है।
बीती सर्दी के सीजन के दौरान पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर दिखने लगा है जब पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा में एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है। बीती 24 अप्रैल को हुई भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की तकनीकी कमेटी में हरियाणा ने 8500 क्यूसिक पानी और मांग लिया है जबकि वह अपने कोटे का पूरा पानी उपयोग कर चुका है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान और सांसद मालविंदर सिंह कंग ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी बीबीएमबी के जरिए हम पर अतिरिक्त पानी देने का दबाव बना रही है। हमारे पास किसी को देने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है। बीबीएमबी की बैठक में भी हरियाणा ने अतिरिक्त पानी का दबाव बनाया।
पंजाब के CM भगवंत मान ने 7.17 मिनट का वीडियो जारी कर पानी कटौती और उसके पीछे की वजह के बारे में बताया।
आम आदमी पार्टी ने शेयर किया वीडियो
मुख्यमंत्री भगवंत मान और सांसद मालविंदर सिंह कंग ने भी एक वीडियो जारी करके कहा कि बांधों में पानी के हिसाब से तीनों राज्यों पर आधारित कमेटी 21 मई से लेकर अगले साल की 21 मई तक अपनी मांग के अनुसार कोटा फिक्स करती है। हरियाणा ने अपने हिस्से का कोटा मार्च महीने में ही खत्म कर लिया है।
अब वह 8500 क्यूसिक पानी अतिरिक्त तौर पर मांग रहा है और बीबीएमबी के जरिए हम पर दबाव बना रहा है। उन्होंने कहा कि बादल सरकार या कैप्टन सरकार के समय पानी का कोई हिसाब नहीं रखा जाता था लेकिन हम एक एक बूंद का हिसाब रखते हैं। हमने अपना नहरी सिस्टम ठीक करके अंतिम छोर तक पानी पहुंचाया है। हर रोज नई जमींदोज पाइपें पड़ रही हैं ताकि कोई खेत पानी के बिना न रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ने अपने हिस्से का पानी उपयोग करने में कोई संयम नहीं बरता। अब हमसे अतिरिक्त पानी की उम्मीद कर रहे हैं जबकि अगले महीने हमें धान की फसल लगाने के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता है। इसके बावजूद हम 4000 क्यूसिक अतिरिक्त पानी पीने के लिए दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारे पास पानी की एक भी बूंद नहीं है और हम अपने ही पानी का इस्तेमाल अपने लिए कर रहे हैं। हमने आपको आपके हिस्से का पानी पहले ही दे दिया है। आपने इसे दो महीने पहले इस्तेमाल किया है. अभी भी मानवता के आधार पर हम 4000 क्यूसिक पानी दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा कहती है कि उन्होंने इंडस जल समझौता रद करके पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोक दिया है, यह पानी हमें दे दीजिए। हमारे बांध भर दीजिए और हम इसे हरियाणा को दे देंगे। चिनाब, झेहलम का पानी तो पंजाब से गुजरकर भेजना होगा। हमारे ऊपर से तो कोई रास्ता नहीं है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तीनों डैम में पानी पिछले साल की अपेक्षा काफी कम है। भाखड़ा डैम में पिछले साल पानी 1567 फुट था जो इस साल 1555 फुट है। पौंग बांध में पिछले साल पानी 1325 फुट था जो इस साल कम होकर 1293 फुट रह गया और रंजीत सागर डैम में पानी पिछले साल 506 मीटर था जो इस साल 501 मीटर रह गया है, यानी 16 फुट कम।
काबिले गौर है कि इस साल सर्दियों में पहाड़ों पर बर्फबारी पिछले सालों की अपेक्षा काफी कम हुई है जिससे बीबीएमबी को अनुमान है कि पानी उतना नहीं मिल पाएगा। हालांकि इस बार अभी तक मौसम विभाग ने सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है लेकिन गर्मियों में पानी का संकट गहराना तय है।
मान की मांग,
पंजाब में छोड़ें पाक का पानी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा में पानी की कमी को लेकर सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार पाकिस्तान की तरफ जाने वाले पानी को रोकने की बात कर रही है। भगवंत मान ने कहा कि पाकिस्तान को जाने वाला पानी पंजाब के डैम में डायर्वट कर दिया जाए। पंजाब के डैम में जब पानी आएगा तो वह हरियाणा को भेज दिया जाएगा। मान ने कहा कि भाजपा बीबीएमबी के माध्यम से दबाव बना रही है।
पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है। वर्तमान में केवल मानवीय पहलू के आधार पर पानी सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल आज के दिन के मुकाबले पौंग डैम में 24 फुट तो रणजीत सागर डैम में 39 फुट पानी कम है। ऐसे में केंद्र सरकार पाकिस्तान को जाने वाले पानी को पंजाब के डैम में डायवर्ट करे तो पंजाब को आगे सप्लाई देने में कोई हर्ज नहीं है।
हरियाणा और पंजाब सरकार में भाखड़ा नहर के पानी को लेकर टकराव हो गया है। पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले पानी में कमी कर दी है। पहले हरियाणा को रोजाना साढ़े 9 हजार क्यूसिक पानी मिल रहा था। अब इसे घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया है।इस फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी ज्यादा पानी नहीं है। हरियाणा सरकार 2 महीने पहले ही अपने कोटे का सारा पानी इस्तेमाल कर चुकी है।
CM भगवंत मान ने आगे कहा-
अगर केंद्र सरकार को जरूरत है तो पाकिस्तान जाने से जो पानी रोका है, वह पंजाब के डैम में भर दें, हम उसे आगे हरियाणा को दे देंगे। वहीं, पंजाब सरकार के इस फैसले पर हरियाणा सरकार ने कड़ी आपत्ति जताते हुए शर्तों के हिसाब से पानी देने को कहा है।
