जीव दया : बेजुबान परिंदो के लिए निजी खर्च से परिंडे बांधकर कर रहे दाना-पानी की व्यवस्था, जिम्मेदारी देकर दिला रहे संकल्प
20 वर्षों से दाना पानी अभियान चला रहे पिड़ावा के राजेन्द्र जैन, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई ग्रामो में बांध रहे परिंडे
बुधवार सत्यार्थ न्यूज से मनोज कुमार माली सोयत कला
नगर में गर्मी की तपती दोपहर हो या भीषण लू की मार, निर्दोष परिदों की प्यास बुझाने को जब कोई मानव आगे आता है तो वह सेवा नही, करूणा का सजीव उदाहरण बन जाता है। भीषण गर्मी के इस दौर में बेजुबान परिंदों की प्यास बुझाने के लिए कुछ समाजसेवी लोग अपने निजी ख़र्च से दाना-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। ये समाजसेवी अपने इस पुनीत कार्य के लिए अपने क्षेत्र की सरहदों के बाहर अन्य राज्य में भी पहुँच रहे है। जहाँ हर संस्था, खेत, सार्वजनिक स्थान, मन्दिर और हर एक वह जगह जहां परिंदो का बसेरा होता है वहां पानी और दाने के लिए परिंडे बांधकर इन परिंडो में रोजाना ज्वार के दाने और पानी भरने की जवाबदारी संकल्प दिलाकर सौप रहे है। राजस्थान के पिड़ावा निवासी सेंट्रल एजुकेशनल संस्थान के संचालक राजेन्द्र सिंह जैन बना यह कार्य विगत 20 वर्षों से दाना पानी अभियान चलाकर कर रहे है। अभियान के तहत रविवार को तहसील के सोयत व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में परिंडे बांधे गए। बुधवार को तहसील के ग्राम पटपडा, सालरिया सहित अन्य ग्रामो में परिंडे वितरित किए जाएंगे। राजेन्द्र जैन के अनुसार सन 1997 में इस अभियान की शुरुआत की गई थी।
तत्कालीन कलेक्टर ने जनसहयोग से लगवाए थे 1 लाख परिंडे
वर्ष 2005 में सेंट्रल एजुकेशनल संस्थान के माध्यम से तत्कालीन जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी की मौजूदगी में एक बड़ा कार्यक्रम कर दाना पानी अभियान चलाया गया था। अभियान से प्रेरित होकर तत्कालीन कलेक्टर सोनी ने पूरे झालावाड़ जिले में लोगो को जागरूक करते हुए करीब एक लाख परिंडे जन सहयोग से बंधवाने का कार्य किया था। राजेन्द्र सिंह बना बताते है कि इस वर्ष भी प्रतिदिन झालावाड़ जिले सहित मध्यप्रदेश के आगर जिले के कई ग्रामों में पहुँचकर एक हजार के करीब परिंडे बांधकर दाना पानी की जिम्मेदारी सौपी गई है। इस वर्ष एक माह से जारी यह अभियान अभी भी जारी है। राजेन्द्र सिंह जैन के अनुसार दिगम्बर जैन संत मुनि ब्रह्मानन्द जी की प्रेरणा से यह पुनीत कार्य जारी है। जिसमे पक्षियों के लिए ज्वार दाने, पानी के सकोरे के साथ अब चींटियों के लिए भी दाने की व्यवस्था की जा रही है।
राजेश जैन पूरा कर रहे क्षेत्र के मंदिरो में सकोरे बांधने का संकल्प
जीव दया प्रेमी सुसनेर के राजेश जैन घड़ीवाले ने भी इस वर्ष यह जीव दया का पुनीत कार्य शूरु किया है। राजेश जैन अपने निजी खर्च से क्षेत्र के प्रत्येक मंदिर में पहुँचकर पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए पानी के सकोरे बांधने का संकल्प पूरा कर रहे है। साथ मन्दिर के पुजारी को सकोरो में प्रतिदिन पानी भरने की जिम्मेदारी का संकल्प भी दिला रहे है। जैन ने सोमवार-मंगलवार को नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, श्री चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर, श्री खेड़ापति हनुमान मन्दिर मठ, छत्री चौक के वीर हनुमान मंदिर, चैतन्य हनुमान मंदिर सहित नगर के विभिन्न मंदिरों में सकोरे बांधे है। नगर के अन्य मंदिरो में भी सकोरे बांधने का कार्य जारी है। उनके इस कार्य से प्रेरित होकर ग्रामीण मंदिरो के पुजारी उनसे निःशुल्क सकोरे लेकर जा रहे है। जैन का कहना है कि भीषण गर्मी के इस दौर में जहां इंसान अपने सूखे कंठो को तर करने के लिए तरस जाता है वहा बेजुबान परिंदो की तो मुसीबत ही हो जाती हैं। काफी समय से मन मे इस कार्य को करने की इच्छा थी। इस कार्य को करके मन को काफी सुकून महसूस होता है। उन्होंने सभी लोगो से अपने घरों की छतों ओर गैलरियों में सकोरे बांधने की अपील की है।
फोटो – राजेन्द्र सिंह जैन बना परिंडे देकर संकल्प दिलाते हुए।
फोटो – मंदिरो में सकोरो बांधते हुए सुसनेर के राजेश जैन।