इधर, इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार केंद्र के पास पहुंची है। हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने आज दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने हरियाणा में जल संकट की स्थिति पर चर्चा की। अब संभावना है कि इस मामले में केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर पंजाब सरकार से बात करेगी और मामला हल कराएगी। पंजाब की ओर से पानी बंद करने के मामले को लेकर हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की।
इस मामले से जुड़े 3 अहम सवाल-जवाब…
1. पंजाब सरकार ने क्या फैसला लिया? पंजाब और हरियाणा सरकार में 1981 में पानी का समझौता हुआ था। इसके तहत भाखड़ा नहर से पंजाब हरियाणा और राजस्थान को पानी देता है। अभी तक पंजाब हरियाणा को डेली साढ़े 9 हजार क्यूसिक पानी दे रहा था, जिसे 15 दिन पहले से घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया गया है।
2. पानी की कमी से हरियाणा पर क्या असर होगा? पंजाब सरकार की इस कटौती का असर हरियाणा में पेयजल और सिंचाई पर पड़ेगा। प्रदेश के 5 जिलों में पानी को लेकर संकट पैदा हो सकता है। इनमें हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़ शामिल हैं। इन जिलों को पंजाब की भाखड़ा नहर से आने वाले पानी से ही आपूर्ति मिलती है।
3. हरियाणा CM ने इस मामले में क्या किया? हरियाणा के CM नायब सैनी ने इसे लेकर पंजाब CM भगवंत मान से बात की है। हरियाणा सरकार से जुड़े सोर्सेस के मुताबिक, CM सैनी ने पंजाब CM मान को कहा है कि यह फैसला ठीक नहीं है। जल्द ही उन्हें हरियाणा को शर्तों के हिसाब से पूरा पानी देना पड़ेगा।
जानिए, किस समझौते के तहत हरियाणा को पंजाब से पानी मिल रहा केंद्र सरकार ने साल 1976 में पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी में से 3.5 एमएएफ पानी हरियाणा को देने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए सतलुज-यमुना को जोड़ने वाली SYL नहर परियोजना बनी।
मगर, इस नहर का विरोध होने पर SYL का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। इसके बाद साल 1981 में संबंधित राज्यों के बीच फिर जल समझौता हुआ। वर्तमान में हरियाणा को पंजाब से लगभग 1.8 एमएएफ पानी मिल रहा है। यह पानी कई जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
हरियाणा का पानी कम करने पर पंजाब CM की 5 अहम बातें…
1. हरियाणा सारा पानी इस्तेमाल कर चुका पंजाब CM भगवंत मान ने कहा- भाजपा पंजाब के साथ एक और चाल चल रही है, जिसे हम कामयाब नहीं होने देंगे। भाजपा जबरन दबाव बना रही है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के जरिए हरियाणा को ज्यादा पानी दो। जबकि, हरियाणा अपने हिस्से का सारा पानी इस्तेमाल कर चुका है।
CM ने कहा कि पानी का जो हिसाब-किताब होता है, यह 21 मई से शुरू होकर अगले साल की 21 मई तक का होता है। इसमें कोटा फिक्स होता है कि पंजाब ने जो एग्रीमेंट किए हैं, उसके मुताबिक एक साल में कितना पानी हरियाणा और कितना राजस्थान को देना है।
2. बादल-कैप्टन के वक्त हिसाब-किताब नहीं रखा मुख्यमंत्री मान ने कहा- पहले कभी हिसाब-किताब रखा ही नहीं गया। पहले बादल (पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल) और कैप्टन (पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह) के समय कोई चक्कर नहीं था। वह ज्यादा पानी इस्तेमाल कर लेते थे। सब आपस में मिले हुए थे। अब हमने अपना नहरी सिस्टम ठीक कर लिया है। 30-40 साल बाद पानी पहुंच रहा है।
3. हरियाणा ने 2 महीने पहले कोटे का पानी यूज किया CM मान बोले- मैं यह क्लियर करना चाहता हूं कि हम हरियाणा को ज्यादा पानी नहीं दे सकते। पंजाब का CM होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि एक बूंद भी पानी हमारे पास फालतू नहीं है। हम अपने लिए अपना पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। हम हरियाणा को पहले ही उनके हिस्से का पानी दे चुके हैं, जिसे वह 2 महीने पहले ही इस्तेमाल कर चुके हैं।
4. किसी को प्यासा नहीं मारेंगे, इसलिए पानी सप्लाई नहीं रोकी मुख्यमंत्री मान ने कहा-
अब भी हम मानवता के आधार पर 4 हजार क्यूसिक पीने लायक पानी दे रहे हैं। हम किसी को प्यासा नहीं मार सकते। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि जो वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान से पानी छीन लिया, वहां पानी नहीं जाने देंगे। वह पानी हमें दे दो, हमारे डैम भर दो, हम आगे दे देंगे। जो कह रहे हो कि चिनाब, झेलम, उज्ज और कश्मीर नदी का पानी रोकोगे, उसे हमारी तरफ डायवर्ट कर दो। भाजपा इस पर राजनीति न करे। यह हमारी जरूरत है।
5. डैम में पानी कम, हम कहां से दें पंजाब के CM ने बताया कि पिछले साल आज की तारीख में रणजीत सागर डैम में जितना पानी था, उससे आज 39 फुट कम है। पौंग डैम में पिछले साल के मुकाबले 24 फुट कम है।
उन्होंने कहा- हम पानी कहां से दे दें? हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी फालतू पानी नहीं है। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि हम पर फालतू दबाव न डाले। हम दबाव में आने वाले नहीं हैं। हमसे एक बूंद भी फालतू पानी की उम्मीद न करो।